प्रेम का साक्षी बने कारिस, संत पापा
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 8 जून 2019 (रेई)˸ काथलिक करिस्मटिक नवीनीकरण सेवा द्वारा कलीसिया की सेवा के लिए धन्यवाद देते हुए संत पापा ने कहा, "आज पूरी कलीसिया की ओर से मैं अंतरराष्ट्रीय काथलिक करिस्मटिक नवीनीकरण सेवा तथा काथलिक भाईचारा को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देता हूँ। अपनी निष्ठा के कारण आज आपने कारिस को साकार रूप दिया है।"
"कारिस"
3 जून को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि कारिस सबसे बढ़कर काथलिक करिस्मटिक नवीनीकरण की एक सेवा है जिसमें इस समय विश्व के 120 मिलियन काथलिक लोग जुड़े हैं जो बपतिस्मा में प्राप्त पवित्र आत्मा का अनुभव विभिन्न प्रार्थना दलों, समुदायों, सुसमाचार प्रचार के स्कूलों, संचार माध्यमों एवं प्रेरिताई के अन्य कार्यों द्वारा करते हैं। लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बतलाया था कि काथलिक करिस्मटिक नवीनीकरण द्वारा एक नई सेवा की शुरूआत की जाएगी। इस सेवा को "कारिस" (काथलिक करिस्मटिक रिन्यूवाल इनटरनैशनल सर्विस) कहा जाएगा।
संत पापा ने कारिस की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद को भी धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, "आज इस यात्रा का एक नया चरण आरम्भ हो रहा है। एक ऐसा चरण जिसमें करिस्मटिक परिवार के सभी सदस्य एक साथ हैं, जिसमें समस्त कलीसिया की भलाई के लिए पवित्र आत्मा की उपस्थिति है।"
संत पापा ने नयी सेवा को स्वीकार करने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, "आरम्भ में नई चीज के द्वारा आने वाले परिवर्तन से थोड़ी अनिश्चितता जरूर आती है किन्तु नई चीज के बारे हिचकिचाहट आना मानवीय है, पर एक आध्यात्मिक व्यक्ति के लिए ऐसा नहीं होना चाहिए।"
प्रभु कहते हैं, ''मैं सब कुछ नया बना देता हूँ''। (प्रकाश. 21.5) संत पापा ने कहा, "ईश्वर की नई चीज हमेशा आशीर्वाद लाती है क्योंकि यह उनके प्रेमी हृदय से प्रवाहित होती है। हम हमेशा यह कहने के प्रलोभन में रहते हैं, "हम जैसे हैं वैसे ही ठीक हैं। जब चीजें ठीक चल रही हैं तो परिवर्तन की क्या आवश्यकता?" उन्होंने कहा कि इस तरह के विचार पवित्र आत्मा से नहीं आते, शायद दुनियावी भावना से आते हैं किन्तु हम याद रखें कि प्रभु कहते हैं, "मैं सब कुछ नया बना देता हूँ।"
अनोखा- संत पापा ने कहा कि कारिस सेवा समस्त कारिस्माटिक दल की मदद करने के लिए बना है जिसको पवित्र आत्मा ने बनाया है।
सेवा- संत पापा ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कलीसिया में शासन भी सेवा का कार्य है। आप इस यात्रा को विभिन्न कार्यों द्वारा मदद करने के लिए बुलाये गये हैं।
एकता- संत पापा ने कहा कि हमें एक हृदय होकर पिता की ओर देखना है एवं विविधता में एकता का परिचय देना है। संत पापा ने उन्हें नबी इसायस के उस भविष्य वाणी को पढ़ने की सलाह दी, जिसमें लिखा है, ''अपने शिविर का क्षेत्र बढ़ा। अपने तम्बू के कपड़े फैला। उसके रस्से और लम्बे कर। उसकी खूँटियाँ और दृढ़ कर; (इसा. 54.2) ताकि सभी लोग इसमें एक परिवार के सदस्यों के रूप में रह सकें। यह एक ऐसा परिवार बने, जहाँ एक ईश्वर और पिता, एक प्रभु येसु ख्रीस्त एवं एक पवित्र आत्मा निवास करते हैं। उस परिवार में कोई अधिक महत्वपूर्ण होते क्योंकि सभी एक ही पिता की संतान हैं।
संत पापा ने कारिस में युवाओं की सदस्यता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि युवा कलीसिया के वर्तमान एवं भविष्य हैं।
संत पापा एवं कलीसिया द्वारा कारिस से उम्मीदें
संत पापा एवं कलीसिया कारिस सेवा से क्या उम्मीद रखते हैं, इस सवाल का उत्तर देते हुए संत पापा ने कहा कि वे पवित्र आत्मा में बपतिस्मा को कलीसिया में सभी को बांटें, ख्रीस्त का शरीर जो कलीसिया है उसकी एकता के लिए कार्य करें, जो गरीब हैं एवं शारीरिक एवं आध्यात्मिक रूप से जरूरतमंद हैं उनकी सेवा करें।
उन्होंने कहा कि पवित्र आत्मा में बपतिस्मा, मसीह के शरीर की एकता और गरीबों की सेवा - साक्ष्य के विभिन्न रूप हैं, जिसके द्वारा बपतिस्मा प्राप्त सभी लोग दुनिया में सुसमाचार प्रचार हेतु बुलाये जाते हैं।
संत पापा ने प्रेम पर जोर देते हुए कहा, "सुसमाचार का प्रचार करने का अर्थ है प्रेम करना, सभी स्त्री-पुरूषों एवं बच्चों को प्यार करना। सुसमाचार प्रचार के लिए कार्यालय स्थापित किया जाना, योजनाएं बनाना तथा सावधानीपूर्वक उन्हें लागू किया जाना चाहिए किन्तु प्रेम के बिना ये सभी बेकार हैं।"
संत पापा ने करिस्मटिक नवीनीकरण के सभी सदस्यों को प्रेम का साक्ष्य देने का प्रोत्साहन दिया।
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