पान-अमाजोन धर्मसभा पान-अमाजोन धर्मसभा  

अमाजोन धर्मसभा 2 दिन : कलीसिया द्वारा "पर्यावरण के विरुद्ध पाप"

पान-अमाजोन क्षेत्र के लिए विशेष धर्मसभा के दूसरे दिन का समापन चौथे सामान्य सम्मेलन के साथ हुआ। दोपहर का सत्र संत पापा की उपस्थिति में आयोजित किया गया था, जिसमें 182 प्रतिभागी उपस्थित थे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 9 अक्टूबर 2019 (वाटिकन न्यूज) : धर्म सभा के चौथे सत्र में अमाजोन के आदिवासियों के अधिकारों का व्यवस्थित उल्लंघन और उनके निवास स्थानों को नष्ट करने की वजह से उनके जीवन और पूरे क्षेत्र में व्याप्त जोखिमों पर चर्चा की गई।

उदासीनता को अस्वीकार, उत्तरदायित्व को स्वीकार

कलीसिया से खास अपील की गई कि वह अपने नैतिक और आध्यात्मिक अधिकार द्वारा हमेशा जीवन की रक्षा करे और मौत की कई संरचनाओं की निंदा करे जो इसे खतरे में डालते हैं। व्यक्तिवाद और उदासीनता को अस्वीकार किया गया जो हमें वास्तविकता को मात्र दर्शक के रूप में देखने के लिए बाध्य करती है। जबकि एक अभिन्न पारिस्थितिकी जो मानव गरिमा को प्राथमिकता देती है, को बढ़ावा दिया गया था।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय : मानव अधिकारों के उल्लंघन का सामना करना

धर्मसभा ने पान-अमाजोन क्षेत्र के पर्यावरणीय गिरावट को गंभीरता से न लेने और निर्दोष रक्त के बहाए जाने के प्रति पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अक्सर उदासीन पाया है। धर्मसभा के दृष्टिकोण से, प्रकृति के साथ दोस्ती करते हुए, प्राकृतिक भंडार के संरक्षक आदिवासियों को और मसीह के क्रूस द्वारा सुसमाचार प्रचार को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में सहयोगी माना जाना चाहिए। एक प्रतिनिधि ने कहा, दोस्ती एक दूसरे का "सम्मान, रक्षा और परवाह करती है।" कलीसिया को कई संस्थानों से निमंत्रण मिला था कि वह सामाजिक आंदोलनों को अपना सहयोग दे। कलीसिया अमाजोन विश्वदृष्टि को विनम्रतापूर्वक सुने और स्वागत करे और स्थानीय संस्कृतियों द्वारा अनुष्ठान प्रतीकों को दिए गए अर्थ को समझे, जो अक्सर "पश्चिमी" परंपरा से अलग होती है।

"पर्यावरण के विरुद्ध पाप" का ज्ञान

विभिन्न प्रतिभागियों ने सतत विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जो सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और समावेशी है और वैज्ञानिक और पारंपरिक ज्ञान को जोड़ती है क्योंकि अमाजोन का भविष्य हमारे हाथों में है "एक संग्रहालय नहीं पर एक जीवित वास्तविकता है।" एक इच्छा भी "पारिस्थितिक रूपांतरण" के लिए व्यक्त की गई थी जो पर्यावरण के खिलाफ पापों को ईश्वर,पड़ोसी और भविष्य की पीढ़ियों के खिलाफ पाप के रुप में देखता है। इसके लिए पारंपरिक पापों के साथ-साथ "पर्यावरण के विरुद्ध पाप" को शामिल करने के लिए अधिक व्यापक रूप से एक धार्मिक साहित्य का उत्पादन और प्रसार करने की आवश्यकता होगी।

स्थायी आदिवासी उपयाजको को बढ़ावा देना

धर्मसभा में अमाजोन क्षेत्र के प्रेरितिक कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए देशी मिशनरियों के प्रशिक्षण पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने प्रेरितिक कार्यों को करने के लिए स्थायी आदिवासी उपयाजकों की अधिक भागीदारी की आवश्यकता की पहचान की। इसे पवित्र आत्मा के प्रामाणिक प्रकटन के रूप में समझा गया। कलीसिया के जीवन में महिलाओं की अधिक भागीदारी के लिए भी आह्वान किया गया।

पुरोहितिक बुलाहट पर चिंतन

धर्मसभा में पुरोहितिक बुलाहट पर भी चिंतन किया गया। कुछेक ने आदिवासियों के बीच पुरोहितिक बुलाहट के लिए विशेष प्रार्थना का सुझाव दिया। ईश्वर अपनी दाखबारी में काम करने के लिए अपने मजदूरों को भेजे जिससे अमाजोन क्षेत्र एक महान आध्यात्मिक अभयारण्य में परिवर्तित हो जाए। कुछ वक्ताओं ने कहा कि पुरोहितों की अपर्याप्त संख्या न केवल अमाजोन के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक समस्या है। आज गंभीर रुप से चिंतन करने की आवश्यकता है कि आज पुरोहित कैसे रहते हैं। पवित्रता की कमी, वास्तव में, सुसमाचार की गवाही के लिए एक बाधा है और पुरोहित जो मसीह के मनोभाव को गहराई से नहीं लेते है वे अपनी भेड़ों का नेतृत्व करने के बजाय भेड़शाला से दूर भेज देते हैं।

युवा लोग और पवित्रता की गंध

कई वक्ताओं ने अमाज़ोन के शहीदों के "महान उदाहरण" पर प्रकाश डाला, जैसे कि प्रभुसेवक फादर रुडोल्फ लुनकेनबिन एस.डी.बी. और प्रभुसेवक सिमियो क्रिस्टिनो जोग कुदुगोडु जो माटो ग्रोसो में मारे गए।

वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि पारिस्थितिक रूपांतरण, सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, पवित्रता का रूपांतरण है। पवित्रता युवा लोगों को आकर्षित करती है। उन्हें कलीसिया में सक्रिय बनाने के लिए प्रेरितिक कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है। मीडिया में सिर्फ बुरी खबरों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, अच्छी और प्रेरणात्मक घटनाओं, कई पुरोहितों के अच्छे और पवित्र जीवन पर भी जोर देने का आह्वान किया गया। इसी तरह, कई काथलिक युवा हिंसा, ड्रग्स, वेश्यावृत्ति, बेरोजगारी जैसे संकटों के बावजूद अपने साथियों के लिए सकारात्मक उदाहरण पेश करते हैं।

कार्डिनल सेराफिम फर्नांडीस डी आराउजो की स्मृति

संत पापा फ्राँसिस ने धर्मसभा के चौथे महाअधिवेशन की अध्यक्षता की, जो कार्डिनल सेराफिम फर्नांडीस डी अराजो के लिए प्रार्थना के साथ सभा को शुरु किया गया। कार्डिनल सेराफिम का निधन मंगलवार को ब्राजील के बेलो होरिज़ोंटे में हुआ, जहां उन्होंने 1986-2004 तक मेट्रोपॉलिटन महाधर्माध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

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09 October 2019, 16:21