ऊर्जा पारगमन व हमारे सामान्य धाम की देखभाल पर सन्त पापा फ्राँसिस
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 14 जून 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो): "ऊर्जा पारगमन और हमारे सामान्य धाम की देखभाल" पर वाटिकन में चल रही दूसरी वार्ता में भाग लेनेवाले प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान पारिस्थितिक संकट, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन, मानव परिवार के भविष्य के लिए खतरा है।
सन्त पापा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा पारगमन किसी भी प्रकार की चर्चा को, आज उपलब्ध सर्वोत्तम वैज्ञानिक अनुसंधान के परिणामों के साथ, जड़ीभूत होना चाहिये जो हमें गहराई से छूते हैं।
निर्धनों और भावी पीढ़ियों के विरुद्ध अन्याय को रोका जाये
इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) द्वारा "पूर्व-औद्योगिक स्तरों के ऊपर 1.5 डिग्री सेल्सियस के ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों पर विशेष रिपोर्ट" को उद्धृत कर उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन की आपातकालीन स्थिति सामना करते हुए, हमें उसके अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए ताकि निर्धनों और भावी पीढ़ियों के विरुद्ध अन्याय का क्रूर कृत्य न किया जाये।"
सन्त पापा ने कहा कि यह नहीं भुलाया जाना चाहिये कि जलवायु संकट के सबसे बुरे प्रभावों को निर्धन लोग ही भुगतते हैं। वर्तमान स्थितियाँ भी यही बताती हैं कि तूफान, सूखा, बाढ़ और अन्य चरम जलवायु घटनाओं के सर्वाधिक दुष्प्रभाव सबसे कमज़ोर वर्ग पर ही पड़ते हैं।
सन्त पापा ने कहा कि इस समय वाटिकन में जारी, "आपकी बैठक ने तीन परस्पर संबंधित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया है: पहला, एक उचित परिवर्तन काल; दूसरा, कार्बन मूल्य निर्धारण; और तीसरा, जलवायु पर बने ख़तरों की रिपोर्टिंग में पारदर्शिता। ये तीन बेहद जटिल मुद्दे हैं और मैं इन्हें उठाने के लिए आपकी सराहना करता हूँ।"
अल्पकालिक आर्थिक लाभों को प्राथमिकता न दी जाये
सन्त पापा ने कहा, "प्रस्तावों को अन्वेषण से परे जाना चाहिए तथा उन विषयों पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिये जिनपर इस वक्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा, "हमारे पास और ठहरने या अल्पकालिक आर्थिक लाभों को प्राथमिकता देने के इंतजार करने की लक्जरी नहीं है। जलवायु संकट को रोकने के लिये अभी और इसी वक्त हमारी निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है।"
अपने विश्व पत्र लाओदातोसी को उद्धृत कर सन्त पापा ने कहा, "हमारे सामान्य धाम की सुरक्षा के लिये क्रान्तिकारी ऊर्जा परिवर्तन काल की ज़रूरत है। अभी भी आशा है कि हम मानवाजति के सामान्य धाम को दुष्प्रभावों से बचा सकें, बशर्ते कि त्वरित और ठोस कार्रवाई की जाये, क्योंकि हम जानते हैं कि "मनुष्य बुरे से बुरा कर्म करने में सक्षम है, फिर भी, वह ख़ुद को ऊपर उठाने, एक नई शुरुआत करने तथा भला चुनने में भी सक्षम है।"
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