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चांद पर पहला पदचिन्ह चांद पर पहला पदचिन्ह 

चाँद पर पैर रखने की 50वीं वर्षगाँठ, सार्वजनिक हित की प्रेरणा

संत पापा फ्राँसिस ने 50 वर्षों पूर्व मनुष्यों द्वारा चांद पर पांव रखने की याद की और उम्मीद जतायी कि यह महान उपलब्धि इससे भी अधिक बड़े कार्यों को करने हेतु प्रेरणा प्रदान करे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने कहा, "50 वर्षों पूर्व कल के दिन में लोगों ने चांद पर पांव रखा था और एक असाधारण स्वप्न को साकार किया था। मानव के इस बड़े कदम की याद, हममें इससे भी महान लक्ष्य की ओर एक साथ आगे बढ़ने की चाह उत्पन्न करे।"

संत पापा फ्राँसिस के लिए महान लक्ष्य है कमजोर व्यक्ति के लिए अधिक सम्मान, लोगों के बीच अधिक न्याय और आमघर के लिए अधिक बड़े भविष्य की ओर बढ़ना।"

संत पापा पौल षष्ठम जिन्होंने अंतरिक्ष यात्रा के प्रति रूचि दिखलाई थी उन्होंने 20 जुलाई 1969 को वाटिकन की वेधशाला में काफी समय व्यतीत किया था। उस रात को विश्व के करोड़ो लोगों के साथ उन्होंने नील अर्म्सट्रॉग को चांद पर पहली बार पाँव रखते देखा था।  

उसके 50 साल बाद संत पापा फ्राँसिस ने अपने परमाध्यक्षीय काल में आज के समाज के दुर्बलों एवं आमघर की रक्षा हेतु संघर्ष करने का निश्चय किया है। उन्होंने कई अवसरों पर अपने कार्यों एवं वचनों द्वारा जरूरतमंदों, आप्रवासियों, गरीबों, बीमारों, बुजुर्गों की मदद करने और हमारे ग्रह की देखभाल करने की इच्छा व्यक्त की है।  

अतः चाँद पर पाँव रखने की 50वीं सालगिराह पर वे उम्मीद जताते हैं कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि से प्रेरित होकर, आज की समस्याओं से संघर्ष करते हुए उसपर सफलता हासिल किया जा सकेगा जैसा कि 50 साल पहले एक असाधारण स्वाप्न को साकार किया गया था।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने देश-विदेश से एकत्रित सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया, विशेषकर, उन्होंने विभिन्न देशों से आये ख्रीस्तियों की सहायिका मरियम की पुत्रियों के नवशिष्यों का अभिवादन किया। संत पापा ने पाराग्वे के असुनसोन स्थित ख्रीस्त राजा कॉलेज के विद्यार्थियों, रोमानिया के गुरूकुल छात्रों एवं प्रशिक्षकों, फ्राँस के युवाओं एवं कंतु के विश्वासियों का भी अभिवादन किया।    

अंत में उन्होंने प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।

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22 July 2019, 14:26