संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

वेश्यावृत्ति की गुलामी से महिलाओं को मुक्त करें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने मानव तस्करी पर एक नई किताब की प्रस्तावना में अपना योगदान दिया है, जिसका शीर्षक है "सूली पर चढ़ायी गई महिलाएँ, गलियों पर वर्णित शर्मनाक मानव तस्करी"।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 29 जुलाई (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने संत पापा जॉन तईस्वें समुदाय के पुरोहित आल्दो बोनअयुतो द्वारा इटालिन भाषा में लिखी किताब (दोन्ने करूचिफिस्से। ले वेरगोन्या देल्ला त्रात्ता राकोन्ता देल्ला स्त्रादा) के लिए प्रस्तावना लिखा।

करुणा शुक्रवार का दौरा

अपनी प्रस्तावना में संत पापा ने करुणा शुक्रवार का दौरे के तहत संत पापा जॉन तईस्वें समुदाय द्वारा संचालित मानव तस्करी के शिकार महिलाओं के आवास के दौरे की याद करते हुए लिखा, "मैंने नहीं सोचा था कि मुझे वहाँ ऐसी अपमानित, पीड़ित और पीड़ित महिलाएँ मिलेंगी, सच में उन महिलाओं को सूली पर चढ़ाया गया।"

संत पापा फ्राँसिस ने "इन दुर्भाग्यपूर्ण महिलाओं की हृदय विदारक और आपबीती घटनाओं को सुना, उनमें से कुछ, अपने बच्चे को अपनी बाहों में ली हुई थी। बाद में, उन्होंने महसूस किया कि "अपने ग्राहकों की वजह से उन्हें जो यातनाएँ झेलनी पड़ी, उनके लिए माफी माँगने की ज़रूरत है, जिनमें से कई खुद को ख्रीस्तीय कहते हैं।"

बचाव और पुनर्वास

संत पापा लिखते हैं, "व्यक्ति को कभी भी बेचा नहीं जा सकता।" संत पापा ने लेखक, फादर आल्दो  बोनअयुतो द्वारा वर्षों से "बचाव और पुनर्वास का अनमोल और साहसी कार्य" की प्रशंसा की।

संत पापा ने इस कार्य में शामिल खतरों के बारे में अपनी जागरूकता को व्यक्त किया है, जिसमें अपराध व्यवसाय संघ द्वारा संभावित प्रतिशोध भी शामिल हैं, जिसके लिए ये महिलाएं "अवैध और शर्मनाक लाभ का एक अटूट स्रोत" का साधन हैं।

संत पापा फ्राँसिस की उम्मीद है कि यह पुस्तक व्यापक रूप से पढ़ी जाएगी। यदि हम "मानव जीवन के शोषण और अपमान का प्रभावी ढंग से सामना करते हैं," तो हमें तस्करी करने वाले लोगों की "चौंकाने वाली कहानियां" बताने की आवश्यकता है।

वेश्यावृत्ति और गुलामी

"भ्रष्टाचार एक बीमारी है जो अपने आप नहीं रुकती है", "हमें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से कलीसिया में भी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।"

संत पापा फ्राँसिस इस बात की पुष्टि करते हैं कि: "वेश्यावृत्ति का कोई भी रूप गुलामी, एक आपराधिक कृत्य, एक घृणित बुराई है जो महिला के प्रेम संबंध की प्रवृति को भ्रमित करता और रक्षाहीन महिला को प्रताड़ित करता है।"

संत पापा फ्राँसिस लिखते हैं कि वेश्यावृत्ति "सामूहिक चेतना के लिए एक घाव है।, एक मनोविकार है।" महिला को वस्तु के समान उपयोग किया जाता है और बाद में फेंक दिया जाता है। वेश्यावृत्ति "मानवता का एक रोग" है और समाज के बारे में सोचने का एक गलत तरीका है। इन दासों को मुक्त करना दया का कार्य है और यह सभी भले लोगों का कर्तव्य भी है।"

अपने संदेश को अंत करते हुए संत पापा ने लिखा, “इन गुलामी से जकड़ी महिलाओं के करुण क्रंदन के सामने कोई भी व्यक्ति और संस्थाएं उदासीन नहीं रह सकतीं, इस दुनिया की सड़कों पर बहाये गये अनेक निर्दोष लोगों के रक्त से कोई भी अपने आप को अलग नहीं कर सकता।”

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29 July 2019, 16:41