खोज

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के दौरान लोगों को सम्बोधित करते संत पापा स्वर्ग की रानी प्रार्थना के दौरान लोगों को सम्बोधित करते संत पापा 

पवित्र आत्मा कलीसिया को समझाता एवं प्रेरित करता

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा कि पास्का के इस छटवें रविवार का सुसमाचार पाठ (यो.14.23-29) येसु के एक ऐसे उपदेश को प्रस्तुत करता है जिसको उन्होंने अंतिम व्यारी के समय शिष्यों को दिया था। उन्होंने वहाँ पवित्र आत्मा के कार्यों की चर्चा की थी तथा एक प्रतिज्ञा भी की थी।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 27 मई 2019 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 26 मई को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

पास्का के इस छटवें रविवार का सुसमाचार पाठ (यो.14.23-29) येसु के एक ऐसे उपदेश को प्रस्तुत करता है जिसको उन्होंने अंतिम व्यारी के समय शिष्यों को दिया था। उन्होंने वहाँ पवित्र आत्मा के कार्यों की चर्चा की थी तथा एक प्रतिज्ञा भी की थी। "परन्तु वह सहायक, वह पवित्र आत्मा, जिसे पिता मेरे नाम पर भेजेगा तुम्हें सब कुछ समझा देगा। मैंने तुम्हें जो कुछ बताया, वह उसका स्मरण दिलायेगा।" (पद. 26)

येसु जब क्रूस के नजदीक पहुँच रहे थे तब उन्होंने चेलों को आश्वस्त किया कि वे अकेले नहीं छोड़ दिया जायेंगे। पवित्र आत्मा सदा उनके साथ रहेगा। वह सहायक, उन्हें उनके मिशन में सहायता प्रदान करेगा जिससे कि वे सुसमाचार का प्रचार दुनिया के कोने कोने में कर सकेंगे।

संत पापा ने सहायक शब्द को स्पष्ट करते हुए कहा, "ग्रीक भाषा में सहायक (पाराक्लेट) का अर्थ होता है मदद करने और सांत्वना देने के लिए बगल में रहने वाला।" येसु पिता के पास लौट रहे हैं, किन्तु वे पवित्र आत्मा के कार्यों द्वारा अपने चेलों को प्रेरित करना जारी रखेंगे।

पवित्र आत्मा का मिशन

संत पापा ने कहा, "पवित्र आत्मा का मिशन क्या है जिसकी प्रतिज्ञा येसु दान के रूप में करते हैं? वे स्वयं कहते हैं, "वह पवित्र आत्मा, जिसे पिता मेरे नाम पर भेजेगा तुम्हें सब कुछ समझा देगा" और "मैंने तुम्हें जो कुछ बताया, वह उसका स्मरण दिलायेगा।"

पृथ्वी पर अपने जीवनकाल में येसु ने उन सभी बातों को अपने शिष्यों को बतला दिया था जिसको वे लोगों को देना चाहते थे, यानी प्रकाशना का कार्य पूर्ण किये थे। इसका अर्थ है कि अपने पुत्र येसु के शरीरधारण द्वारा पिता जिन चीजों को मानव जाति के लिए प्रकट करना चाहते थे उसे उन्होंने प्रकट किया था।

कलीसिया के मिशन में पवित्र आत्मा का कार्य

संत पापा ने कहा, "यही कलीसिया का भी मिशन है। जिसको वह एक खास जीवन शैली द्वारा साकार करती है, विशेषकर, प्रभु पर विश्वास और ईश वचन के पालन द्वारा, पवित्र आत्मा के कार्यों के प्रति उदार रहकर, जो पुनर्जीवित प्रभु को लगातार हमारे लिए जीवित एवं उपस्थित प्रस्तुत करता है कि हम उनकी शांति को स्वीकार कर सकें, खुले दिल से उनका साक्ष्य दे सकें और दूसरों के साथ मुलाकात कर सकें।"  

इन सभी चीजों को प्राप्त करने के लिए, कलीसिया स्थिर नहीं रह सकती किन्तु हर बपतिस्मा प्राप्त ख्रीस्तीय की सक्रिय सहभागिया द्वारा उस समुदाय के निर्माण के लिए बुलायी जाती है जो सभी चीजों को नया बनाने वाले पवित्र आत्मा की ज्योति और सामर्थ्य से, गतिशील, प्रेरित एवं बल प्राप्त करती है। इसके द्वारा हमें अपने आप को संसार के बंधनों से मुक्त करना है जो हमें हमारे दृष्टिकोणों, योजनाओं एवं लक्ष्यों में बांध देते हैं जो विश्वास की यात्रा को भारी बनाते एवं प्रभु की वाणी को सुनने के बजाय अपने आप पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करते हैं।

इस प्रकार यह प्रभु की आत्मा ही है जो हमारा तथा कलीसिया का मार्गदर्शन करता है जब तक कि हम प्रभु के सच्चे, सुन्दर एवं देदिप्यमान चेहरे को न देख लें जिसको वे प्रकट करना चाहते हैं।

पवित्र आत्मा को सुनने हेतु माता मरियम का अनुरण

संत पापा ने कहा कि प्रभु आज हम सभी को पवित्र आत्मा के लिए अपना हृदय खोलने का निमंत्रण देते हैं ताकि वह हमें इतिहास के रास्ते पर आगे ले चले। दिन प्रतिदिन  हमें सुसमाचार की शिक्षा दें और हम प्रेम को स्वीकार कर सकें, हर चीज को समझायें एवं प्रभु ने जो सिखलाया है उन सभी चीजों का स्मरण दिलायें।

धन्य कुँवारी मरियम, जिनका हम मई महीने में सम्मान करते तथा स्वर्गीय माता के रूप में विशेष भक्ति के साथ उनसे प्रार्थना करते हैं, हमेशा कलीसिया एवं पूरी मानव जाति की रक्षा करे। जिन्होंने ईश्वर के पुत्र को जन्म देने हेतु दीनता एवं दृढ़ विश्वास के साथ, पवित्र आत्मा को अपना पूर्ण समर्थन दिया, हमें पवित्र आत्मा से प्रेरित एवं संचालित होने में सहायता दे ताकि हम ईश वचन का स्वागत कर सकें और उसका साक्ष्य दे सकें।    

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

27 May 2019, 14:03