डिजिटल युग में जन कल्याण पर सम्मेलन के विशेषज्ञों के संग डिजिटल युग में जन कल्याण पर सम्मेलन के विशेषज्ञों के संग 

प्रौद्योगिकी के उपयोग में नैतिकता का सन्त पापा ने किया आह्वान

सन्त पापा फ्राँसिस ने डिजीटल तकनीकी के सदुपयोग का आह्वान कर कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास, विशेष रूप से, कृत्रिम बुद्धि सम्बन्धी अनुसन्धान में विकास, मानव गतिविधियों के हर क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 27 सितम्बर 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने डिजीटल तकनीकी के सदुपयोग का आह्वान कर कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास, विशेष रूप से, कृत्रिम बुद्धि सम्बन्धी अनुसन्धान में विकास, मानव गतिविधियों के हर क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।     

वाटिकन स्थित अखण्ड मानव विकास को प्रोत्साहन देनेवाली परमधर्मपीठीय समिति तथा संस्कृति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के तत्वाधान में "डिजिटल युग में जन कल्याण" विषय पर आयोजित सम्मेलन में भाग लेनेवाले विशेषज्ञों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने यह बात कही।

तकनीकी सम्भावनाओं का सही उपयोग

अपने विश्व पत्र लाओदातोसी को उद्धृत कर सन्त पापा ने कहा, "तकनीकी प्रगति से जो निर्विवाद लाभ मानव जाति आकर्षित करने में सक्षम होगी वह इस बात पर निर्भर करेगा कि किस हद तक हम नवीन तकनीकी सम्भावनाओं का उपयोग नैतिक रूप से करते हैं।"

उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में, "प्रौद्योगिकी विकास के साथ-साथ मूल्यों की शिक्षा प्रदान करना भी अनिवार्य होगा, अन्यथा एक अनियंत्रित एवं असीमित प्रगति का झूठा वादा करनेवाला "तकनीकी प्रतिमान" हम पर थोप दिया जायेगा, जो विकास के अन्य कारकों को भी समाप्त कर देगा तथा सम्पूर्ण मानवजाति के लिये महान ख़तरा उत्पन्न कर देगा।"

तकनीकी साक्षात्कार और वार्ता को बढ़ावा दें

डिजिटल तकनीकी के विशेषज्ञों से सन्त पापा ने कहा कि वे नवीन तकनीकियों को साक्षात्कार की संस्कृति तथा अन्तर-अनुशासनात्मक वार्ताओं का ठोस माध्यम बनायें। विशेषज्ञों से उन्होंने कहा, "आप में कई प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र, रोबोटिक्स, समाजशास्त्र, संचार और साइबर-सुरक्षा और साथ ही दर्शनशास्त्र, नैतिक एवं ईशशास्त्र के विशेषज्ञ हैं। इन क्षेत्रों में, आप न केवल दक्षताओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए, बल्कि विभिन्न संवेदनाओं और समस्याओं के सामने विविध दृष्टिकोणों को भी आवाज देते हैं। मेरी आशा है कि आप परस्पर एक दूसरे के दृष्टिकोण को समझने के लिये उदार रहेंगे जिससे अपने प्रचलित तौर तरीकों तक सीमित न रहें।" उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीकी का प्रमुख उद्देश्य उन आधारभूत नैतिक मापदण्डों तक पहुँचना होना चाहिये जो जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिये मार्गदर्शन प्रदान कर सकें।

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27 September 2019, 10:48