सन्त पापा फ्राँसिस बुल्गारिया में सन्त पापा फ्राँसिस बुल्गारिया में 

प्रवासी-संशयवादी बुल्गारियाई लोगों से उदारमना होने का आग्रह

सन्त पापा फ्राँसिस ने रविवार को बुल्गारियाई लोगों से आग्रह किया कि वे आप्रवासियों के प्रति अपने हृदयों एवं घरों के दरवाज़ों को खोलें।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

सोफिया, बुल्गारिया, सोमवार, 6 मई 2019 (एपी,रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने रविवार को बुल्गारियाई लोगों से आग्रह किया कि वे आप्रवासियों के प्रति अपने हृदयों एवं घरों के दरवाज़ों को खोलें। उन्होंने यह तर्क दिया कि बुल्गारिया जैसे देश को, जो ख़ुद आप्रवास की वजह से अपनी इतनी अधिक जनसंख्या खो रहा है, उन बलों को भलि प्रकार समझना चाहिये जो लोगों को बेहतर जीवन की तलाश के लिए अन्यत्र जाने पर बाध्य करते हैं।

आँखों एवं हृदयों को खुला रखें

काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस इस समय बुल्गारिया एवं मकदूनिया की तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर हैं। रविवार को वे रोम से उक्त यात्रा के लिये रवाना हुए थे। इटली से बाहर सन्त पापा फ्राँसिस की यह 29 वीं प्रेरितिक यात्रा है। इस प्रेरितिक यात्रा का विषय है, "पाचेम इन तेर्रिस" अर्थात् धरती पर शांति।

बुल्गारिया की राजधानी सोफिया स्थित राष्ट्रपति भवन में रविवार को बुल्गारिया के उच्चाधिकारियों एवं कूटनीतिज्ञों को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने सम्मानपूर्वक सुझाव दिया कि बुल्गारिया के लोग यह स्वीकार करें कि आप्रवासियों का, एक देश से दूसरे देश में, पलायन युद्ध, आन्तरिक संघर्ष तथा निपट निर्धनता का परिणाम है, जिसका लक्ष्य जीवन में मौकों की तलाश अथवा मात्र सुरक्षित शरणस्थल की खोज है। उन्होंने कहा, बुल्गारिया के सभी लोगों से मेरा आग्रह है कि वे अपनी नेक परम्पराओं को याद करते हुए उन दीन-हीनों के प्रति अपनी आँखें, अपने हृदय तथा अपने हाथों को बन्द न करें जो आपके दरवाज़े को खटखटा रहे हैं।

ग़ौरतलब है कि बुल्गारिया की सत्ता रूढ़ गठबंधित सरकार में तीन राष्ट्रवादी एवं प्रवासी विरोधी पार्टियाँ शामिल हैं। बुल्गारिया की सरकार ने यूरोपीय संघ का आह्वान किया है कि आप्रवासियों को रोकने के लिये अपनी सीमाओं को बन्द करे तथा ख़ुद तुर्की के साथ अपनी सीमा रेखा को एक कांटेदार तार के बाड़ से सील कर दिया है। विडम्बना तो यह कि स्वयं बुल्गारिया के लोग स्वदेश का परित्याग कर अन्य यूरोपीय देशों में नौकरियों की तलाश के लिये आप्रवास कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के आँकड़ों के अनुसार 2050 तक बुल्गारिया की कुल आबादी 70 लाख से गिरकर 54 लाख रह जायेगी तथा शताब्दी के अन्त होते-होते 39 लाख होगी।  

दीवारों का नहीं बल्कि पुलों का निर्माण करें

आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की दुर्दशा पर आवाज़ उठाना सन्त पापा फ्राँसिस के परमाध्यक्षीय मिशन की पहचान बन गई है। कई मौकों पर उन्होंने विश्व की विभिन्न सरकारों से आग्रह किया है कि वे दीवारों का नहीं बल्कि पुलों का निर्माण करें तथा ज़रूरतमन्दों के स्वागत एवं उनके एकीकरण हेतु जो कुछ कर सकते हैं, करें। उनकी प्रेरितिक यात्रा यूरोपीय संसद के चुनावों से पूर्व हो रही है जिनमें दक्षिण पंथी एवं राष्ट्रवादी पार्टियाँ विजय की अपेक्षा कर रहीं हैं।

उदारता की क्रान्ति शुरु करें

रविवार को ही सन्त पापा फ्राँसिस ने बुल्गारिया के ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय प्राधिधर्माध्यक्ष नेओफित  तथा अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। रविवार अपरान्ह उन्होंने सन्त एलेक्ज़ेनडर को समर्पित प्राधिधर्माध्यक्षीय महागिरजाघर की भेंट कर पूर्वी यूरोप के संरक्षक सन्त सिरिल एवं सन्त मेथोदियुस की समाधि पर श्रद्धार्पण किया तथा बुल्गारिया के लघु काथलिक समुदाय के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित किया। इस समारोह लगभग 12,000 श्रद्धालु उपस्थित हुए। इस अवसर पर प्रवचन कर सन्त पापा फ्राँसिस ने काथलिकों से अनुरोध किया कि वे "ईश प्रेम से प्रेरित उदारता की क्रान्ति शुरु करें"। 

         

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06 May 2019, 11:03