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देवदूत प्रार्थना के पूर्व संदेश देते संत पापा देवदूत प्रार्थना के पूर्व संदेश देते संत पापा 

सच्चा धन स्वर्ग में है, संत पापा फ्राँसिस

वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 4 अगस्त को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

आज का सुसमाचार पाठ (लूक. 12:13-21) एक ऐसे दृश्य के साथ खुलता है जिसमें भीड़ में से एक व्यक्ति उठकर, येसु से अपने परिवार की पैतृक सम्पति के बंटवारे पर न्याय का प्रश्न करता है। येसु अपने जवाब में सवाल का उत्तर नहीं देते बल्कि लोभ से दूर रहने का परामर्श देते हैं। वे सम्पति पर कब्जा करने के लालच से बचने की सलाह देते हैं। अपने श्रोताओं को संपति की खोज से भटकाने के लिए येसु मूर्ख धनी का दृष्टांत सुनाते हैं जो मानता था कि वह खुशनसीब है क्योंकि उस साल बहुत अधिक उपज हुई थी। वह अपने को उस संचित संपत्ति के द्वारा सुरक्षित मानता था। संत पापा ने विश्वासियों को इस दृष्टांत का पाठ करने की सलाह देते हुए कहा, "यह एक सुन्दर दृष्टांत है जो हमें बहुत बड़ी सीख देता है। इस दृष्टांत में इस बात का अंतर स्पष्ट किया गया है कि धनी व्यक्ति अपने आपको किस तरह देखता है और ईश्वर उसे कैसे देखते हैं।"

धनी व्यक्ति की योजनाएँ और ईश्वर  

धनी व्यक्ति अपनी आत्मा से, यानी अपने आप से तीन बातें कहता है, "भाई, तुम्हारे पास बरसों के लिए बहुत अधिक माल इकट्ठा है, इसलिए विश्राम करो, खाओ पीयो और मौज उड़ाओ।" (पद.19) किन्तु ईश्वर उनकी तीनों योजनाओं को रद्द कर देते हैं। कई सालों के बदले ईश्वर दिखलाते हैं कि तत्काल उसी रात उसके प्रांण ले लिये जायेंगे, जीवन में मौज मस्ती करने के बदले उसे सब कुछ छोड़ना होगा और जीवन बनाने के बदले उसे अंतिम न्याय के लिए ईश्वर के सामने प्रस्तुत होना पड़ेगा। जिन संचित वस्तुओं पर धनी व्यक्ति भरोसा रखता था वह व्यंग्यात्मक सवाल से घिर गया, "तूने जो इकट्ठा किया है, वह अब किसका होगा?" (पद .20)

हम पैतृक सम्पति के लिए झगड़ों पर गौर करें। इसके लिए कई परिवारों में तनाव हो जाते हैं। हम सभी इस तरह की कोई न कोई कहानी अवश्य जानते हैं कि जब मृत्यु की घड़ी नजदीक आती है रिश्तेदार देखने आते हैं और सब कुछ ले कर चले जाते हैं, परन्तु अपने लिए क्या रह जाता है? यहाँ उस मूर्ख धनी की मूर्खता साबित होती है क्योंकि वह उस धन को ठोस मानता था जबकि वह केवल एक सपना था। वह मूर्ख था क्योंकि वह ईश्वर की उपेक्षा करता था, उसने ईश्वर के साथ कोई धन जमा नहीं किया।

हमारा सच्चा धन

दृष्टांत के अंत में, सुसमाचार लेखक कहते हैं, "यही दशा उसकी होती है जो अपने लिए तो धन एकत्र करता है, किन्तु ईश्वर की दृष्टि में धनी नहीं है।'' (पद. 21) यह एक चेतावनी है जो उस क्षितिज को खोलती है जिसकी ओर नजर डालने के लिए हम सभी बुलाये गये हैं। भौतिक चीजें आवश्यक हैं, वे जीवन के लिए अच्छे हैं किन्तु उनके द्वारा हमारे जीवन का अन्त नहीं होना चाहिए। उन्हें उदारता के साथ जीने और जरूरतमंद लोगों के बीच बांटने हेतु हमारे साधन होने चाहिए। येसु आज हमें इस बात को ध्यान में रखने का निमंत्रण देते हैं कि धन हृदय को बांध सकता है तथा हमारे सच्चे धन स्वर्ग से हमें भटका सकता है।

संत पापा ने कहा कि आज के दूसरे पाठ में संत पौलुस हमें याद दिलाते हैं कि हम ऊपर की चीजों की खोज करें, आप पृथ्वी पर की नहीं, ऊपर की चीजों की चिन्ता किया करें।"(कोल. 3:1-2)  

ऊपर की चीजों की चिन्ता करने का अर्थ

उन्होंने कहा कि इसका अर्थ हमें वास्तविकता से दूर भागना नहीं है किन्तु उन चीजों पर ध्यान देना है जिनका सच्चा मूल्य है, जैसे- न्याय, एकात्मता, स्वीकृति, भाईचारा, शांति आदि जो मानव को सच्ची प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं। यह सांसारिक तरीके से नहीं बल्कि सुसमाचार के अनुसार जीना है। अपनी पूरी शक्ति से ईश्वर को प्यार करना और अपने पड़ोसियों को अपने समान प्यार करना है जो सेवा करने एवं अपने आपको अर्पित करने के द्वारा प्रकट होता है। चीजों के प्रति लोभ, अधिक वस्तुओं को पाने की लालसा, हृदय को कभी संतुष्ट नहीं कर सकता बल्कि उसकी भूख को बढ़ा देता है। लालच उस मिठाई के समान है जिसको हम एक लेकर कहते हैं कि आह, कितना अच्छा और उसके बाद दूसरा लेते हैं फिर तीसरा...यह लोभ है। यह कभी संतुष्ट नहीं होता। संत पापा ने चेतावनी देते हुए कहा, "सावधान रहें। प्रेम से की गयी सेवा द्वारा ही सच्चा आनन्द को प्राप्त किया जा सकता है जबकि भौतिक वस्तुओं और धन की खोज द्वारा व्यक्ति अपने आपको चिंता, विपत्ति, तनाव और युद्ध में डाल देता है। लोभ के कारण ही कई युद्ध शुरू हो जाते हैं।  

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा," धन्य कुँवारी मरियम हमें उन सुरक्षाओं से प्रेरित नहीं होने में मदद दे जो समाप्त हो जाते हैं किन्तु हमें हर दिन सुसमाचार के अनन्त मूल्यों के विश्वसनीय साक्षी बनने में मदद दे।"

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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05 August 2019, 15:46