मोजाम्बिक के युवाओं के साथ संत पापा फ्रांसिस मोजाम्बिक के युवाओं के साथ संत पापा फ्रांसिस 

शांति की राह पर आनन्द से चलें, मोजाम्बिक के युवाओं से संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने मोजाम्बिक की प्रेरितिक यात्रा में 5 सितम्बर को मापूतो के माक्साक्वेने स्टेडियम में विभिन्न धर्मों के युवाओं के साथ अंतरधार्मिक मिलन समारोह में भाग लिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

मोजाम्बिक, बृहस्पतिवार, 5 सितम्बर 2019 (रेई)˸ संत पापा ने युवाओं को उनके स्वागत के लिए धन्यवाद दिया तथा उन्हें सम्बोधित कर कहा, "आप महत्वपूर्ण हैं इस बात को आपको जानना है और विश्वास करना है...क्योंकि आप न केवल मोजाम्बिक या कलीसिया अथवा मानवता के भविष्य हैं बल्कि वर्तमान भी हैं। आप जो कुछ भी करते हैं उसके द्वारा आप वर्तमान को उत्तम योगदान दे रहे हैं। आपके उत्साह, संगीत, जीने के आनन्द के बिना यह भूखंड कैसा होता? अपनी सभी कठिनाइयों के बावजूद आपका नाचना, हंसना, गाना बतला रहा है कि आप इस भूमि और इस समय के आनन्द हैं।"

आशा, शांति और मेल-मिलाप

जीने का आनन्द आपको विशिष्ट बनाता है। हम इसे यहाँ देख सकते हैं। एस साथ मनाया गया आनन्द जो सभी को मिलाता है वह उन सभी के लिए एक औषधि है जो विनाश, विभाजन और संघर्ष चाहते हैं। हमारे विश्व के कई हिस्सों में आपके आनन्द की कितनी आवश्यकता है।  

संत पापा ने विभिन्न धर्मों के युवाओं और उन सभी युवाओं को भी जो किसी धार्मिक परम्परा को नहीं मानते, धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "धन्यवाद, एक-दूसरे को जीने का उत्साह देने एवं आज शांति की चुनौतियों को परिवार के रूप में मनाने के लिए। हमें महसूस हो रहा है कि हम सभी को हमारी पृथकताओं के साथ एक-दूसरे की आवश्यकता है। एक साथ मिलकर आप सभी यहाँ के लोगों के दिल की धड़कन हैं और आप सभी को एक आधारभूत भूमिका अदा करना है, इतिहास का एक नया पृष्ठ लिखना है एक ऐसा पृष्ठ जो आशा, शांति और मेल-मिलाप से भरा हो। क्या आप इसे लिखना चाहते हैं?

मापूतो के युवा
मापूतो के युवा

आशा और स्वप्न

युवाओं ने संत पापा से दो सवाल किये, पहला – हम किस तरह युवाओं के स्वप्न को साकार कर सकते हैं? दूसरा- समस्याएँ जो देश को त्रस्त करते हैं उसमें युवाओं को किस तरह शामिल किया जा सकता है? संत पापा ने कहा कि कला, संगीत एवं हर प्रकार की संस्कृति के धरोहर के प्रदर्शन द्वारा उन्होंने स्वयं इसका उत्तर दे दिया है।

आपने अपनी आकांक्षाओं एवं वास्तविकताओं को प्रकट किया है। इनके द्वारा दुनिया को एक साथ लाया जा सकता है तथा पूरी आशा, भविष्य एवं स्वप्न के साथ क्षितिज की ओर नजर डाला जा सकता है। प्रौढ़ लोगों की तरह युवा भी दो पैरों से चल सकते हैं। दोनों पैरों को एक साथ रखते हुए नहीं बल्कि एक को आगे और दूसरे को पीछे रखकर चलते हुए। हमें आशा कभी नहीं खोना चाहिए।

मापूतो के माक्साक्वेने स्टेडियम में विभिन्न धर्मों के युवा
मापूतो के माक्साक्वेने स्टेडियम में विभिन्न धर्मों के युवा

परित्याग और चिंता से बचकर रहें

आप किस तरह अपने स्वप्नों को साकार कर सकते हैं? देश की समस्याओं का हल करने में किस तरह सहयोग दे सकते हैं? संत पापा ने इसके लिए परामर्श देते हुए कहा, "अपने आनन्द को खोने न दें। गाते रहें तथा सभी अच्छाइयों में अपनी निष्ठा को प्रकट करते रहें जिसको आपने अपनी परम्पराओं के द्वारा सीखा है। क्षितिज की ओर, हमारी दुनिया, वर्तमान और भविष्य की ओर देखने के कई रास्ते हैं। आप उन मनोभावों से बचकर रहें जो आकांक्षाओं एवं आशाओं को मार डालती हैं और वे मनोभाव हैं परित्याग और चिंता। ये हमारे जीवन के बड़े शत्रु हैं क्योंकि ये हमें सहज किन्तु आत्म-रक्षा के पथ पर ढकेल देते हैं जिसकी कीमत हमें खुशी खोकर और यहाँ तक कि जीवन गवाँकर भी चुकानी पड़ती है।" कई बार झूठी खुशी के लिए जीवन नष्ट हो जाता है। कठिनाई और दुखद घड़ी में साथ छोड़ देना बिल्कुल आसान है। संत पापा ने युवाओं को सचेत करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे समय में सावधान रहना है क्योंकि ये मनोभाव उन्हें गलत रास्ते अपनाने को प्रेरित कर सकते हैं।

विविधता हमें एक होने से नहीं रोक सकती  

संत पापा ने महान खिलाड़ी एयूसबियो दा सिलवा का उदाहरण दिया। जिन्होंने परिवार में कई समस्याओं के बावजूद अपने स्वप्न को बनाये रखा और आगे बढ़ा। अपने स्वप्न एवं अभिलाषा के कारण वह आगे बढ़ा किन्तु दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि उसने अपने समान दूसरा खिलाड़ी पाया जो उसके साथ खेल सके। हम जानते हैं कि टीम में हर व्यक्ति एक जैसा नहीं होता, हरेक अपनी क्षमता के अनुसार खेलता है। हम यहाँ भी देख सकते हैं। हम विभिन्न परम्पराओं से आते हैं तथा अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं किन्तु यह हमें एक साथ एक दल में होने से नहीं रोकता।

संत पापा ने युवाओं को सम्बोधित कर कहा कि आज आपने हमें दिखलाया है कि हमें किस तरह देश को सहयोग देना है, विविधताओं के बावजूद एक साथ रहने के द्वारा। अपने स्वप्न को साकार करने के लिए हमें हमेशा अवसर की खोज करना है किन्तु एक साथ मिलकर।

सामाजिक वैमनस्य विनाशकारी है

यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक वैमनस्य विनाशकारी है। शत्रुता के कारण परिवार नष्ट हो जाते हैं, देश बर्बाद हो जाते हैं और दुनिया भी तहस-नहस हो जाती है। सबसे बड़ा शत्रु है युद्ध। आज हम देख सकते हैं कि दुनिया युद्ध के कारण अपने आप नष्ट हो रही है अतः हमें सामाजिक मित्रता बढ़ाने का रास्ता खोजना है। यह आसान नहीं है, इसके लिए हमेशा कुछ खोना और समझौता करना पड़ता है। किन्तु यदि हम दूसरों की मदद करने के ख्याल से ऐसा करते हैं तब हम अपनी विविधताओं को दूर होते देखेंगे तथा किसी बेहतर चीज के लिए कार्य कर पायेंगे। हमारे समय में अपने प्रयासों के बल पर हम संघर्षों के बीच समझौता कर सकेंगे और सभी के हित सेतु का निर्माण एवं शांति की स्थापना कर पायेंगे। तब हम मुलाकात की संस्कृति का चमत्कार देखेंगे।

मापूतो में युवा
मापूतो में युवा

एक साथ चलना  

एक पुरानी कहावत है, यदि आप जल्दी जाना चाहते हैं तो अकेले चलें, यदि आप लम्बी यात्रा करना चाहते हैं तो दूसरों को साथ लेकर चलें। हमें एक साथ स्वप्न देखना आवश्यक है जैसा कि आज आपलोग कर रहे हैं। एक साथ स्वप्न देखें और दूसरों के विरूद्ध स्वप्न कभी न देखें।  

टीम में खेलना हमें दिखलाता है कि स्वप्न और प्रतिबद्धता का दुश्मन केवल छोड़ देना नहीं है बल्कि चिंता करना भी है। हमारी बेहतर आकांक्षाएँ जल्दबाजी में नहीं बल्कि आशा, धीरज एवं समर्पण के द्वारा ही प्राप्त किये जा सकते हैं। साथ ही, हमें अवसर का लाभ उठाने अथवा गलती करने से भी नहीं डरना चाहिए।

बड़ों से सलाह लेना  

संत पापा ने युवाओं को बुजुर्गों की बातों पर ध्यान देने की सलाह दी क्योंकि बुजुर्ग स्वप्नों एवं आकाक्षाओं को धूमिल होने से रोक सकते हैं। वे हमारे मूल हैं। यदि कोई इतिहास, अनुभव एवं अतीत को भूलने एवं भविष्य की ओर देखने के लिए कहता है तब उसके लिए उन्हें उखाड़ना आसान हो जाता है और वह जैसा चाहता है वैसा कर सकता है। वह युवाओं को सतही, उखाड़े हुए एवं अविश्वासी बनाता है ताकि वे केवल प्रतिज्ञाओं पर विश्वास कर सकें और उसी की योजना अनुसार चल सकें। विचारधाराएँ इस तरह काम करते हैं। वे हर प्रकार की विविधताओं को नष्ट करते हैं ताकि बिना विरोध किये शासन कर सकें। इसके लिए उन्हें युवाओं की आवश्यकता है जिन्हें इतिहास की आवश्यकता महसूस नहीं होती जो पिछली पीढ़ी से विरासत में मिले आध्यात्मिक और मानवीय धन को खर्च करते और आने वाली हर चीज से अनभिज्ञ होते हैं।

संत पापा ने कहा कि वयोवृद्धों के पास देने के लिए बहुत कुछ होता है। आपको अपने रास्ते की खोज करना है किन्तु उन लोगों को सुनते और उनके कार्यों की सराहना करते हुए जो हमसे पहले गुजरे हैं। यह रास्ता स्वतंत्रता, उत्साह, रचनात्मकता और नये क्षितिज से उत्पन्न होती है। जबकि मूल को प्राप्त करना हमें पोषित एवं तृप्त करता है। ये चीजें छोटी हैं किन्तु हमें आवश्यक सहायता प्रदान कर सकते हैं जिससे हम कठिनाई की घड़ी में हताश होकर त्याग न दें बल्कि आशा के साथ आगे बढ़ सकें।

हमारा बुलावा शांति हेतु 

संत पापा ने कहा कि शांति एक प्रक्रिया है जिसको प्राप्त करने के लिए सभी बुलाये गये हैं जिसको उन लोगों तक पहुँचने की तत्परता द्वारा प्राप्त किया जा सकता है जो कठिनाई में हैं। दूसरों को मदद देने सीखना कितना महत्वपूर्ण है। हम उन लोगों के साथ मित्रता में बढ़ने की कोशिश करें जो अलग सोचते हैं। ताकि एकात्मता में बढ़ सके तथा इतिहास को बदले के लिए एक उत्तम हथियार बन सके।

संत पापा ने कुछ महीनों पहले आये चक्रवात की याद की जो विनाश का कारण रहा। अनेक लोग जिनमें युवा भी शामिल हैं आमघर की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं। यह एक बड़ी चुनौती है कि हम आमघर की रक्षा करें। एकजुट होकर ही हम इसकी रक्षा कर सकते हैं।

मापूतो में युवा
मापूतो में युवा

आप मूल्यवान हैं

संत पापा ने युवाओं को याद दिलाया कि "ईश्वर आपको प्यार करते हैं, जिसको सभी धर्मों में स्वीकार किया जाता है। उनके लिए आप मूल्यवान हैं आप बेकार नहीं हैं बल्कि महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आप उनके हाथों से गढ़े गये हैं। यही कारण है कि वे स्नेह से आपको देखते हैं।"

उन्होंने कहा कि आप प्रेम पर विश्वास करते हैं जो मेल-मिलाप को संभव बनाता है और चूँकि आप इस प्रेम पर विश्वास करते हैं मैं मानता हूँ कि आप आशावान हैं एवं शांति के रास्ते पर आनन्द के साथ चलने में कभी असफल नहीं होंगे। अंत में संत पापा ने सभी युवाओं से अपने लिए प्रार्थना का आग्रह किया।

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05 September 2019, 16:05