मेल-मिलाप संस्कार की गोपनीयता अनुल्लंघनीय
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 2 जुलाई 2019 (रेई)˸ प्रेरितिक अदालत ने 1 जुलाई को आंतरिक मंच के महत्व एवं संस्कारीय गोपनीयता की अनुल्लंघनीयता पर एक विज्ञप्ति जारी की। विज्ञप्ति को संत पापा फ्रांसिस द्वारा 21 जून को अनुमोदन मिला है। इसमें पापस्वीकार संस्कार की गोपनीयता पर जोर दिया गया है जिसका अर्थ है कि पापस्वीकार संस्कार में जो कुछ वे सुनते हैं उसे प्रकट करने हेतु पुरोहितों पर दबाव नहीं डाला जा सकता।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि "पापस्वीकार संस्कार की गोपनीयता सीधे ईश्वर के नियम से आता है और यह संस्कार की प्रकृति में निहित है जिसको न तो कलीसियाई अथवा नागरिक क्षेत्र में प्रकट किया जा सकता है। पापस्वीकार या मेल-मिलाप संस्कार जो ख्रीस्तीयता का मूल है, कलीसिया समझाती है कि ईश्वर के पुत्र ने हमें बचाने के लिए मानव का रूप धारण किया और इस कार्य में उन्होंने कलीसिया को भी शामिल किया। मुक्ति के इस कार्य में भाग लेने के लिए वे लोगों को चुनकर बुलाते हैं और उन्हें अपना मिशन सौंपते हैं।
धार्मिक स्वतंत्रता का उलंघन
इस संस्कार की गोपनीयता को हटाने के मकसद से कोई भी राजनीतिक अथवा वैधानिक दबाव कलीसिया की स्वतंत्रता के खिलाफ एक अस्वीकारीय अपमान है। कलीसिया जो ईश्वर द्वारा निर्मित है, एक मानवीय संस्था नहीं है अतः यह धार्मिक स्वतंत्रता का अपमान है। इस तरह गोपनीयता का उलंघन उस गरीब के प्रति उलंघन है जो एक पापी के रूप में है।
अतः पुरोहितों को पापस्वीकार संस्कार में भाग लेने वालों के प्रति निष्ठा का पालन करते हुए एवं ख्रीस्त तथा कलीसिया की मुक्ति का साक्ष्य देते हुए गोपनीयता की रक्षा करनी चाहिए, चाहे इसके लिए उन्हें शहीद ही होना क्यों न पड़े।
मीडिया का उन्माद
प्रेरितिक अदालत के प्रमुख न्यायधीश कार्डिनल मौरो पियाचेत्सा ने विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर किया है। उन्होंने कहा कि विज्ञप्ति आधुनिक समाज की मीडिया केंद्रित प्रकृति का जवाब है जो सच्चाई को सत्यापित करने की अपेक्षा कहानी प्राप्त करने में अधिक रूचि रखती है।
उन्होंने गौर किया कि संत पापा फ्राँसिस ने हाल ही में कहा था कि आंतरिक मंच, अंदर का मामला है और यह बाहर नहीं जा सकता... यह व्यक्ति की प्रतिष्ठा के खिलाफ पाप है जो पुरोहित पर भरोसा रखकर, पाप क्षमा प्राप्ति हेतु अपनी स्थिति उनके सामने प्रस्तुत करते हैं।
नकारात्मक पूर्वाग्रह
विज्ञप्ति में समाज में काथलिक कलीसिया के प्रति नकारात्मक पूर्वाग्रहों के लिए भी चिंता व्यक्त की गयी है।
विज्ञप्ति जारी करने का उद्देश्य है, पापस्वीकार संस्कार करने वालों में अधिक विश्वास जगाना, खासकर, ऐसे समय में जब वे स्वयं आते तथा ख्रीस्त के बलिदान पर विश्वास करते हैं जो संसार के पाप हरने आये थे।
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