जेल पुलिस कर्मचारियों के साथ संत पापा जेल पुलिस कर्मचारियों के साथ संत पापा 

सजा, आशा के अधिकार से समझौता नहीं करती, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस इतालवी जेल पुलिस के प्रशासनिक कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी सेवाओं के प्रति अपना आभार व्यक्त किया, जेल प्रेरिताई में संलग्न पुरोहितों और स्वयंसेवकों को आगे बढ़ते रहने हेतु प्रोत्साहित किया और कैदियों को हिम्मत न हारने के लिए आमंत्रित किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 16 सितम्बर, 2019 (रेई) : वाटिकन सिटी में जेल की कोई व्यवस्था नहीं है। इसी वजह से यह इतालवी जेल पुलिस, जेल सुरक्षा, इटली में कैदी की सुरक्षा और परिवहन के लिए जिम्मेदार कानून प्रवर्तन एजेंसी के साथ मिलकर काम करती है।

संत पापा फ्राँसिस शनिवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में आम दर्शन के दौरान एजेंसी के प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ मिले, तो उन्होंने "धन्यवाद" के साथ शुरुआत करते हुए, तीन सरल शब्दों में अपने संदेश को संक्षेप में प्रस्तुत किया।

धन्यवाद

संत पापा ने सर्वप्रथम उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनका काम अक्सर कठिन और छिपा हुआ है, लेकिन बहुत आवश्यक है", "सुरक्षा के संरक्षक होने के अलावा, आप उन लोगों के करीब रहते हैं जो बुराई के जाल में गिर गए हैं।" संत पापा ने जेल पुलिस को "भविष्य का निर्माता" कहा क्योंकि वे "सम्मानजनक सह-अस्तित्व के लिए और एक सुरक्षित समाज के लिए नींव तैयार करते हैं"।

रखवाले

संत पापा ने उन्हें अपने कर्तव्यों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी अच्छाइयों की भी याद दिलाई। संत पापा ने कहा कि  कानून लागू करने वालों के रूप में, उन्हें "एक घायल और अक्सर अत्याचार सहती मानवता" का सामना करना पड़ता है। संत पापा ने उनके हाथों सौंपे गए लोगों के संरक्षक होने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि वे सभी "जेल और नागरिक समाज के बीच" पुल बनने के लिए बुलाये गये हैं।

संत पापा ने कुछ तनावों को स्वीकार किया, जो निरोध सुविधाओं में उत्पन्न हो सकते हैं, और संरक्षकों से कहा कि वे ऐसी परिस्थिति में बहुत ज्यादा उत्तेजित न हों। जेल में क्षमता से अधिक लोगों को रखने की घटनाओं का संदर्भ देते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "सभ्य जीवन की स्थिति सुनिश्चित करना आवश्यक है, अन्यथा जेल सुधार गृह बनने के बजाय क्रोध का कूड़ादान बन जाता है।"

आगे बढ़ते चलें

संत पापा ने संदेश के दूसरे चरण में जेल प्रेरिताई में संलग्न पुरोहितों, धर्मबहनों और लोकधर्मी स्वयंसेवकों को संबोधित कर कहा, "मैं आप सबसे कहना चाहता हूँ कि आप आगे बढ़ते रहें। कठिन परिस्थितियों में भी आप अपने चेहरे पर मुस्कान लिए और सुनने वाला हृदय लिए आगे बढ़ें। आप दूसरों की तकलीफों को अपनी प्रार्थना में प्रभु को चढ़ायें।

साहस

अंत में, संत पापा ने अपने संदेश के तीसरे चरण में कैदियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे हर परिस्थिति का सामना 'साहस' के साथ करें।"

उन्होंने कहा कि कैदियों को "एक निराशाजनक दिल के अंधेरे" खुद को, अपने में कैद नहीं होने देना चाहिए। वे कभी निराश न हों क्योंकि "ईश्वर किसी भी समस्या से बड़े हैं वे आपसे प्यार करते हैं और आपका इंतजार करते हैं।"

संत पापा ने कहा, "आशा की लौ को कभी बुझने नहीं दें।"

संत पापा ने आगे कहा कि "इस ज्वाला को पुनर्जीवित करना सभी का कर्तव्य है"। हर समाज को "यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सजा आशा के अधिकार से समझौता नहीं करती है।"

उन्होंने अंत में कहा कि अतीत की गलतियों को याद करते हुए, “हम भविष्य में आशा को नहीं मिटा सकते। आजीवन कारावास समस्याओं का समाधान नहीं है, बल्कि समस्या का समाधान ढूँढ़ना है। क्योंकि अगर आशा को बंद कर दिया जाता है, तो समाज का कोई भविष्य नहीं है।

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16 September 2019, 16:45