सोसाईटी ऑफ अफ्रीकन मिशनस के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा सोसाईटी ऑफ अफ्रीकन मिशनस के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा 

संत पापा द्वारा अफ्रीकी मिशनस सोसाईटी को प्रोत्साहन

संत पापा फ्राँसिस ने सोसाईटी ऑफ अफ्रीकन मिशनस के सदस्यों को प्रोत्साहन दिया कि वे युद्ध एवं मानव तस्करी के शिकार लोगों की सेवा धीरज पूर्वक करें। उन्होंने फादर पियेरलुइजी माक्काली के लिए प्रार्थना का आश्वासन दिया जिनका पिछले साल नीगेर में अपहरण हो गया था।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सोसाईटी ऑफ अफ्रीकन मिशनस (एस ए एस) पुरोहितों का एक मिशनरी धर्मसमाज है जो अफ्रीका में काथलिकों एवं विश्व के विभिन्न हिस्सों में अफ्रीकी लोगों की सेवा करते हैं।

शुक्रवार को संत पापा ने सोसाईटी ऑफ अफ्रीकन मिशनस के सदस्यों से मुलाकात की जो अपने धर्मसमाज की महासभा में भाग ले रहे हैं।

प्रेरितिक उत्साह

अपने सम्बोधन में संत पापा ने मिशनरियों को सुसमाचार प्रचार के इस महान कार्य के लिए धन्यवाद दिया जो ऐसे स्थानों पर अपनी सेवा दे रहे हैं जहाँ ख्रीस्तीय समुदाय अभी भी नाजुक स्थिति में है एवं जो विस्थापित होकर जी रहे हैं।

उन्होंने कहा, "ये नये प्रेरितिक क्षेत्र, आपमें पवित्र आत्मा के ठोस कार्य के चिन्ह हैं।" संत पापा ने उनके साहसिक मिशनरी कार्य के प्रति उत्साह के लिए उनकी प्रशंसा की जो उनके संस्थापक ईश सेवक मेलक्योर ब्रेसिलाक एवं फादर अगुस्टीन प्लांक के आदर्शों का अनुसरण कर रहे हैं।  

संत पापा ने इटली के मिशनरी फादर पियेरलुईजी माकाली के लिए प्रार्थना का आश्वासन दिया जिनका अपहरण नीगेर की एक पल्ली से 17 सितम्बर 2018 को हो गयी थी। उन्होंने कहा, "मैं इस चिंताजनक स्थिति की ओर परमधर्मपीठ का ध्यान खींचने का आश्वासन देता हूँ।"  

दुर्बलों की सेवा

सोसाईटी ऑफ अफ्रीकी मिशन ने इस महासभा की तैयारी सालभर की थी ताकि अपने लोकधर्मी संगठनों एवं मिशनरी धर्मबहनों पर विशेष ध्यान दिया जा सके।

संत पापा ने धर्मसंघ को एक खुशहाल परिवार की संज्ञा दी जो अफ्रीका एवं एशिया में विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा, "मैं प्रोत्साहन देता हूँ कि आप बच्चों, दुर्बलों, युद्ध पीड़ितों, बीमारों एवं मानव तस्करी के शिकार लोगों की सेवा करने के अपने प्रयास में धीर बने रहें। उन लोगों को अधिक ध्यान दें जिन्हें समाज तिरस्कृत समझता एवं बाहर रखता है, यही करुणावान ईश्वर की उपस्थिति का ठोस साक्ष्य है।

नया रास्ता, पुराना मूल

संत पापा ने मिशनरियों को निमंत्रण दिया कि वे वार्ता एवं मुलाकात की संस्कृति द्वारा गरीबों की देखभाल करें। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे नया रास्ता खोलने का साहस करें जो ईश्वर की नवीनता को प्रकट करता है।

उन्होंने कहा, "आप अपने मूल के प्रति विश्वस्त रहें। आप एकता के सूत्र में बांधने वाले प्रेम एवं सच्चे सामुदायिक जीवन के आनन्द द्वारा पुनर्जीवित ख्रीस्त का साक्ष्य देने के लिए बुलाये गये हैं।"

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18 May 2019, 16:30