फाओ के सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को संदेश देते संत पापा फाओ के सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को संदेश देते संत पापा 

भूख से निपटने के लिए सामाजिक और राजनीतिक इच्छाशक्ति आवश्यक

संत पापा फ्राँसिस ने खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) सम्मेलन के 41वें सत्र में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का अभिवादन किया, जिनमें विभिन्न देशों एवं संगठनों के 500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 27 जून 2019 (रेई)˸ उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी के सहयोग एवं मदद से भूख एवं भोजन की कमी की समस्या के हल हेतु 2030 की कार्यसूची के पहले और दूसरे लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।

संत पापा ने कहा, "विश्व स्तर पर शून्य भूख लक्ष्य एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यह स्वीकार करते हुए कि विगत दशकों में काफी सुधार हुआ है उन्होंने कहा कि भोजन की कमी का सामना करने एवं पीने योग्य स्वच्छ जलापूर्ति के लिए उनके अंतर्निहित कारणों पर गौर करने की आवश्यकता है। भोजन एवं पेयजल की कमी का संकट सामाजिक एवं राजनीतिक सहानुभूति की कमी और रूचि का अभाव है।"

भोजन और पानी की कमी

उन्होंने गौर किया कि भोजन और पानी की कमी सबसे गरीब और कमजोर देशों का आंतरिक और अनन्य मामला नहीं है किन्तु सभी के लिए चिंता का विषय है। हम सभी को उनके निराशाजनक रूदन को सुनना तथा उपाय खोजना है ताकि वे भी जीवित रह सकें और उनके मौलिक अधिकारों का सम्मान किया जा सके।

संत पापा ने इसके लिए उपाय बतलाते हुए कहा कि उन उपायों में से एक है भोजन और पानी को बर्बाद होने से बचाना। इसके लिए सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक बनाना होगा। इस जागृति को अल्प और लम्बे दोनों ही समय के लिए लाया जाना चाहिए। तब युवा पीढ़ी इस साक्ष्य को अपने आने वाली पीढ़ी को भी दे पायेगी।

मानव परिवार की समस्या

संत पापा ने कहा कि पर्यावरणीय अस्थिरता, खाद्य असुरक्षा और आप्रवासी आंदोलन के बीच एक स्पष्ट संबंध है। विगत कुछ सालों में विश्वभर में पलायन करने वालों की संख्या में बृद्धि ने दिखलाया है कि एक देश की समस्या पूरे मानव परिवार की समस्या है। यही कारण है कि कमजोर क्षेत्रों में कृषि कार्यों को प्रोत्साहन दिया जाना एवं भूमि के लचीलेपन और स्थिरता को मजबूत करना चाहिए। यह तभी संभव है जब एक ओर तकनीकि में विकास और दूसरी ओर, विकास के लिए नवीन एवं ठोस नीतियों को अपनाया जाए।

जिम्मेदारी की भावना

संत पापा ने फाओ एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों की सराहना करते हुए कहा कि वे खासकर, गरीबों के लिए आधारभूत वस्तुओं को उपलब्ध कराते हैं। इन ईकाइयों को सरकारों, व्यापारों एवं सामाजिक तथा व्यक्तिगत संस्थाओं के समर्थन की आवश्यकता है। संयुक्त प्रयासों द्वारा इन लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है तथा कार्यक्रमों एवं नीतियों द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से देश, समाज एवं व्यक्ति के जीवन में जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न की जा सकती है।  

संत पापा ने अपने वक्तव्य को विराम देने के पूर्व, इस बात को स्पष्ट किया कि परमधर्मपीठ भूख को दूर करने एवं बेहतर भविष्य के निर्माण में फाओ और विश्वस्तरीय प्रयासों को अपना पूर्ण समर्थन देगी। उन्होंने मानव परिवार के सच्चे विकास में उनके समर्पण के कार्य पर ईश्वर की आशीष की कामना की।

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27 June 2019, 16:50