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खाना बदोश समुदाय के साथ संत पापा फ्राँसिस खाना बदोश समुदाय के साथ संत पापा फ्राँसिस 

ब्लाज के खानाबदोश समुदाय के साथ संत पापा की मुलाकात

संत पापा की तीन दिवसीय रोमानिया यात्रा का अंतिम पड़ाव ब्लाज में खाना-बदोश समुदाय के परिवारों से मुलाकात करना था। खानाबदोश समुदाय के पुरोहित जॉन ने अपना अनुभव साझा किया। संत पापा ने कलीसिया द्वारा उनपर किये गये दुर्व्यवहार के लिए मांफी मांगी। संत पापा ने मानवीय समाज के कल्यान में अपना योगदान देने हेतु उन्हें प्रेरित किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ब्लाज, रविवार, 2 जून 2019 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने रोमानिया यात्रा के अंतिम पड़ाव ब्लाज में खानाबदोश परिवारों और उसी समुदाय के पुरोहित फादर जोन से मिलने की खुशी जाहिर की। फादर जोन के साक्ष्य और अनुभव साझा करने हेतु धन्यवाद दिया।

संत पापा ने फादर जोन की बातों पर अपना सहमति प्रकट करते हुए कहा कि कलीसिया बहुधा इस बात को भूल जाती है कि मसीह की कलीसिया में सभी के लिए स्थान है कलीसिया मुलाकात का एक स्थान है। यही ख्रीस्तियों की पहचान होनी चाहिए। फादर जोन ने याद दिलाया कि धर्माध्यक्ष और शहीद जोन सुसीयू ने पिता ईश्वर के हर व्यक्ति से मुलाकात करने और साझा करने की इच्छा की ठोस अभिव्यक्ति दी। आनंद के सुसमाचार का प्रचार खुशी से किया जाता है और हम जानते हैं कि हमारा पिता हमें बहुत प्यार करते हैं। यह जानते हुए कि वे हमारी देखभाल करते हैं, हम भी एक दूसरे की देखभाल करना सीखते हैं। संत पापा ने कहा, “इस भावना में, मैं आपसे हाथ मिलाने, प्रार्थना में अपने दिल को खोलने, आपकी खुद की प्रार्थना का हिस्सा बनने और आपके दिलों में प्रवेश करने की आशा से आपके पास आया हूँ।”

दुर्व्यवहार के लिए क्षमा

संत पापा ने दूसरे समुदायों द्वारा उन पर किये गये भेदभाव, अलगाव और दुर्व्यवहार के प्रति अपने दुख को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “इतिहास बताता है कि ख्रीस्तीय भी, जिनमें काथलिक भी शामिल हैं, इस तरह की बुराई और आपको प्रताड़ित किया है। मैं इसके लिए आपसे क्षमा माँगना चाहूँगा। मैं कलीसिया और प्रभु के नाम पर मैं आपसे माफी माँगता हूँ। इतिहास में उन सभी समयों के लिए जब हमने भेदभाव किया है, गलत व्यवहार किया है या आप पर प्रश्न पूछा है, हाबिल के बजाय काइन की नज़र से देखा और आपको स्वीकार करने और आपकी विशिष्टता में आपका बचाव करने में असमर्थ थे। काइन को अपने भाई की चिंता नहीं थी। उदासीनता पूर्वाग्रहों, क्रोध और आक्रोश को बढ़ावा देती है। कितनी बार हम दंगों का न्याय करते हैं, हमारे शब्द मानसिक वेदना के कारण बनते हैं, जो घृणा और विभाजन को बोते हैं! जब भी किसी को पीछे छोड़ दिया जाता है, तो मानव परिवार आगे नहीं बढ़ सकता है। हम ख्रीस्तीय तो क्या, एक अच्छे इंसान भी नहीं हैं, जब तक कि हम अपने निर्णयों और पूर्वाग्रहों से उपर उठकर उस व्यक्ति को उसके कार्यों से उपर नहीं देख सकते।”

येसु के रास्ते का चुनाव

संत पापा ने कहा कि मानवता का इतिहास हाबिल और काइन के बिना कभी नहीं रहा। एक हाथ किसी को मजबूती से उपर उठाता है तो कोई दूसरा हाथ हड़ताल करने के लिए उपर उठता है। एक तरफ मुलाकात दरवाजा खोलता है तो दूसरी तरफ संघर्ष दरवाजा बंद करता है। एक ओर स्वीकृति है तो दूसरी ओर अस्वीकृति है। ऐसे लोग हैं जो दूसरों को भाई या बहन के रूप में देखते हैं और कुछ एसे लोगों को दूसरों से कोई सरोकार नहीं। एक तरफ प्रेम की सभ्यता है तो दूसरी नफ़रत की सभ्यता । प्रत्येक दिन हमें हाबिल और काइन के बीच चुनाव करना पड़ता है। एक चौराहे पर खड़े व्यक्ति की तरह, हमें सुलह के तरीके या प्रतिशोध के रास्ते पर जाने के लिए निर्णायक विकल्प का सामना करना पड़ता है। संत पापा ने उन्हें येसु का रास्ता चुनने हेतु प्रेरित किया। यह क्षमा का रास्ता है और प्रयास की मांग करता है, और यही तरीका शांति लाता है। अपने मन में क्रोध के लिए कोई जगह न दें। एक बुराई के लिए कभी दूसरी बुराई को सही नहीं कहा जा सकता जाता, कोई प्रतिशोध कभी भी अन्याय को संतुष्ट नहीं करता है और कोई भी अस्वीकृति कभी भी हमें दूसरों के करीब नहीं ला सकती।”

विशिष्ट उपहार

संत पापा ने उन्हें मानवीय समाज के कल्याण में अपना योगदान देने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के रूप में, उनकी एक महान भूमिका है। अपने पास मौजूद विशिष्ट उपहारों को साझा करने से न डरें। “जीवन के मूल्य के लिए सम्मान और विस्तृत परिवार, एकजुटता, आतिथ्य, सहायता, अपने समुदाय के भीतर कमजोर लोगों के लिए चिंता और समर्थन, बुजुर्गों के लिए सम्मान और प्रशंसा और जीवन के धार्मिक अर्थ, सहजता और जीने की खुशी, हमें आपके इन उपहारों की आवश्यकता है। जहां भी आप खुद को पाते हैं, उन उपहारों को साझा करें और उन सभी के उपहारों को स्वीकार करने का प्रयास करें जो आपके साथ साझा करते हैं। इस कारण से, मैं आपको एक साथ यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ, आप जहाँ- कहीं भी हों, अपने भय और संदेह पर काबू करते हुए एक समग्र मानवीय समाज के निर्माण में अपना सहयोग दें। उन बाधाओं को तोड़ें जो हमें दूसरों से अलग करते हैं। गरिमा के साथ एक साथ यात्रा करने की कोशिश करते रहें। परिवार की गरिमा, अपनी रोज़ी रोटी कमाने की गरिमा और प्रार्थना की गरिमा - यही वह चीज़ है जो आपको आगे बढ़ने में मदद करती है। आशावादी बने।”  

संत पापा ने कहा कि उनकी मुलाकात के साथ ही रोमानिया की यात्रा समाप्त होती है। वे रोमानिया में एक तीर्थयात्री और भाई के रुप में यात्रा पर आये थे। विभिन्न स्थानों, संस्कृतियों और भले लोगों से मुलाकात कर वे बहुत खुश हैं और सुन्दर याद संजोये वे रोम वापस लौट रहे हैं। अत में संत पापा ने अपने लिए प्रार्थना करने की मांग करते हुए, उन्हें अपना आशीर्वाद दिया।

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02 June 2019, 16:36