मापुतो के स्टेडियम में सन्त पापा फ्राँसिस का भावपूर्ण स्वागत मापुतो के स्टेडियम में सन्त पापा फ्राँसिस का भावपूर्ण स्वागत 

पुनर्मिलन के मंत्रों के बीच सन्त पापा फ्रांसिस का स्वागत

मापुतो के विशाल स्टेडियम में मोज़ाम्बिक के लोगों ने, हजारों की तादाद में उलूलूलू का आवाज़ करते, रंग-बिरंगे वस्त्र पहने, हाथों में सन्त पापा की विशाल तस्वीरें लिये तथा "आशा, शांति एवं मेल-मिलाप" आदि शब्दों से मुद्रित शर्ट्स धारण किये, राजधानी मापुतो की सड़कों से गुज़रते, पापामोबिल पर सवार सन्त पापा फ्राँसिस का शानदार स्वागत किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

मापुतो, शुक्रवार, 6 सितम्बर 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो):  मापुतो के विशाल स्टेडियम में, गुरुवार को मोज़ाम्बिक के लोगों ने, हजारों की तादाद में उलूलूलू का आवाज़ करते, रंग-बिरंगे वस्त्र पहने, हाथों में सन्त पापा की विशाल तस्वीरें लिये तथा "आशा, शांति एवं मेल-मिलाप" आदि शब्दों से मुद्रित शर्ट्स धारण किये, राजधानी मापुतो की सड़कों से गुज़रते, पापामोबिल पर सवार सन्त पापा फ्राँसिस का शानदार स्वागत किया।

मोज़ाम्बिक धार्मिक सहिष्णुता का आदर्श

अन्तर-धार्मिक समारोह में ख्रीस्तीयों के संग-संग बड़ी संख्या में इस्लाम एवं हिन्दू धर्मानुयायियों की उपस्थिति ने मोज़म्बिक में व्याप्त धार्मिक सहिष्णुता तथा विविधता में एकता का शक्तिशाली प्रमाण है। वाटिकन द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार, दो करोड़ अस्सी लाख की कुल आबादी में 76 लाख यानि 28 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी हैं। मोज़ाम्बिक के शेष नागरिक अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों तथा परम्परावादी अफ्रीकी धर्मों का पालन करते हैं, 20 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्मानुयायी हैं।

प्राकृतिक संसाधनों के शोषण के खिलाफ

सन्त पापा फ्राँसिस ने, गुरुवार को, 04 से 10 सितम्बर तक जारी अपनी यात्रा के एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे अर्थात् पर्यावरणीय समस्या पर भी बात की जिसपर मडागास्कर एवं मोरिशियुस में भी उनका ध्यान केन्द्रित रहेगा। "उन्होंने कहा कि मोजांबिकों के लोगों को "प्राकृतिक संसाधनों के स्तंभन और अनैतिक शोषण के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए।"

मापुतो के महागिरजाघर में उन्होंने पुरोहितों एवं धर्मबहनों को जरूरतमंदों के प्रति उनके उदार कार्यों के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया तथा काथलिक कलीसिया द्वारा संचालित सड़कों पर जीवन यापन करनेवाले बच्चों को भोजन कराने के लिये स्थापित एक केन्द्र की भेंट की और फिर कलीसिया की विभिन्न पल्लियों एवं केन्द्रों में सेवारत स्वयंसेवकों एवं धर्मशिक्षकों से मुलाकात की।

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06 September 2019, 11:32