खोज

अमाजोन के आदिवासी अमाजोन के आदिवासी 

नये मिशनरी एवं अमाजोन की कलीसिया का चेहरा

धरती एवं आदिवासी लोगों की पुकार, कई समुदायों की पुकार है जो विस्तृत क्षेत्र में फैले हैं तथा यूखरिस्त एवं अन्य संस्कारों की मांग कर रहे हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्तिवार, 10 अक्टूबर 2019 (रेई)˸ सिनॉड के प्रतिभागियों ने आदिवासी लोगों द्वारा सृष्टि की देखभाल एवं सम्मान के लिए पुकार के साथ-साथ एक अन्य प्रकार की पुकार को सुना। यह उन पुरोहितों की पुकार है जिनकी संख्या केवल दर्जनभर है किन्तु उन्हें 500 समुदायों की देखभाल करनी पड़ती है। वे करीब एक लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैले हैं और जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में काफी कठिनाई होती है। इस संबंध में पुरोहितों के सच्चे दृष्टिकोणों पर ध्यान दिये जाने पर विचार किया गया, जो एक ऐसा दृष्टिकोण है जिसमें खुद का रोना नहीं है और न ही यूखरिस्त में भाग लेने में असमर्थ होने के कारण उत्पन्न हुई है बल्कि यह उन ख्रीस्तियों की है जो पुरोहितों के अभाव में पापस्वीकार किये बिना और अंतिम संस्कार प्राप्त किये बिना मर रहे हैं।  

पीड़ा की यह पुकार हर विचार में, जवाब देने की हर कोशिश में, विभिन्न पदों के बीच हर टकराव में सुनाई पड़ रही है। यह एक मुद्दा है जिसके अपने खास लक्षण और विशेषताएँ हैं जिन्हें दूसरे मुद्दे से नहीं मिलाया जा सकता। अतः अमाजोन के सुसमाचार प्रचार पर सिनॉड को संभावित प्रतिक्रियाओं का सुझाव देने के लिए कहा जाता है। उनमें से एक अपवाद और प्रयोगात्मक आधार पर संभावना है विवाहित पुरूषों का पुरोहित अभिषेक जो विश्वास में सिद्ध हों (पुरोहितों को विवाह के लिए अनुमति देने का अर्थ  ब्रह्मचर्य को समाप्त करना अथवा उसे एक विकल्प मान लेना न हो।) हालांकि, केवल यही एकमात्र रास्ता नहीं है जो मीडिया बहस का मुख्य मुद्दा बनता है।  

वास्तव में, इसके दूसरे रास्ते भी हैं तथा दूसरे तरह से भी इस समुदाय की पुकार को प्रत्युत्तर दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए स्थायी उपयाजक को अधिक महत्व देकर जिसमें विवाहित व्यक्ति भी भाग ले सकते हैं। आदिवासी बुलाहट के उचित प्रशिक्षण एवं देखभाल के लिए प्रतिबद्ध होना। यह भी आवश्यक है कि याजकों, धर्मसमाजियों एवं लोकधर्मियों को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षण दिया जाए। लोकधर्मियों के नये मिशन की संभावना, विशेषकर, महिलाओं के मिशन पर प्रकाश डाला गया, जिसमें अनेक धर्मबहनों के असाधारण समर्पण को स्वीकार किया गया, जो अमाजोन समुदाय की सेवा में अपना जीवन समर्पित करती हैं।      

यूखरिस्त ही कलीसिया का निर्माण करता है। यूखरिस्त समारोह ही ख्रीस्तीय जीवन का केंद्र, स्रोत और आधार है। यह पवित्र आत्मा की रचनात्मकता ही है कि जहाँ पुरोहितों की पहुँच नहीं है वहाँ नये मिशन की परिकल्पना की गयी है ताकि अमाजोन के लोगों की आवश्यकता की पूर्ति की जा सके। ईशवचन की उदघोषणा, समुदाय का संचालन, बपतिस्मा संस्कार, विवाह संस्कार, रोगियों के संस्कार और साथ ही साथ, शव के दफन क्रिया में भाग लेकर विश्वासियों का साथ दिया जा सकता है। ये नये रास्ते हैं जिसमें सबसे पहले आदिवासियों को प्रेरितिक प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। उन्हें स्थायी उपयाजक और नया अभिषेकरहित सेवक बनाना चाहिए जो उस वरदान को समझ सकें जिसको प्रभु समुदाय के सदस्यों को प्रदान करते हैं।  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

10 October 2019, 16:43