वार्ता एवं शांति की तलाश में पोप-पुतिन मुलाकात, महाधर्माध्यक्ष
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
मोस्को स्थित ईश माता महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष पाओलो पेत्सी संत पापा फ्राँसिस एवं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आगामी मुलाकात के लिए उत्साहित हैं।
वार्ता, शांति एवं आमघर
वाटिकन रेडियो से बातें करते हुए महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "यद्यपि हम मुलाकात की विषयवस्तु से अनभिज्ञ हैं तथापि हम कल्पना कर सकते हैं कि संत पापा के पसंदीदा विषय हैं, शांति और आमघर की देखभाल, जो उनकी चर्चा के विषय हो सकते हैं।"
4 जुलाई की मुलाकात, वाटिकन में संत पापा फ्राँसिस एवं राष्ट्रपति पुतिन के बीच होने वाली तीसरी मुलाकात होगी। उनकी पहली मुलाकात 25 नवम्बर 2013 को और दूसरी मुलाकात 10 जून 2015 को हुई थी।
परमधर्मपीठ एवं रूसी संघ के बीच द्वीपक्षीय संबंध की स्थापना सन् 1990 ई. में की गयी थी और सन् 2009 ई. में पूर्ण राजनायिक संबंध स्थापित किया गया था।
विश्व शांति की खोज में रूस के महत्व को रेखांकित करते हुए, महाधर्माध्यक्ष ने लोगों के बीच शांति के लिए पोप की गहरी प्रतिबद्धता पर गौर किया। संत पापा एवं पुतिन के बीच इस तीसरी मुलाकात से कलीसिया क्या उम्मीद करती है इसके उत्तर में उन्होंने कहा कि इसके द्वारा वार्ता को आगे बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मुलाकात की विषयवस्तु की जानकारी नहीं है किन्तु विश्व शांति एवं सृष्टि की देखभाल पर ही चर्चा हो सकती है जो संत पापा के खास मुद्दे हैं।
प्रेरितिक यात्रा की संभवना
कई लोगों की आशा है कि राष्ट्रपति पुतिन की संत पापा से मुलाकात का परिणाम मोस्को में संत पापा की प्रेरितिक यात्रा हेतु निमंत्रण हो सकता है किन्तु महाधर्माध्यक्ष पेत्सो को इसकी उम्मीद कम है। उन्होंने कहा कि यद्यपि पोप को औपचारिक निमंत्रण राजनीतिक शक्ति द्वारा दी जाती है फिर भी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका स्थानीय धर्माधिकारियों का होता है जो संत पापा को अतिथि के रूप में बुलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "अब तक तो ऐसा नहीं लगता है कि रूसी ऑर्थोडॉक्स कलीसिया जो देश की एक महत्वपूर्ण धार्मिक ईकाई है, उन्हें कोई आधिकारिक निमंत्रण भेजी हो और ऐसा भी नहीं हो सकता कि उनके समर्थन के बिना, रूस के राष्ट्रपति अपनी ओर से उन्हें निमंत्रण दे दें।
काथलिक –ऑर्थोडॉक्स संबंध
संत पापा फ्राँसिस एवं रूस के राष्ट्रपति इस सप्ताह मुलाकात कर रहे हैं जिसके द्वारा काथलिक एवं ऑर्थोडॉक्स कलीसियाओं के संबंधों में मजबूती आने की उम्मीद की जा रही है। 2016 में रूसी ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल के साथ मुलाकात के बाद ये दोनों नेता पहली बार मुलाकात कर रहे हैं। 2016 में हुई मुलाकात को 1054 ई. में ख्रीस्त के अनुयायियों का, पूर्वी ऑर्थोडॉक्स कलीसिया एवं पश्चिमी काथलिक कलीसिया के रूप में विभाजन की कड़वाहट की चंगाई की ओर एक बड़ा कदम माना गया था।
विश्वभर में कुल 250 मिलियम ऑर्थोडॉक्स ख्रीस्तियों में से करीब 165 मिलियन ख्रीस्तियों के साथ रूसी ऑर्थोडॉक्स कलीसिया विश्व का सबसे बड़ा ऑर्थोडॉक्स कलीसिया है।
सोवित संघ के अंतिम नेता मिखाएल गोरबाचेव तथा रूस के पहले राष्ट्रपति बोरिस येलटसिन ने संत पापा जॉन पौल द्वितीय को रूस आने का निमंत्रण दिया था।
संत पापा फ्राँसिस ने भी ऑर्थोडॉक्स बहुल देशों में कई यात्राएँ की हैं।
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