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जीवन को स्वीकार करना

जीवन का रास्ता हमेशा आसान नहीं होता। यह कभी समतल तो कभी ऊबड़ खाबड़ और जोखिम भरे क्षेत्र से भी गुजरता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

मनुष्य के जीवन में हमेशा किसी न किसी चीज की चिंता लगी रहती है। जो व्यक्ति उन चिंताओं को प्रभु को अर्पित कर धीरज पूर्वक आगे बढ़ता है वह कठिन परिस्थितियों का सामना भी साहसपूर्वक कर सकता है। परेशानियों से घिरे हुए लोगों से प्रभु कहते हैं "थके मांदे और बोझ से दबे हुए लोगों तुम सब मेरे पास आओ मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।"

संत पापा ने 25 मई को प्रेषित अपने ट्वीट में कठिनाइयों में पड़े लोगों को साहसपूर्वक कठिनाइयों का सामना करने की सलाह देते हुए कहा, "प्रभु को "हाँ" कहने का अर्थ है जीवन को उसकी हर स्थिति में, प्रेम के साथ स्वीकार करने का साहस, चाहे वह दुर्बल और नगण्य स्थिति में ही क्यों न हो, इसके सभी विरोधाभासों के साथ स्वीकार करना।"

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25 June 2019, 16:35