सिनॉड पर कार्डिनल टर्कसन, "हमें किसी को पीछे नहीं छोड़ना है"
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 (रेई)˸ अमाजोन पर सिनॉड में इन दिनों जिन मुद्दों पर विचार किया जा रहा है वह समग्र मानव विकास को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन ने विचारों के अति करीब है।
संत पापा फ्राँसिस ने 2017 में विशेष सिनॉड का आह्वान किया था जिसका उद्देश्य था, "ईश्वर की उस प्रजा के लिए खासकर, आदिवासियों के लिए जिन्हें भुला दिया जाता और जिनके अच्छे भविष्य की चिंता नहीं की जाती है, सुसमाचार प्रचार के नये तरीकों की खोज करना, साथ ही, अमाजोन जंगल के संकट का कारण जो हमारे ग्रह के लिए एक फेंफड़े के समान है।"
सिनॉड के दूसरे सप्ताह की शुरूआत में सिनॉड के साईडलाईन में कार्डिनल टर्कसन ने कहा कि परिषद पहले दिन से ही योजना बना रही है।
कार्डिनल ने कहा कि सिनॉड उनके लिए एक श्रृंखला में लिंक के समान है और लम्बे समय से इसके विकास को देख रहे हैं। जिसकी शुरूआत संत पापा फ्राँसिस एवं पोपुलर मूवमेंट के बीच मुलाकात के साथ हुई थी।
पोपुलर मूवमेंट के साथ मुलाकात में तीन मौलिक अधिकारों पर प्रकाश डाला गया था, जमीन, आवास और कार्य की प्राप्ति। सिनॉड में इसी तरह के कई मुद्दे सामने आयें हैं और सीधे आदिवासी लोगों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा, "वे क्या की खोज कर रहे हैं? अपनी जमीन, नौकरी और अंततः मानव प्रतिष्ठा की प्रामाणिकता की ही खोज कर रहे हैं।"
कार्डिनल टर्कसन ने समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद एवं अमाजोन क्षेत्र के नौ कलीसियाओं के बीच सहयोग के बारे में कहा कि रेपाम (आरईपीएएम) कलीसियाई नेटवर्क का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा, "हमारे लिए, हम पोप फ्रांसिस द्वारा प्रेरित एक प्रगति देखते हैं।"
सिनॉड एक जारी प्रक्रिया
कार्डिनल ने कहा कि परिषद की ओर से यद्यपि उनकी समिति लोगों की प्रेरितिक जरूरतों के लिए गहराई से जुड़ा है, फिर भी यह अन्य जरूरतों के लिए बहुत सचेत है।
उन्होंने कहा कि जब आदिवासियों को उनकी संस्कृति एवं धरोहर की सुरक्षा के लिए उनकी मदद करना महत्वपूर्ण है, पान-अमाजोन क्षेत्र को एक संग्रहालाय की तरह नहीं समझा जाना चाहिए। हमें उन्हें खुलने के लिए मदद करना चाहिए।
किसी को पीछे नहीं छोड़ना
कार्डिनल ने कहा, "हमें उन्हें आधुनिकता, नवीनता और विकास में शामिल होने में मदद देना चाहिए। अमाजोन के लोगों को पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए।"
उनका मानना है कि कलीसिया की प्रेरितिक चिंता का स्पष्ट दर्शन और कार्यक्रम होना चाहिए और जो आधुनिकता और नवीनता के क्षेत्रों में अमाजोन के लोगों के विकास को सुविधाजनक बनाता और बढ़ावा देता है।
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