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वाटिकन में रूस के राष्ट्रपति का स्वागत वाटिकन में रूस के राष्ट्रपति का स्वागत 

संत पापाओं के साथ पुतिन की मुलाकातें

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 4 जुलाई को वाटिकन में संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 जुलाई 2019 (रेई)˸ रूस के राष्ट्रपति ने वाटिकन में इसके पहले संत पापा जॉन पौल द्वितीय एवं संत पापा बेनेडिक्ट 16वें से भी मुलाकातें की थी।

5 जून 2000 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संत पापा जॉन पौल द्वितीय से मुलाकात की थी। वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक नावार्रो वाल्ल्स के अनुसार यह एक निजी मुलाकात थी। इस अवसर पर वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल अंजेलो सोदानो, विदेश सचिव मोनसिन्योर जॉन लुईस तौरान तथा रूस के विदेश मंत्री इगोर इवानोव भी उपस्थित थे।  

मुलाकात में परमधर्मपीठ की भूमिका एवं रूस में पूर्व एवं पश्चिम के एकीकरण प्रक्रिया पर चर्चा की गयी थी, जिसपर पुतिन का विचार था कि परमधर्मपीठ की भूमिका महत्वपूर्ण थी। मुलाकात में हथियार के निरस्त्रीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर विशेष चिंता व्यक्त की गई थी।  

दूसरी मुलाकात

5 नवम्बर 2003 को संत पापा जॉन पौल द्वितीय के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दूसरी मुलाकात हुई थी। वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक नावार्रो वाल्ल्स ने जानकारी दी थी कि संत पापा की इच्छा अनुसार काजान के मरियम की पवित्र तस्वीर को प्रेरितिक प्रासाद में स्थापित किया गया था, जिसको उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को प्रस्तुत किया था। उस समय भी उनके बीच मुलाकात सौहार्दपूर्ण थी। उन्होंने आपसी लाभ पर चर्चा की थी, खासकर, रूस के काथलिकों की स्थिति एवं कलीसियाई संरचना के बारे में ध्यान दिया गया था। दोनों की ओर से परमधर्मपीठ एवं मोक्सो प्राधिधर्माध्यक्ष के बीच वार्ता हेतु सकारात्मक पहल की भी आशा व्यक्त की गयी थी।   

तीसरी मुलाकात

13 मार्च 2007 में राष्ट्रपति पुतिन ने संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में भी दोनों के बीच आमहित की बात की गयी थी और साथ ही साथ, काथलिक कलीसिया एवं ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के बीच संबंध पर प्रकाश डाला गया था और असहिष्णुता एवं चरमपंथ की समस्या पर ध्यान दिया गया था।

चौथी मुलाकात

25 नवम्बर 2013 को व्लादिमीर पुतिन ने संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात की थी। वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया था कि दोनों के बीच मुलाकात सौहार्दपूर्ण थी जिसमें मध्यपूर्व में शांति एवं सीरिया में गंभीर स्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया था। हिंसा को रोकने एवं उन लोगों के लिए मानवीय सहायता प्रदान किये जाने पर जोर दिया गया था। साथ ही साथ, संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान हेतु ठोस पहल को बढ़ावा देने की बात की गयी थी, जिसके लिए समझौता का पथ अपनाने एवं विभिन्न जाति और धर्म के लोगों को समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हेतु शामिल किये जाने पर विचार किया गया था।

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04 July 2019, 16:42