अमाजोन धर्मसभा अमाजोन धर्मसभा  

अमाजोन धर्मसभा : गलती के डर से अधिक मजबूत आत्मा में विश्वास

पान-अमाजोन क्षेत्र के लिए तीन-सप्ताह के विशेष धर्मसभा का पहला सप्ताह शनिवार 12 अक्टूबर की शाम को समाप्त हुआ। संत पापा सहित 166 धर्माध्यक्ष और अन्य प्रतिभागियों ने धर्मसभा के सत्र में भाग लिया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 14 अक्टूबर 2019 (वाटिकन न्यूज) : शनिवार दोपहर के सत्र का मुख्य विषय था, “कलीसिया के मिशन में मसीह की केंद्रीयता”। धर्मसभा में इस बात को स्वीकार की गई कि सुसमाचार का प्रचार न सिर्फ पान-अमाजोन में हो परंतु पूरे विश्व में किया जाए। चूंकि प्रचार अकेले कभी नहीं किया जाता है, इसलिए एक टीम का निर्माण करने हेतु प्रस्ताव रखा गया और उम्मीद की गई कि यह टीम क्षेत्र की कई प्रेरितिक चुनौतियों का पर्याप्त रूप से जवाब देने में सक्षम होगी और सुसमाचार प्रचार के आनन्द का गवाह बनेगी।

ब्रह्मचर्य और याजकीय जीवन पर चिंतन

एक बार फिर से, "वीरी प्रोबाती" (विश्वास में पक्के एवं निश्चित उम्र के विवाहित पुरूषों का पुरोहित अभिषेक जो उन ख्रीस्तीय समुदायों में ख्रीस्तयाग अर्पित कर सकते हैं जहाँ पुरोहितों की कमी है और जहाँ पुरोहितों की नियमित पहुँच संभव नहीं है।) की संभावना पर भी विचार किया। कुछ प्रतिभागियों द्वारा इस बात पर प्रश्न उठाया गया कि पुरोहितीय बुलाहट की समस्या पूरे विश्व में है तो सिर्फ "इस क्षेत्र के लिए विशेष रूप से एक अपवाद क्यों है?" इस विषय को भविष्य के धर्मसभा में लेने का भी सुझाव दिया गया था।

अन्य प्रतिभागियों ने बताया कि पुरोहित के नए मॉडल के बारे में चर्चा अपरिहार्य और वांछनीय दोनों है। एक ओर, यदि पुरोहितों को अन्य धर्मप्रांतों और क्षेत्रों में भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तो दूसरी ओर, विश्वास में पक्के और बुद्धिमान पुरुषों से भी सलाह लेना चाहिए। इस परिकल्पना से कलीसिया को चोट नहीं लगेगी और न ही यह ब्रह्मचर्य के मूल्य को कम करेगा। अन्य धर्मप्रांतों से भेजे गये पुरोहित न सिर्फ उन क्षेत्रों का दौरा करते हैं परंतु वहाँ मौजूद रहकर स्थानीय लोगों के लिए काम करते हैं। "वीरी प्रोबाती" के लिए एक और तर्क यह है कि कलीसिया की अपनी एक पहचान हो सकती है जो वास्तव में अमाजोनियन होगी। यह भी सुझाव दिया गया था कि धर्मसभा पवित्र आत्मा में विश्वास करते हुए इस नए कदम की नींव रख सकती है जो गलती करने के डर से अधिक मजबूत हो।

महिलाओं को शामिल करना, याजकवाद के लिए एक प्रतिकारक

कलीसिया में महिलाओं के विषय को दोपहर के सत्र में फिर से लाया गया तथा अनुरोध किया गया कि उन्हें निर्णय लेने के स्तर पर भी अधिक प्रेरितिक जिम्मेदारी और प्रभावी भागीदारी दी जाए। क्षेत्र में महिला डीकनों के अभिषेक को भी शामिल करने का अनुरोध किया गया। महिलाओं ने आज ख्रीस्तीय समुदाय के जीवन में पहले से ही अधिक भूमिकाएँ हासिल कर ली हैं, न केवल धर्म शिक्षिकाओं या माताओं के रूप में, बल्कि नए प्रेरितिक कार्यों को लेने में सक्षम व्यक्तियों के रूप में भी। इसके अलावा, यह प्रस्तावित किया गया था कि सुलह या मेल-मिलाप के सामंजस्य के संकेत के तहत महिलाओं का समावेश, याजकों की कमी वाली कलीसिया के लिए नींव रख सकता है। एक धर्मसभा प्रतिभागी ने कहा कि याजकवाद आज भी कलीसिया में मौजूद है और यह सेवा, बंधुत्व और एकजुटता के लिए बाधा है।

पवित्र आत्मा की बात सुनना

पवित्र आत्मा को लगातार सुनने के लिए एक धर्मसभा मौजूद है। सुनने के इस दृष्टिकोण को उस दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तावित किया गया था जो हमारे विश्व को खतरे में डालने वाले पर्यावरणीय विनाश का मुकाबला करने के लिए आवश्यक पारिस्थितिक रूपांतरण को निर्देशित और प्रेरित कर सकता है। धर्मसभा के प्रतिभागियों को याद दिलाया गया कि सृष्टिकर्ता ने हमारी देखभाल के लिए अमाजोन क्षेत्र को सौंपा। यह पृथ्वी पर सबसे सुंदर और महत्वपूर्ण उद्यान है। लेकिन दुर्भाग्य से, हम इस "स्वर्ग" को "नरक" में बदल रहे हैं। इस क्षेत्र के जंगलों में लगाये गये भयानक आग आदिवासियों को उनके अपरिहार्य विरासत से वंचित कर देती है। अमाजोन के लोगों के साथ चलने का अर्थ है, "धरती माता की पीड़ा" सुनना और "नस्लवाद हिंसा" से अवगत होना।

हर चीज आपस में जुड़ी हुई हैं

हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। "अच्छा जीवन" ("बोन विविर") का अर्थ "उत्तम जीवन" जीना नहीं है। बल्कि, इसका मतलब है कि हम एक-दूसरे से और धरती से जुड़े हैं। सामाजिक अस्तित्व की दृष्टि से विषमता की ओर ले जाने वाले मानव अस्तित्व के विखंडन को अस्वीकार करने और निंदा करने की आवश्यकता है। भले ही वैश्वीकरण ने हमारे जीवन के लिए निर्विवाद लाभ लाए हैं, लेकिन इसने "जंगल पूंजीवाद" और भौतिकवाद का दरवाजा खोल दिया है, जिसने उपभोक्तावाद का एक अत्यंत हानिकारक रूप पैदा कर दिया है। विकसित दुनिया सस्ते उत्पादों की मांग करती है, आदिवासियों की आबादी जो उन्हें बनाती है उन्हें अपने परिश्रम का सही भुगतान नहीं मिलता है। इस वास्तविकता से जीवन की सरल शैली, न्याय और शांति के नाम पर निष्पक्ष व्यापार को स्वीकार करने की अपील की गई।

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14 October 2019, 16:07