ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष, महाधर्माध्यक्षों तथा धर्माध्यक्षों से मुलाकात करते हुए संत पापा फ्राँसिस ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष, महाधर्माध्यक्षों तथा धर्माध्यक्षों से मुलाकात करते हुए संत पापा फ्राँसिस 

ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता, संत सिरिल एवं संत मेथोडियस

संत पापा फ्राँसिस ने बुल्गारिया के ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष, महाधर्माध्यक्षों तथा धर्माध्यक्षों से मुलाकात करते हुए संत सिरिल एवं संत मेथोडियस पर प्रकाश डाला।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सोफिया, रविवार, 5 मई 2019 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने बुल्गारिया की प्रेरितिक यात्रा के दौरान हॉली सिनॉड भवन में ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष नेओफिट, महाधर्मध्यक्षों एवं धर्माध्यक्षों से मुलाकात की।

उन्हें सम्बोधित कर उन्होंने कहा, "पुनर्जीवित मुक्तिदाता के आनन्द में, मैं इस रविवार को, जो पूर्वी ख्रीस्तीयों के लिए "संत थोमस रविवार" के नाम से जाना जाता है आप सभी को पास्का की शुभकामनाएँ देता हूँ।" संत थोमस ने येसु की बगल में और उनके घावों पर हाथ रखकर कहा था, "मेरे प्रभु मेरे ईश्वर।" (यो. 20:28). 

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीयों के बीच इतिहास में खोले गए घाव, कलीसिया रूपी मसीह के शरीर पर दर्दनाक चोट के निशान हैं, इसका प्रभाव आज भी वास्तविक है। हम उन्हें अपने हाथों से स्पर्श कर सकते हैं, पर यदि हम एक साथ इस घाव का स्पर्श करेंगे और स्वीकार करेंगे कि येसु जी उठे हैं और उन्हें अपना प्रभु एवं ईश्वर घोषित करेंगे, तब हम एक साथ मिलकर हमारी भावनाओं को महसूस कर सकेंगे एवं अपने आप को प्रेम के जख्मों में डुबो देंगे। इस तरह हम क्षमाशीलता के आनन्द की खोज कर सकेंगे तथा प्रभु की सहायता से एक ही वेदी पर पास्का रहस्य को मना पायेंगे।

संत पापा ने उन सभी भाई बहनों के प्रति अपना श्रद्धांजलि अर्पित की जो इस यात्रा में हमारी सहायता करते हैं। उन्होंने कहा कि इस देश में कई ख्रीस्तीयों ने येसु के नाम पर दुःख सहा है खासकर, पिछली शताब्दी में अत्याचार के दौरान। गुलाब के इस भूमि में उन्होंने सुगंध बिखेरी है। सुसमाचार की खुशबू फैलाने के लिए उन्हें परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ा। संत पापा ने एकांत मठवास की परम्परा की सराहना की जिसने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों के विश्वास को पुष्ट किया है। उन्होंने कहा कि पास्का के ये साक्षी जो विभिन्न कलीसियाओं के हैं वे स्वर्ग में से एक साथ हमें उस बीज की तरह निहार रहे हैं जो पृथ्वी पर रोपे गये हैं ताकि फल उत्पन्न कर सकें। यद्यपि पूरे विश्व में कई भाई बहनें अभी भी अपने विश्वास के लिए पीड़ित हैं फिर भी वे हमसे कह रहे हैं कि हम बंद न हों बल्कि अपने आपको खोलें क्योंकि केवल इसी तरीके से वे बीज फल ला सकते हैं।

यह मुलाकात जिसकी मुझे बड़ी अभिलाषा थी, संत पापा जॉन पौल द्वितीय की मुलाकात के समान है जिन्होंने प्राधिधर्माध्यक्ष मैक्सिम के साथ अपनी बुल्गारिया की प्रेरितिक यात्रा के दौरान की थी।

संत ने अंजेलो रोनकाली की भी याद की जो बाद में संत जोन 23वें बने। जो बुलगारिया में संत पापा के प्रतिनिधियों थे और जिन्होंने विभिन्न खीस्तीय समुदायों को प्रभु का साक्ष्य देने हेतु साथ सात चलने का निमंत्रण दिया। विशेषकर, सबसे गरीब एवं उपेक्षित भाई बहनों में जिसमें प्रभु उपस्थित रहते हैं।

ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता का तीसरा माध्यम है संत सिरिल और संत मेथोडियस का उदाहरण।  संत पापा ने कहा कि सुसमाचार के प्रचार हेतु हम एक साथ चल सकते हैं। संत पापा ने इसके लिए युवाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह कितना महत्वपूर्ण है जब हम अपनी संस्कृति एवं विशेष पहचान को सम्मान देते हैं। जब हम भाषा एवं अपने तौर तरीकों से एक-दूसरे को विश्वास में बढ़ने में मदद देते हैं जो युवाओं को ईश्वर के आनन्द को महसूस करने में मदद देता है जो उनसे प्रेम करते और उन्हें बुलाते हैं।

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05 May 2019, 17:48