इस्तीतूतो ओस्पेदाले देल्ली इनोचेन्ती के सदस्यों के साथ, 24.05.2019 इस्तीतूतो ओस्पेदाले देल्ली इनोचेन्ती के सदस्यों के साथ, 24.05.2019 

सामाजिक व नैतिक जिम्मेदारियाँ वित्तीय दुनिया का अपरिहार्य मूल्य

सन्त पापा फ्राँसिस ने वर्तमान विश्व को स्मरण दिलाया है कि न्यायपूर्ण और एकजुट समाज के निर्माण के लिए वित्तीय जगत की सामाजिक एवं नैतिक ज़िम्मेदारियाँ एक अपरिहार्य मूल्य है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन रेडियो

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 24 मई 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो):  सन्त पापा फ्राँसिस ने वर्तमान विश्व को स्मरण दिलाया है कि न्यायपूर्ण और एकजुट समाज के निर्माण के लिए वित्तीय जगत की सामाजिक एवं नैतिक ज़िम्मेदारियाँ एक अपरिहार्य मूल्य है।

इस्तीतूतो देल्ली इनोचेन्ती

वाटिकन में शुक्रवार को इटली के फ्लोरेन्स शहर का “इस्तीतूतो देल्ली इनोचेन्ती” अर्थात् निर्दोष लोगों की संस्था नामक संस्थान के निर्देशकों एवं सदस्यों ने सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। फ्लोरेन्स शहर का, "निर्दोष लोगों की संस्था" नामक, संस्थान सन् 1445 में उदघाटित किया गया था। बैंक मालिक फ्राँन्चेस्को दातीनी द्वारा दिये गये अनुदान से वास्तुकार फिलिप्पो ब्रूनेलेस्की ने इसका निर्माण किया था। विगत 06 शताब्दियों से यह अस्पताल संस्थान बच्चों को उपचार एवं आवश्यक सहायता प्रदान कर बाल्यपन को प्रोत्साहन देता आया है।

सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि 06 सदियों के इतिहास में यह संस्थान बच्चों के हित में कल्याणकारी कार्य करता आया है तथा अभी भी इसके कार्य समाप्त नहीं हुए हैं बल्कि भविष्य पर दृष्टि लगाये हुए हैं। उन्होंने कहा, “इस्तीतूतो देल्ली इनोचेन्ती” उदारता का आदर्श है जिसने सदैव परित्यक्त बच्चों एवं कठिन परिस्थितियों से गुज़र रही माताओं की प्रेमपूर्वक सहायता की है।

वित्तीय जगत की ज़िम्मेदारी

सन्त पापा ने कहा, "आज भी न्यायसंगत एवं एकात्म समाज के निर्माण के लिये वित्तीय जगत की महान सामाजिक एवं नैतिक ज़िम्मेदारियाँ एक अपरिहार्य मूल्य हैं।" उन्होंने कहा कि फ्लोरेन्स के मरियम महागिरजाघर के निकट निर्दोष बच्चों के लिये निर्मित अस्पताल का अहं महत्व है। “इस्तीतूतो देल्ली इनोचेन्ती” के निर्माताओं ने इसे मरियम महागिरजाघर के निकट रखा ताकि मनुष्यों को याद दिलाया जा सके कि जैसा सौन्दर्य हम प्रभु ईश्वर को अर्पित करते हैं वैसा ही सौन्दर्य हम कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करनेवाले बच्चों के प्रति समर्पित रख सकें और बच्चे एक सुन्दर वातावरण में पनप सकें।   

आवश्यकता में पड़े विश्व के दुर्बल वर्ग के पक्ष में सहायता का आह्वान करते हुए सन्त पापा ने कहा, "छः शताब्दियों के अन्तराल में “इस्तीतूतो देल्ली इनोचेन्ती” बालकों एवं बालिकाओं को प्रतिष्ठा के साथ विकसित होने का अवसर देता रहा है जो अपने आप में एक सराहनीय तथ्य है तथा जिसकी आज के विश्व को सख्त आवश्यकता है। उन बच्चों को सहायता प्रदान करने की ज़रूरत है जिनसे उनका बचपन, उनका भविष्य छीन लिया गया है और जो परिवार से बिछुड़ कर समाज से भी बहिष्कृत कर दिये गये हैं। उन नाबालिगों को सुरक्षा प्रदान करना आवश्यक है जो भुखमरी और युद्ध के कारण लम्बी-लम्बी यात्राएँ करने पर मजबूर हैं।"

गर्भ में पल रहे शिशुओं के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने गर्भवती महिलाओं को हर प्रकार की मदद देने का आह्वान किया और कहा कि आज के कथित विकसित और प्रगतिशील विश्व में यह देखना हमारी ज़िम्मेदारी है कि कोई भी माता अपने बच्चे का परित्याग करने के लिये मजबूर न की जाये।   

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24 May 2019, 11:52