वाटिकन में सन्त अगस्टीन धर्मसमाजियों के संग- 12.09.2019 वाटिकन में सन्त अगस्टीन धर्मसमाजियों के संग- 12.09.2019 

परम्पराओं के प्रति निष्ठावान रहें, अगस्टीनियन धर्मसमाजियों से

रोम में अपनी आम सभा के लिये विश्व के विभिन्न राष्ट्रों से पधारे अगस्टीनियन धर्मसमाजियों का सन्त पापा फ्राँसिस ने आह्वान किया कि वे अपनी मूल जड़ों एवं परम्पराओं के प्रति निष्ठावान रहें।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 13 सितम्बर 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो): रोम में अपनी आम सभा के लिये विश्व के विभिन्न राष्ट्रों से पधारे अगस्टीनियन धर्मसमाजियों का सन्त पापा फ्राँसिस ने आह्वान किया कि वे अपनी मूल जड़ों एवं परम्पराओं के प्रति निष्ठावान रहें।

सन्त पापा ने गुरुवार को वाटिकन में नंगे पैर जीवन यापन करनेवाले अगस्टीनियन धर्मसमाज के लगभग 200 पुरोहितों का साक्षात्कार कर उन्हें अपना सन्देश दिया।

उन्होंने कहा, आधुनिक बनने के प्रयास में ख़ुद को अपनी जड़ों से अलग करना आत्महत्या एवं बर्बादी की ओर ले जायेगा। इसके विपरीत, हमारे युग के पुरुषों और महिलाओं से सम्वाद के लिये ज़रूरी है कि पुरोहित, प्रचलन के खिलाफ जाकर, प्रार्थना, तपस्या, विनम्रता और उदारता के कार्यों द्वारा ख्रीस्त का साक्ष्य प्रदान करें।

विनम्रता और मिशन   

नंगे पैर जीवन यापन करनेवाला अगस्टीनियन धर्मसमाज एक चिंतनशील-मिशनरी समुदाय है जो आध्यात्मिक जीवन और विनम्रता की शपथ के माध्यम से पवित्रता की खोज करता तथा कलीसिया की ज़रूरतों के लिये उपलब्ध रहता है। विनम्रता की शपथ के विषय में सन्त पापा ने कहा, "विनम्रता आपके हृदयों को उदार बनाती है जो पड़ोसी की पुकार एवं ईश्वर की बुलाहट के प्रति सदैव तत्पर रहते हैं।"    

सन्त पापा ने धर्मसमाज के सुसमाचार प्रचार मिशन को याद किया और कहा कि "पवित्रआत्मा कलीसिया में 'आद जेन्तेस' अर्थात् लोगों के प्रति मिशन की प्राण वायु प्रवाहित करता है जिससे आप अपना सर्वस्व छोड़कर सुसमाचारी सन्देश की प्रकाशना के लिये तैयार हो जाते हैं।"

अगस्टीन "ख्रीस्तीय विचार की असाधारण शक्ति"

सन्त अगस्टीन की प्रशंसा करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि वे उन लोगों में से हैं जो आपको येसु मसीह एवं ईश वचन के प्रति आकर्षित कर ईश्वर के आश्चर्य का अनुभव कराते हैं। उन्होंने कहा कि सन्त अगस्टीन, "ख्रीस्तीय विचार की एक असाधारण शक्ति" थे जिनपर प्रभु ईश्वर का आशीर्वाद बना रहा और जिन्होंने भ्रातृत्व भाव सम्बन्धी अपने मिशन को सुचारू रूप से सम्पादित किया। उन्होंने अपने आप को अपने मनोमस्तिष्क के विस्तृत क्षितिज में बन्द नहीं किया अपितु ईश प्रजा तथा अपने समुदाय के भाइयों एवं बहनों के प्रति वे सदैव उदार रहे।"

जड़ों के प्रति निष्ठा

अगस्टीनियन धर्मसमाजियों  को सन्त पापा ने प्रोत्सहन दिया कि वे अपनी जड़ों की गहराई को पहचानें तथा प्रार्थना, विवेक एवं प्रजा द्वारा कलीसिया एवं वर्तमान विश्व में अपनी उपस्थिति का एहसास उत्पन्न करें। उन्होंने कहा कि नंगे पैर जीवन यापन करने की धर्मसमाज की विशिष्टता का अर्थ है, निर्धनता, अनासक्ति तथा ईश्वर में दृढ़ विश्वास।   

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13 September 2019, 11:11