डोरियन तूफान ने मचाई तबाही 04.09.2019 डोरियन तूफान ने मचाई तबाही 04.09.2019  

डोरियन तूफान पीड़ितों के लिये प्रार्थना, आलोचकों पर टीका

रोम से मोज़ाम्बिक तक दस घण्टों वाली विमान यात्रा के दौरान बुधवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने पत्रकारों के कुछेक सवालों का जवाब दिया तथा अमरीकी महाद्वीप में आये डोरियन तूफान से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति का प्रदर्शन किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

मापुतो, गुरुवार, 5 सितम्बर 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो): रोम से मोज़ाम्बिक तक दस घण्टों वाली विमान यात्रा के दौरान बुधवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने पत्रकारों के कुछेक सवालों का जवाब दिया तथा अमरीकी महाद्वीप में आये डोरियन तूफान से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति का प्रदर्शन किया।

डोरियन तूफान पीड़ितों का स्मरण

उन्होंने पत्रकारों से अनुरोध किया कि वे उन सब लोगों के लिये प्रार्थना करें जो इस प्राकृतिक प्रकोप के फलस्वरूप अपना घरबार खो चुके हैं। विशेष रूप से, सन्त पापा ने बहामास के लोगों के लिये प्रार्थना की अपील की जो अपने इतिहास के सर्वाधिक ख़ौफ़नाक तूफान के दुष्परिणामों का सामना कर रहे हैं। बहामास में 295 किलो मीटर की रफ्तार पर चलती प्रचण्ड वायु, मूसलाधार वर्षा और बाढ़ की वजह से सैकड़ों आवास ढह गये हैं, अस्पताल नष्ट हो गये हैं, सड़कें टूट गई हैं तथा पानी, बिजली एवं संचार माध्यम ठप्प पड़ गये हैं।   

विमान पर ही फ्राँस के काथलिक समाचार पत्र ला क्रोआ के पत्रकार और लेखक निकोलस सेनेज़ ने, "हाओ अमेरिका वान्ट्स टू चेन्ज द पोप" शीर्षक से लिखी अपनी पुस्तक अर्पित की। अपनी पुस्तक में, सेनेज़ ने अमरीका के पूँजीवादियों द्वारा चीन एवं आप्रवासियों की तरफ हाथ बढ़ाने के लिये, मुक्त बाज़ार नीतियों की निन्दा करने के लिये तथा प्राणदण्ड एवं संस्कारों पर कलीसिया की धर्मशिक्षा में नमी और शिथिलता के लिये सन्त पापा फ्राँसिस की कड़ी आलोचना का विवरण प्रदान किया है। कुछेक अमरीकियों ने सन्त पापा पर अपधर्म का भी आरोप लगाया है।

आलोचकों को जवाब

अमरीकी काथलिक कलीसिया की रूढ़िवादी दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोगों के आरोपों से सन्त पापा फ्राँसिस परिचित हैं, बुधवार को विमान पर उन्होंने कहा, "यदि अमरीका के लोग मेरे ऊपर हमला करते हैं तो यह मेरे लिये गर्व का विषय है।"

अपनी पुस्तक का प्रकाशन इस अहं मौके पर करने लिये पत्रकार सेनेज़ ने सफाई देते हुए कहा कि वे सन्त पापा फ्राँसिस को इस बात से अवगत कराना चाहते थे कि अमरीका के सभी लोग उनके विचारों से सहमत नहीं हैं। इस सन्दर्भ में, वाटिकन के प्रवक्ता मातेओ ब्रूनी ने कहा कि सन्त पापा की टीका एक अनौपचारिक सन्दर्भ में की गई थी। उन्होंने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस ने सदैव आलोचनाओं का स्वागत किया है और इस बार भी वे इन पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "सन्त पापा कहना चाहते थे कि वे आलोचना को सदैव सम्मान की दृष्टि से देखते आये हैं, विशेषकर, जब यह आधिकारिक विचारकों की ओर से आती है और इस मामले में एक महत्वपूर्ण देश से।"

 

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05 September 2019, 11:46