खोज

देवदूत प्रार्थना के पूर्व संदेश देते संत पापा देवदूत प्रार्थना के पूर्व संदेश देते संत पापा 

यूखरिस्त में हमारे विश्वास को नवीकृत करता है, कोरपुस दोमिनी

वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 23 जून को येसु के पावन शरीर और रक्त महापर्व पर, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

आज इटली एवं कई अन्य देशों में ख्रीस्त के पावन शरीर और रक्त कोरपुस दोमिनी का महापर्व मनाया जाता है। सुसमाचार पाठ रोटी के चमत्कार की घटना को प्रस्तुत करता है (लूक. 9,11-17) जो गलीलिया झील के तट पर घटी थी। येसु हजारों लोगों को उपदेश दे रहे थे और बीमारों को चंगा कर रहे थे। "अब दिन ढ़लने लगा था। बारहों ने उनके पास आ कर कहा, ''लोगों को विदा कीजिए, जिससे वे आसपास के गाँवों और बस्तियों में जा कर रहने और खाने का प्रबन्ध कर सकें। यहाँ तो हम लोग निर्जन स्थान में हैं।'' (पद. 12) शिष्य भी थक चुके थे। वास्तव में, वे एक एकान्त झील के पास थे और लोगों को भोजन खरीदने के लिए गाँवों की ओर जाना पड़ता। पर ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, ''तुम लोग ही उन्हें खाना दो''। (पद. 13) इन शब्दों से शिष्य आश्चर्यचकित हुए, वे नहीं समझ सके और परेशान होकर उन्होंने जवाब दिया, ''हमारे पास तो केवल पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं। क्या आप चाहते हैं कि हम स्वयं जा कर उन सब के लिए खाना ख़रीदें?'' (पद.13)

केवल अपने लिए नहीं सोचना, बल्कि बांटना

येसु ने इसके द्वारा अपने शिष्यों को एक सच्चे परिवर्तन हेतु निमंत्रण दिया, केवल अपने लिए नहीं सोचना, बल्कि बांटना, उस थोड़े से ही शुरू करना जो अपने पास है। उसके बाद अपने कार्य को तुरन्त स्पष्ट रूप से प्रकट करते हुए उनसे कहा, ''पचास-पचास कर उन्हें बैठा दो''। (पद.14) तब ईसा ने वे पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ ले लीं, स्वर्ग की ओर आँखें उठा कर उन पर आशिष की प्रार्थना पढ़ी और उन्हें तोड़-तोड़ कर वे अपने शिष्यों को देते गये ताकि वे उन्हें लोगों में बाँट दें। रोटी तब तक समाप्त नहीं हुई जब तक कि सभी तृप्त नहीं हो गये।

संत पापा ने कहा कि यह चमत्कार, अत्यन्त महत्वपूर्ण है जिसका वर्णन सभी सुसमाचार लेखकों ने किया है। यह मसीह की शक्ति एवं उनकी दया को एक साथ प्रकट करता है। येसु को लोगों पर दया आ गयी थी। यह विलक्षण चिन्ह न केवल येसु के एक बड़े चमत्कार को दर्शाता है किन्तु उनके बलिदान, यूखरिस्त को भी जो येसु का पावन शरीर और रक्त है जिसको उन्होंने दुनिया की मुक्ति के लिए प्रदान किया है उसकी यादगारी बन गयी।

पवित्र यूखरिस्त में येसु की पूर्ण उपस्थिति

पवित्र यूखरिस्त में येसु की पूर्ण उपस्थिति है जिसको उन्होंने पिता एवं अपने भाइयों के प्रेम के लिए स्थापित किया है। इसमें भी, रोटी के चमत्कार की तरह येसु ने अपने हाथ में रोटी ली, स्वर्ग की ओर आँखें उठायी, उन पर आशिष की प्रार्थना पढ़ी और उन्हें तोड़-तोड़ कर अपने शिष्यों को दिया। दाखरस के साथ भी उन्होंने वैसा ही किया।

दुःखभोग की रात वे नये एवं अनन्त व्यवस्थान के चिन्ह अपने दुःखभोग, मृत्यु एवं पुनरूत्थान को एक सतत् स्मारक के रूप में छोड़कर जाना चाहते थे।

पवित्र यूखरिस्त के विस्मय एवं आनन्द को नवीकृत करें

संत पापा ने कहा कि कोरपुस दोमिनी हर साल हमें निमंत्रण देता है कि हम प्रभु के इस महान उपहार पवित्र यूखरिस्त के विस्मय एवं आनन्द को नवीकृत करें। आइये, हम इस महान उपहार को अभ्यस्त होकर निष्क्रिय रूप में नहीं, बल्कि कृतज्ञता के साथ ग्रहण करें। हमें परमप्रसाद को आदतन नहीं लेना चाहिए। जब कभी हम उसे ग्रहण करने के लिए वेदी की ओर बढ़ते हैं तब हमें "आमेन" शब्द का उच्चारण कर ख्रीस्त के शरीर में अपने विश्वास को नवीकृत करना चाहिए। जब पुरोहित "ख्रीस्त का शरीर एवं रक्त" उच्चरित करते हैं तब हम "आमेन" कहकर उसका उत्तर देते हैं जिसे हृदय से निकलना चाहिए क्योंकि इसके द्वारा येसु मुझे बचाने आते हैं। वे मुझे शक्ति प्रदान करते हैं, वही येसु जो जीवित हैं। संत पापा ने जोर दिया कि हम इसे आदत के रूप में न करें, जब कभी हम इसे ग्रहण करें इसे प्रथम परमप्रसाद के समान ग्रहण करें।

कोरपुस दोमिनी की शोभायात्रा में भाग लेने का प्रोत्साहन

संत पापा ने कोरपुस दोमिनी की शोभायात्रा में भाग लेने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, "ईश्वर की पवित्र प्रजा, पवित्र यूखरिस्त पर अपने विश्वास की अभिव्यक्ति पवित्र संस्कार की शोभायात्रा के द्वारा करती है जिसको सभी काथलिक गिरजाघरों में आज के दिन की जाती है। मैं भी आज की संध्या रोम के कस्तेल बेरतोने में ख्रीस्तयाग अर्पित करूँगा एवं एक शोभायात्रा में भाग लूँगा। आप सभी को निमंत्रण देता हूँ कि आप भी इसमें भाग लें। यदि सम्भव न हो तो रेडियो अथवा टेलीविजन द्वारा भी आप आध्यात्मिक रूप से भाग ले सकते हैं। माता मरियम हमें विश्वास एवं प्रेम से येसु का अनुसरण करने में मदद करें जिनकी आराधना हम पवित्र यूखरिस्त में करते हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

24 June 2019, 13:51