ग्रैंड ईमाम शेख अहमद अल तायेब के साथ संत पापा फ्राँसिस ग्रैंड ईमाम शेख अहमद अल तायेब के साथ संत पापा फ्राँसिस 

संत पापा ने मानव भ्रातृत्व के लिए गठित समिति का स्वागत किया

संत पापा फ्राँसिस ने संयुक्त अरब अमीरात में, मानव भ्रातृत्व पर दस्तावेज़ में निहित आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए गठित, एक नई समिति की सराहना की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 27 अगस्त 2019 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस एवं अल अजहर के ग्रैंड इमाम अहमद एल ताय्यब ने विश्व शांति के लिए मानव भ्रातृत्व एवं अबु धाबी में एक साथ जीने हेतु दस्तावेज पर फरवरी 2019 को हस्ताक्षर किया था।

इस दस्तावेज ने संयुक्त अरब अमीरात को एक समिति का गठन करने हेतु प्रेरित किया है ताकि सहिष्णुता एवं सहयोग के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया जा सके, खासकर, शिक्षा के द्वारा।

संत पापा का आभार

सोमवार को संत पापा फ्राँसिस ने समिति के कार्यों को प्रोत्साहन दिया तथा संयुक्त अरब अमीरात को मानव भ्रातृत्व के लिए ठोस समर्पण हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इसी तरह के प्रयास विश्व के अन्य हिस्सों में भी किये जाएँ।  

वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशन एवं वाटिकन प्रवक्ता मत्तेओ ब्रनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर संत पापा फ्राँसिस के शब्दों की पुष्टि दी। उन्होंने कहा, "हालांकि दुःख की बात है कि बुराई, घृणा और विभाजन ही अक्सर समाचार बनते हैं, वहाँ अच्छाई का एक छिपा हुआ समुद्र है जो बढ़ रहा है और वार्ता, ज्ञान के आदान-प्रदान एवं अन्य धर्मावलम्बियों और भली इच्छा रखने वाले लोगों के साथ मिलकर निर्माण करने की संभवना हमें एक भाईचारा एवं शांति के विश्व की ओर बढ़ने की आशा प्रदान करते हैं।"  

अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष मिगवेल आयूसो क्वीक्षोत जो संयुक्त अरब अमीरात की समिति के सदस्य हैं।

उन्होंने वाटिकन रेडियो से बातें करते हुए कहा कि पहल "अत्यन्त महत्वपूर्ण" है और यह शिक्षण कार्यों में लगे लोगों को, मानव भ्रातृत्व पर दस्तावेज को हृदय में धारण करने में मदद करेगा।  

उन्होंने कहा, "मुलाकात, भ्रातृत्व और शांति की संस्कृति में खुद को और दूसरों को शिक्षित करने के अवसर का अर्थ है संस्थानों और विश्वविद्यालयों द्वारा पेश किए गए शैक्षणिक और शिक्षात्मक कार्यक्रमों को नया स्वरूप देना।"

धर्माध्यक्ष आयूसो ने कहा कि इस संदर्भ में स्कूली शिक्षा का पुनर्विचार “मांग करता है कि संस्थान सभी स्तरों पर दस्तावेज़ की सामग्री का अध्ययन, चिंतन और उपस्थिति  पर ध्यान रखे।"

उन्होंने कहा कि "राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों संस्थानों, साथ ही धार्मिक, शैक्षणिक और राजनीतिक नेताओं को विभिन्न तरीकों का पता लगाने की जरूरत है, साथ ही सभी युवा लोगों तक पहुँचना है।"

उन्होंने अबु धाबी के क्राऊन प्रींस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान को समिति का गठन करने के लिए धन्यवाद दिया।

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27 August 2019, 16:09