पेंतेकोस्त महापर्व के पूर्व जागरण समारोही मिस्सा में संत पापा फ्राँसिस पेंतेकोस्त महापर्व के पूर्व जागरण समारोही मिस्सा में संत पापा फ्राँसिस 

पवित्र आत्मा को शहर का क्रंदन सुनने में मदद करने दें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने पेंतेकोस्त महापर्व के पूर्व जागरण समारोही मिस्सा रोम धर्मप्रांत के विश्वासियों के साथ अर्पित किया। मिस्सा समारोह के बाद रात को दिव्य प्रेम की माता मरियम की तीर्थयात्रा शुरु हुई।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी,सोमवार,10 जून 2019 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने रोम धर्मप्रांत के सभी विश्वासियों को पवित्र आत्मा की आवाज सुनने हेतु प्रोत्साहित किया। पवित्र आत्मा रोम के क्रंदन को सुनने में हमारी मदद करता है। उन लोगों का क्रंदन जिन्हें मुक्ति की आवश्यकता है।

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार शाम को रोम धर्मप्रांत के पल्लियों से आये ख्रीस्तियों के साथ संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में पेंतेकोस्त जागरण मिस्सा का अनुष्ठान किया।उन्होंने कहा कि पास्का काल के अंतिम दिन और पेतेकोस्त महापर्व के पूर्व संध्या बेला में इस बात को हमें गौर करना है कि"येसु हमारे बीच में हैं और जोर से घोषणा करते हैं, “जो कोई भी प्यासा है वो मेरे पास आये और अपनी प्यास बुझाये।"

संत पापा ने कहा कि पुनर्जीवित प्रभु येसु के हृदय से बहता है और हमारे दिलों को दया से भर देता है। उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूँ कि रोम में रहने वाले लोग कलीसिया को पहचानें, हमें पहचानें", मानवता के लिए, दया और कोमलता की बहुत आवश्यकता है। प्रभु चाहते हैं कि हम उन भाइयों और बहनें के पास जायें जो रोम में रहते हैं और उन्हें हमारे सहारे की जरुरत है।

कलीसिया एक माँ है

संत पापा ने कहा कि रोम के जरुरतमंद भाई- बहनें कलीसिया की पल्लियों को उनके लिए खुला हुआ और घर का सा माहौल पायें। पल्ली में वे अपनी बातों को साझा कर सकें उन्हें स्वीकृति मिले। जहाँ वे अपनापन महसूस करें और कभी भी वे वहाँ वापस लौट सकें।

संत पापा ने कहा कि कलीसिया की ममतामयी विचार उन्हें 75 साल पहले की याद दिलाते हैं, 11 जून 1944 को संत पापा पियुस बारहवें  ने रोम के संत इग्नासियुस गिरजाघर में दिव्य प्रेम के माता मरियम रोम शहर के संरक्षण के लिए एक विशेष रुप से धन्यवाद की अर्चना वंदना की थी,जिसे दिविनामोरे तीर्थालय से लाया गया था।

आत्मा की प्रधानता

संत पापा ने कहा, कि रोम शहर में, आज हम सब मिलकर जो समारोह मना रहे हैं, वह आत्मा की प्रधानता है "जो हमें ईश्वर की योजना के अप्रत्याशित होने से पहले मौन करा देती है और फिर हमें आनंद से भर देती है।"

हमारे लिए ईश्वर की योजना यही है कि कलीसिया के रूप में हम यात्री हैं हम प्रतिज्ञात देश के मार्ग में हैं, पवित्र भूमि येरूशलेम शहर के दरवाजे जो हमेशा सभी के लिए खुले हैं, जहां मनुष्य द्वारा बोली जाने वाली विभिन्न भाषाएँ आत्मा के सामंजस्य में रची जाती हैं।” उन्होंने कहा कि "इस शहर में रहने वाले लोगों का रोना और समग्र रूप से सृजन का रोना, आत्मा के रोने के अलावा और कोई नहीं है: यह एक नई दुनिया का जन्म है।"

 उन्होंने कहा, यह आत्मा ही है, जो हमें संतुष्ट आराम की जिन्दगी से बाहर निकालेगा और हमें सही रास्ते पर चलने के लिए शक्ति देगा। यह आत्मा ही है जो हमारे धर्मप्रात का पुनर्निर्माण करेगा। अतः हमें पवित्र आत्मा की आवाज सुनने के लिए चौकस और संवेदनशील होना चाहिए ताकि हम उन भाई-बहनों को मौन क्रंदन को सुन पायेंगे जो मदद हेतु अपना हाथ स्वर्ग की ओर उठाते हैं। तभी, हम पेंतेकोस्त की आग को अपने भीतर महसूस करेंगे, एक ऐसी आग जो हमें इस शहर के पुरुषों और महिलाओं के सामने यह कहने हेतु प्रेरित करती है कि उनकी गुलामी खत्म हो गई है और यह मसीह वही हैं जो स्वर्ग के मार्ग का नेतृत्व करते हैं।

तीर्थयात्रा

पवित्र मिस्सा की समाप्ति पर संत पापा ने दिव्य प्रेम की माता मरियम की प्रतिमा के सामने रोम वासियों के संरक्षण हेतु प्रार्थना की और तीर्थयात्रियों को दिविनामोरे की तीर्थयात्रा हेतु विदा की। रोम धर्मप्रांत के लिए संत पापा के विकर जेनरल कार्डिनल अंजेलो दी दोनातीस की अगुवाई में तीर्थयात्रियों ने प्रार्थना करते हुए 10 मील की पैदल यात्रा तय की। सुबह 5 बजे दिविनामोरे के नये गिरजाधर में तीर्थयात्रियों के लिए कार्डिनल अंजेलो दी दोनातीस ने पवित्र मिस्सा का अनुष्ठान किया।  

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10 June 2019, 17:14