देवदूत प्रार्थना के लिए एकत्रित विश्वासी देवदूत प्रार्थना के लिए एकत्रित विश्वासी 

ईश्वर के प्रेम की आग उदारता में जलती है, संत पापा

देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा ने कहा कि अपने बुलावे को अच्छी तरह समझाने के लिए येसु आग की छवि का प्रयोग करते हैं जिसको वे इस धरती पर लाने के लिए आये थे। वे कहते हैं, "मैं पृथ्वी पर आग लेकर आया हूँ और मेरी कितनी अभिलाषा है कि यह अभी धधक उठे!"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 19 अगस्त 2019 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 18 अगस्त को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो सुप्रभात।

आज के सुसमाचार पाठ में (लूक. 12,49-53) येसु अपने चेलों को चेतावनी देते हैं कि निर्णायक घड़ी आ गयी है। दुनिया में उनका आगमन, वास्तव में, निर्णायक घड़ी के समान है, सुसमाचार के विकल्प को स्थगित नहीं किया जा सकता। अपने बुलावे को अच्छी तरह समझाने के लिए येसु आग की छवि का प्रयोग करते हैं जिसको वे इस धरती पर लाने के लिए आये थे। वे कहते हैं, "मैं पृथ्वी पर आग लेकर आया हूँ और मेरी कितनी अभिलाषा है कि यह अभी धधक उठे!" (पद. 49) इन शब्दों का उद्देश्य है ईश्वर के प्रेम की आग को स्वीकार करने में शिष्यों के हर प्रकार के आलस्य, अरूचि, उदासीनता एवं अपने में तटस्थता के मनोभाव को दूर करना। वह प्रेम जिसको संत पौलुस स्मरण दिलाते हैं कि "वह हमारे हृदयों में डाला गया है।" (रोम. 5: 5) यह पवित्र आत्मा ही है जो हमें ईश्वर से प्रेम करने के लिए प्रेरित करता है तथा हमारे पड़ोसियों से प्रेम कराता है। पवित्र आत्मा के कारण हम सभी येसु ख्रीस्त के जीवन में सम्मिलित हैं।  

येसु की प्रबल इच्छा

संत पापा ने कहा, "येसु अपने मित्रों को और हमें भी अपनी प्रबल इच्छा प्रकट करते हैं कि हम पिता के प्रेम की आग को पृथ्वी पर लायें, जो जीवन को प्रकाशित करता और जिसके द्वारा मानव की मुक्ति हुई है। वे हमें इस आग को दुनिया में फैलाने के लिए बुलाते हैं, जिसके द्वारा हम उनके सच्चे शिष्यों के रूप में पहचाने जाएँ। ख्रीस्त ने पवित्र आत्मा द्वारा दुनिया में जो प्रेम की अग्नि जलायी वह असीम है, एक विश्वव्यापी आग है। इसे ख्रीस्तीयता के आरम्भ से ही देखा गया है। यह हर प्रकार के विभाजन, सामाजिक वर्ग, जनता और देश से ऊपर उठकर, सुसमाचार का साक्ष्य, एक हितकारी आग के रूप में फैला है।"

ईश्वर की आराधना एवं दूसरों की सेवा द्वारा आग जलता

सुसमाचार का साक्ष्य प्रज्वलित होता है, यह हर प्रकार के पक्षानुराग को जला डालता एवं उदारता को सभी के लिए खोल देता है, खासकर, सबसे गरीब और वंचित लोगों के लिए। प्रेम की आग जिसको येसु ने इस पृथ्वी पर लाया उसमें दृढ़ता है जो हमारे पूरे अस्तित्व को ढंक लेता तथा हमसे ईश्वर की आराधना एवं दूसरों की सेवा करने की तत्परता की मांग करता है।

ईश्वर की आराधना हेतु प्रेरित करते हुए संत पापा ने कहा, "ईश्वर की आराधना का अर्थ है अराधना की प्रार्थना को सीखना, जिसको हम अक्सर भूल जाते हैं। इसीलिए मैं सभी को निमंत्रण देता हूँ कि आप आराधना प्रार्थना की सुन्दरता की खोज करें और उसे अमल भी करें।" उन्होंने दूसरों की सेवा करने की तत्परता हेतु प्रोत्साहन देते हुए कहा, "मैं उन सभी समुदायों और युवाओं के दलों की याद करता हूँ जो गर्मी के समय भी बीमार, गरीब और विकलांग लोगों की सेवा करने के लिए अपने आपको समर्पित करते हैं।

दुनिया में बदलाव

सुसमाचार के मनोभाव को जीने के लिए यह आवश्यक है कि दुनिया में उभरती नई आवश्यकताओं के सामने ख्रीस्त के शिष्य बनकर, उदारता के नये पहल के साथ जवाब दिया जाए। अतः ईश्वर की आराधना एवं दूसरों की सेवा द्वारा सुसमाचार को एक सच्चे आग के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है जो बचाता तथा प्रत्येक व्यक्ति का मन-परिवर्तन करते हुए दुनिया में बदलाव लाता है।

इस दृष्टिकोण से हम अन्य दृढ़ वचनों को समझ सकते हैं जिनको येसु ने आज के सुसमाचार में कहा है जो पहली नजर में घबराहट उत्पन्न करता है ˸ ''क्या तुम लोग समझते हो कि मैं पृथ्वी पर शान्ति ले कर आया हूँ? मैं तुम से कहता हूँ, ऐसा नहीं है। मैं फूट डालने आया हूँ।"(लूक. 12,51)

विभाजन क्यों?

संत पापा ने कहा, "वे आग द्वारा अलग करने आये हैं? किस चीज को अलग करने? उन्होंने कहा, अच्छाई और बुराई, सही और गलत को। इस अर्थ में वे विभाजित करने और तनाव लाने आये किन्तु स्वस्थ रूप में। उनके शिष्यों का जीवन उन लोगों की कल्पना को आसानी से तोड़ देती है जो ख्रीस्तीय जीवन और सांसारिकता को एक साथ जीना चाहते हैं जो ख्रीस्तीय जीवन और धार्मिक अभ्यासों एवं दूसरों के मनोभाव में हर प्रकार की चीजों के साथ समझौता करना चाहते हैं।

मिथ्याचारी ख्रीस्तीय भविष्य वक्ता के पास जाते हैं तथा अपनी हथेली पढ़वाते हैं। यह अंधविश्वास है जो ईश्वर का नहीं है। संत पापा ने कहा कि शिष्य होना एक पाखंडी के समान जीना नहीं है, किन्तु सुसंगत विकल्पों के लिए कीमत चुकाने हेतु तैयार होना है। यही सुसंगति का मनोभाव हम सभी के जीवन में होना चाहिए। सुसमाचार के अनुसार कीमत चुकाने का मनोभाव, सुसमाचार के अनुसार जीने का मनोभाव। क्योंकि हम ख्रीस्तीय हैं, कहना अच्छा है किन्तु सबसे बढ़कर हमें यथार्थ परिस्थिति में ख्रीस्तीय होना है, सुसमाचार का साक्ष्य देना है जिसको हम आसान तरीके से ईश्वर के प्रति प्रेम एवं पड़ोसियों के प्रति प्रेम में प्रकट कर सकते हैं।  

कुँवारी मरियम से प्रार्थना

संत पापा ने प्रार्थना की कि अति निष्कलंक कुँवारी मरियम हमें येसु के द्वारा लायी गयी आग के द्वारा अपने हृदय को शुद्ध करने में सहायता दे ताकि हम इसे अपने जीवन द्वारा प्रकट कर सकें, निर्णायक और साहसी चुनावों द्वारा प्रस्तुत कर सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने देश-विदेश से एकत्रित सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, "मैं आप सभी का हार्दिक अभिवादन करता हूँ जो रोम और इटली एवं विभिन्न देशों से आये हैं। मैं विशेषकर, कनाडा के "दिविनो आमोरे" (दिव्य प्रेम) दल, पुर्तगाल में रियो दी लोबा के स्काऊट तथा पोलैंड के विश्वासियों का अभिवादन करता हूँ।"

अंत में उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएं अर्पित की।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

19 August 2019, 15:14