वाटिकन संग्रहालय के विशेषज्ञों के साथ सन्त पापा फ्राँसिस, 28.09.2018 वाटिकन संग्रहालय के विशेषज्ञों के साथ सन्त पापा फ्राँसिस, 28.09.2018 

कलीसियाई संग्रहालयों के इतालवी संघ के सदस्यों को सन्त पापा

सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को कलीसियाई संग्रहालयों के इतालवी संघ के सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया। उन्होंने उनसे कहा कि संस्कृति को न केवल अतीत के स्मारकों के रूप में देखा जाये, बल्कि, इसमें निहित जीवन्त, गतिशील और भागीदारी की भावना को आत्मसात किया जाये।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 24 मई 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो):  सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को कलीसियाई संग्रहालयों के इतालवी संघ के सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया। उन्होंने उनसे कहा कि संस्कृति को न केवल अतीत के स्मारकों के रूप में देखा जाये,  बल्कि, इसमें निहित जीवन्त, गतिशील और भागीदारी की भावना को आत्मसात किया जाये।

मूल्यों के संवर्धन हेतु अतीत पर दृष्टि

कलीसियाई संग्रहालयों की देखरेख करनेवाले इतालवी संघ के सदस्यों से उन्होंने कहा कि अतीत की उन सब बातों की स्मृति सजीव रखने की नितान्त आवश्यकता है जो वर्तमान जीवन में मानवीय एवं नैतिक मूल्यों का संवर्धन करते हैं।  

उन्होंने कहा, "अपने विश्व पत्र लाओदातोसी में मैंने स्मरण दिलाया है कि मानवजाति की प्राकृतिक विरासत सहित उसकी ऐतिहासिक, कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत पर आज समान रूप से ख़तरा बना हुआ है जो एक जगह की आम पहचान का हिस्सा है और रहने योग्य शहर के निर्माण का एक आधार है। आवश्यकता है, एक विशिष्ट स्थान के इतिहास, उसकी संस्कृति और वास्तुकला को एकीकृत कर इसकी मूल पहचान की रक्षा करने की तथा तकनीकी भाषा को लोकप्रिय भाषा में बुद्धिगम्य बनाने की। संस्कृति को न केवल अतीत के स्मारकों के रूप में देखा जाये,  बल्कि, विशेष रूप से, इसमें निहित जीवन्त, गतिशील और भागीदारी की भावना को आत्मसात किया जाये।"

सहयोग हमें भाई-बहन बनाता

कलीसियाई संग्रहालयों का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "ये संग्रहालय हमें लोगों के साथ जीवन यापन करने, उनके साथ भलीभाँति जीने, एक साथ मिलकर काम करने और एक दूसरे की मदद करने हेतु प्रेरित करते हैं। अपने स्वभाव से कलीसियाई संग्रहालय का कार्य है कि वे लोगों के बीच सम्वाद को प्रेरित करें, विशेष रूप से, क्षेत्रीय स्तरों पर वार्ताओं को प्रोत्साहन दें। इस परिप्रेक्ष्य में, यह आम बात है कि कलीसियाई संग्रहायल अन्य धार्मिक समुदायों के संग्रहालयों के साथ सहयोग करें क्योंकि विभिन्न धर्मों, परंपराओं और जीवन शैलियों के कलात्मक कृत्य और स्मृतियाँ भी उस मानवता की बात करती हैं जिसमें हम एक दूसरे को भाई और बहन मानने में सक्षम बनते हैं।"

सन्त पापा ने कहा कि कलीसियाई संग्रहालयों का कार्य अतीत के महान कार्यों की याद दिलाता है जिनमें सर्वप्रमुख एवं सर्वप्रथम स्थान सुसमाचार के सौन्दर्य का प्रदर्शन है इसलिये उन कलाकृतियों को अवश्य ही प्रोत्साहित किया जाये जो सुसमाचार के सन्देश को लोगों में प्रसारित करने मददगार सिद्ध होते हैं।

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24 May 2019, 11:59