रक्षक दूत ईश्वरीय उपस्थिति की निशानी
दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी
अपने धर्मशिक्षा माला के अंत में संत पापा फ्रांसिस ने सभी तीर्थयात्रियों और विश्वासियों का अभिवादन किया। उन्होंने इटली के तीर्थयात्रियों का विशेष अभिवादन किया।
मैं अन्तरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठ के सदस्य और प्रतिभागियों का अभिवादन करता हूँ जो महात्मा गांधी के जीवन में चिंतन हेतु जमा हुए हैं। मैं रोम के अन्तरराष्ट्रीय प्रेरिताई महाविद्यालय, संत पौल प्रेरित के पुरोहितों के साथ कोपेरतीनो औऱ लेभीज्जानो पल्ली समुदाय और चीन के प्रत्रो से आये युवा ख्रीस्तियों का अभिवादन करता हूँ।
संत पापा ने विशेषरूप से युवाओं, बुजुर्गों, बीमारों औऱ नव विवाहितों का अभिवादन किया।
उन्होंने कहा कि आज हम पवित्र रक्षक दूतों का त्योहार मनाते हैं। हमारे जीवन में उनकी उपस्थिति इस बात का एहसास दिलाती है कि ईश्वर हम प्रत्येक के जीवन यात्रा में साथ चलते हैं। वे हमें सुसमाचार की घोषणा और उसे अपने जीवन में आत्मसात करने हेतु मदद करते हैं जो विश्व को ईश्वरीय प्रेम में नवीन बनाता है।
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