खोज

संत क्लेमेंटीन सभागार में फ्राँसिस्कन फ्रायर माइनर मठवासी संत क्लेमेंटीन सभागार में फ्राँसिस्कन फ्रायर माइनर मठवासी  

सुसमाचार ही आपका "नियम और जीवन" है, संत पापा फ्राँसिस

संत पापा फ्रायर माइनर मठवासी धर्मसंघ के सदस्यों से मुलाकात की, जो धर्मसंघ की आमसभा में भाग ने हेतु रोम आये हुए हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 17 जून 2019 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 17 जून को वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में फ्राँसिस्कन फ्रायर माइनर मठवासी धर्मसंघ के करीब 150 सदस्यों का सहर्ष अभिवादन किया। संत पापा ने धर्मसंघ के नये  फ्रायर जेनरल फादर कारलोस त्रोवारेल्ली को शुभकामनाएं दी।

संत पापा ने कहा कि गत वर्ष पिछले गर्मियों में असाधारण आमसभा में आपने अपने संविधान को संशोधन कर नए सिरे से लिखा, जिसे हाल ही में परमधर्मपीठ ने मंजूरी दी है। इस संशोधन को शामिल करने के लिए, अब आपने चर्चा की है और नए सामान्य क़ानूनों को मंजूरी दी है, जो आपके सामुदायिक और मिशनरी जीवन के आवश्यक तत्वों, जैसे प्रशिक्षण, पारस्परिक संबंध, आर्थिक प्रबंधन में साझेदारी और पारदर्शिता को स्पर्श करते हैं। यह काम थका देने वाला है, लेकिन इन मुद्दों के लिए समय देना फायदेमंद है। संस्थान की करिश्माई विरासत की रक्षा करने और उसके भविष्य के प्रसारण को सुनिश्चित करने के लिए संविधान आवश्यक उपकरण हैं। वास्तव में, वे सुसमाचार के द्वारा प्रस्तावित मसीह का अनुसरण करने के ठोस तरीके को व्यक्त करते हैं, विशेष रूप से असीसी के संत फ्राँसिस के अनुयायी पवित्र सुसमाचार के अनुसार जीने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

संत पापा ने कहा,“सुसमाचार ही आपके लिए, "नियम और जीवन" है (संत फ्राँसिस, रेगुला बुलाटा, I, 1) और आपका मिशन एक जीवित सुसमाचार होने के अलावा और कुछ नहीं है।" अतः सुसमाचार आपकी मार्ग दर्शन पुस्तिका होनी चाहिए। आप हमेशा इसे ध्यान से पढ़ें और प्रार्थना करें। माता मरियम के जीवन को आत्मसात करते हुए, आप अपने जीवन को मसीह के जीवन के अनुरूप बनाएं।”

भ्रातृत्व

संत पापा ने कहा कि संत फ्राँसिस असीसी ने अपने भाइयों को ईश्वर की ओर से दिया गया उपहार के रुप में ग्रहण किया। "प्रभु ने मुझे भाइयों को दिया" (नियम, 14)। भ्रातृत्व एक उपहार है जिसे आभार के साथ स्वीकार करना चाहिए। यह एक वास्तविकता है कि भ्रातृत्व हमेशा निर्माणाधीन है और इसे बनाने में एक बिना छोड़ सबका योगदान रहता है। हम दैनिक जीवन में पारस्परिक आदान-प्रदान द्वारा तथा खुलकर दूसरों का साथ देते हैं ऐसा तभी संभव होता है जब हम मौन प्रार्थना और आत्म- चिंतन को रोज़मर्रा की ज़िंदगी का भाग बनाते हैं और इस तरह ईश्वर की योजना को पहचानना संभव हो पाता है। आप अपने भाइयों से प्रेम और देखभाल उसी तरह कर सकते हैं जैसा कि माँ अपने बच्चे को प्यार करती है और उसका पालन-पोषण करती है ( रेगोला नॉन बोलाटा, IX, 11) इस तरह, समुदाय में आपका भ्रातृत्व जीवन कलीसिया और दुनिया के लिए प्यार और आज्ञाकारिता का जीवन जीने का एक आदर्श बन जाएगा।

अपने आप को छोटा बनाना

आपके मठवासी जीवन रूप की एक और विशेषता है अपने आप को छोटा बनाना। यह एक मुश्किल विकल्प है क्योंकि यह दुनिया के तर्क का विरोध करता है, जो किसी भी कीमत पर सफलता चाहता है, पहले स्थान को प्राप्त करने की इच्छा रखता है। संत फ्राँसिस असीसी आपको येसु की शिक्षा पर चलते हुए छोटा बनने के लिए कहते हैं, जो सेवा कराने के लिए नहीं आया बल्कि सेवा करने के लिए आये थे (मत्ती 20: 27-28) और हमें बताते हैं: "जो तुम लोगों में बड़ा होना चाहता है वह तुम्हारा सेवक बने और जो कोई भी तुम्हारे बीच प्रधान होना चाहता है, वह सब का दास बने ”(मारकुस 10: 43-44)। इसे अपनी एकमात्र महत्वाकांक्षा होने दें: नौकर होना, एक दूसरे की सेवा करना। इस तरह, आपका अस्तित्व इस दुनिया में एक भविष्यवाणी होगी जहां शक्ति की महत्वाकांक्षा एक महान प्रलोभन है।

शांति एवं भलाई

संत पापा ने कहा कि फ्रांसिस्कन अभिवादन “पाचे बेने” (शांति एवं भलाई) से आप जाने जाते हैं। हीब्रू में, "शालोम वी टोब", का अनुवाद हम सुलह के साथ कर सकते हैं: स्वयं के साथ, दूसरों के साथ, प्राणियों के साथ और ईश्वर के साथ सुलह। यह हृदय से शुरू होता है और ब्रह्मांड तक फैल जाता है। सुलह उस शांति की प्रस्तावना है जिसे येसु ने हमारे लिए छोड़ दिया था (सीएफ योहन, 14:27) सुलह, क्षमा और दया के बिना कोई शांति नहीं है। जिनके पास एक सामंजस्यपूर्ण दिल है वही दया और शांति का वाहक है। संत फ्राँसिस असीसी के समान आप भी हमेशा दया और शांति के प्रचारक और वाहक बनें।  

अपने संदेश के अंत में संत पापा ने उन्हें अपने मठवासी जीवन और पुरोहिताई जीवन को कर्मठता के साथ जीने हेतु प्रेरित किया और अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

17 June 2019, 16:48