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यमुना नदी के तट पर बाढ़ से प्रभावित लोग, नई दिल्ली 21.08.2019 यमुना नदी के तट पर बाढ़ से प्रभावित लोग, नई दिल्ली 21.08.2019 

कारितास इन्डिया भारत में मानसून पीड़ितों की कर रही मदद

विश्वव्यापी काथलिक लोकोपकारी संगठन कारितास की भारतीय शाखा "कारितास इन्डिया" के निर्देशक फादर पौल मूनजेली ने वाटिकन न्यूज़ को बताया कि "कारितास इन्डिया" भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भारी वर्षा, बाढ़ एवं भूस्खलन से प्रभावित लाखों लोगों की सहायता कर रही है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 23 अगस्त 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो): विश्वव्यापी काथलिक लोकोपकारी संगठन कारितास की भारतीय शाखा "कारितास इन्डिया" के निर्देशक फादर पौल मूनजेली ने वाटिकन न्यूज़ को बताया कि "कारितास इन्डिया" भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भारी वर्षा, बाढ़ एवं भूस्खलन से प्रभावित लाखों लोगों की सहायता कर रही है।

धर्मप्रान्तीय केन्द्रों द्वारा लोगों तक पहुँच

फादर पौल ने कहा कि काथलिक कलीसिया द्वारा संचालित "कारितास इन्डिया" भारत के विभिन्न काथलिक धर्मप्रान्तों के लगभग 172 सामाजिक कल्याण केन्द्रों एवं लोकोपकारी संस्थाओं के साथ मिलकर मूसलाधार वर्षा से प्रभावित लोगों की मदद में संलग्न है। इस तथ्य की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि इस वर्ष की बारिश से भारत के 11 राज्यों के लगभग एक करोड़ सत्तर लाख प्रभावित हुए हैं। कम से कम 842 लोगों की मृत्यु हो गई है तथा लगभग 60 लाख लोगों ने अपनी जीविका के साधन खो दिये हैं।     

भारतीय धर्माध्यक्षों की अपील

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने समस्त विश्वासियों, संस्थाओं, धर्मसमाजों एवं सभी शुभचिन्तकों से अपील की है कि वे "इस मानवतावादी अभियान में उदारतापूर्वक योगदान करें तथा  इस महत्वपूर्ण क्षण में ज़रूरतमन्दों के प्रति एकात्मता व्यक्त करने हेतु एकजुट होवें।"

सम्मेलन के अध्यक्ष मुम्बई के कार्डिनल ऑसवर्ल्ड ग्रेशियस ने पीड़ितों के लिये प्रार्थनाएँ अर्पित करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "कारितास इन्डिया  स्थिति का आकलन करने के लिए राज्य सरकारों और आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है।"

उन्होंने कहा, "समय पर दी गई हमारी सहायता प्रभावितों की जरूरतों को पूरा करने और देश के विभिन्न हिस्सों में हमारे भाइयों और बहनों की पीड़ा को कम करने में मदद प्रदान करेगी।" उन्होंने कहा कि वर्षा और उसके साथ आई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिये पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास प्रक्रियाओं को तुरन्त शुरु किया जाना नितान्त आवश्यक है।  

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23 August 2019, 11:49