आमदर्शन समारोह के दौरान संत पापा आमदर्शन समारोह के दौरान संत पापा  

बुल्गारिया-मकेदूनिया की प्रेरितिक यात्रा का विवरण

संत पापा फ्रांसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह में बुल्गारिया और मकेदूनिया की प्रेरितिक यात्रा का संक्षिप्त विवरण दिया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 06 मार्च 2019 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर वाटिकन संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में विश्व के विभिन्न देशों से आये हुए विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को बुल्गारिया और मकेदूनिया की प्रेरितिक यात्रा का संक्षिप्त विवरण देने के पूर्व अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयों एवं बहनों सुप्रभात।

संत पापा ने कहा कि मैं कल शाम को, बुल्गारिया और उत्तरी मकेदूनिया की तीर्थ पूरी तृदिवसीय प्रेरितिक यात्रा से लौटा। मैं ईश्वर के प्रति अपनी कृतज्ञता अर्पित करता हूँ जिन्होंने मेरी इस यात्रा हेतु एक अवसर प्रदान किया साथ ही मैं दोनों देशों के सभी सरकारी अधिकारियों को उनके शिष्टाचार और उपलब्धता के लिए धन्यवाद देता है। मैं वहाँ के धर्माध्यक्षों और उनके सभी प्रतिनिधियों के प्रति अपनी कृतज्ञता के भाव व्यक्त करता हूँ जिन्होंने इस प्रेरितिक यात्रा में गर्मजोशी से मेरा स्वागत करते हुए मेरी सहायता की।

भ्रातृत्व के पथ का चुनाव

बुल्गारिया की यात्रा ने संत पापा योहन 23वें की यादगारी को सजीव बना दिया जिन्हें सन् 1925 में प्रेरितिक प्रतिनिधि के रुप में इस देश में भेजा गया था। उनके परोपकारी उदाहरण और प्रेरितिक करुणा के कार्यों से उत्प्रेरित मैंने वहाँ के लोगों से मुलाकात की जिसका उद्देश्य सेतु का निर्माण करते हुए केन्द्रीय, पूर्वी और दक्षिणी यूरोप में “शांति स्थापना” करना था। मैंने सभी लोगों को भ्रातृत्व के पथ पर चलने का आहृवान किया और इस संदर्भ में मुझे बुल्गारिया के ओर्थोडाक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष नेयोफिट और धर्मसभा के सदस्यों से मुलाकात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वास्तव में ख्रीस्तियों के रुप में हमारी बुलाहट और प्रेरिताई कार्य एकता की एक निशानी और साधन बनने का मांग करती है जिसे हम पवित्र आत्मा की साहयता से स्थापित कर सकते हैं विशेष कर उन बातों को जिनके द्वारा हमारे बीच विभाजन हुआ या अभी भी विभाजित हैं।

बुल्गारिया उन भूमियों में से एक है जहाँ संत सिरिल और मेथोडियुस ने सुसमाचार का प्रचार किया जिन्हें संत पापा जोन पौल द्वितीय ने संत बेनेदिक्त के संग यूरोप का संरक्षक संत नियुक्त किया। सोफिया में आचार्य संत आल्केसांद्र नेभीकी के महागिरजाघऱ मैंने इन दो भाइयों की पवित्र प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना की। ग्रीक सभ्यता से आते हुए उन्होंने अपनी संस्कृति को सृजनात्मक तरीके से स्लाव लोगों के मध्य ख्रीस्तीय संदेश को प्रसारित करने हेतु उपयोग किया। उन्होंने एक नई वर्णमाला का निर्माण करते हुए धर्मग्रंथ बाईबल का अनुवाद किया और स्लाविक भाषा में पूजन धर्मविधि की प्रार्थनाओं को लिखा।

सृजनात्मक रुप में सुसमाचार की घोषणा

हमें आज भी जोशीले और सृजनात्मक रुप में सुसमाचार प्रचार करने की जरुरत है जिससे यह उनके बीच पहुँच सके जो इसे नहीं जानते हैं और उन भूमियों को सिंचित करे जहाँ प्राचीन ख्रीस्तीयता की जड़ें अपने में सूख गई हैं। इन बातों को अपने मन में रखते हुए मैंने बुल्गारियाई समुदाय संग दो ख्रीस्तयाग अर्पित किये और उन्हें आशा और फलप्रद बन रहने को प्रोत्साहित किया। संत पापा ने कहा कि मैं उस लोगों का पुनः शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने मुझे विश्वास और प्रेम का अत्यधिक प्रमाण दिया।

बुल्गारिया की प्रेरितिक यात्रा का अंतिम चरण विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ सम्पन्न हुआ जहाँ हमने ईश्वरीय शांति के उपहार हेतु प्रार्थना की जबकि बच्चों का एक समूह अपने हाथों में दीयों को पकड़ा रखा था जो कि विश्वास और आशा की एक निशानी थी।

मदर तेरेसा दुनिया हेतु एक उपहार

उत्तरी मकेदूनिया की प्रेरितिक यात्रा का जिक्र करते हुए संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि यहां मैंने कोलकाता की संत मदर तेरेसा की आध्यात्मिक उपस्थिति का एहसास गहरे तौर पर किया जिनका जन्म स्कोपे में सन् 1910 को हुआ था। हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं क्योंकि उनके जीवन द्वारा पवित्र आत्मा की कृपा से महान कार्य पूरे हुए जिसे हम पूरी दुनिया में देखते हैं। उनका पल्ली एक छोटा समुदाय है लेकिन अपने अतिथ्यसत्कार के कारण बहुत से लोग वहाँ तरलताजगी का अनुभव करते हैं। संत मदर तेरेसा की यादगारी में दूसरे धर्म के अगुवों और गरीबों की एक बड़ी संख्या के संग मैंने वहाँ प्रार्थना की और तीर्थस्थल के प्रथम पत्थर की आशीष की जो उनके नाम में समर्पित है।

उत्तरी मकेदूनिया सन् 1991 से अपने में एक स्वतंत्र देश है। वाटिकन ने शुरू से ही इस देश को मदद करने की कोशिश की है। अपनी तीर्थ के द्वारा मैंने देश में विभिन्न जातीय और धार्मिक संबद्धताओं की मेजबानी तथा सभी पारंपरिक संस्कृतियों को प्रोत्साहित करने के अलावे, 2015 और 2016 की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान प्रवासियों और शरणार्थियों की बड़ी संख्या का स्वागत करने और उनकी मदद हेतु उनकी प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करना चाहा।

मकेदूनिया संस्थान की दृष्टिकोण से युवा देश है, एक छोटा देश जिसे अपनी जड़ों को खोये बिना अपनी क्षितिज को खोलने की जरुरत है। इसी कारण वहाँ के युवाओं से मिलना महत्वपूर्ण था। विभिन्न मजहबों के युवा लड़के-लड़कियों का एकता में मिलन जो अपने जीवन को सुन्दर बनाने की आशा करते हैं अपने में अति सुन्दर था। संत पापा ने कहा कि मैंने उन्हें बड़े सपने देखने और संत अग्नेस औऱ संत मदर तेरेसा की भांति प्रार्थना में ईश्वर की वाणी को सुनते हुए जरुरत में पड़े लोगों के लिए पहल करने हेतु प्रोत्साहित किया।

छोटा लेकिन महान कार्य

स्कोपे में युवा लोगों के द्वारा दिये गये साक्ष्य के अलावे मैंने पुरोहितों और समर्पित लोगों की बातें भी सुनी। उन्होंने अपने जीवन को लेगों की सेवा हेतु अर्पित किया है लेकिन उनके जीवन में भी परीक्षा आती है, “प्रभु,कलीसिया और दुनिया की मुसीबतों के सामने मैं निरा मानव क्या हूँ”ॽ मैंने उन्हें इस बात की याद दिलाई कि थोड़ा-सा खम्मीर भी पूरे आटे को खम्मीरा बना देता और थोड़ी-सी इत्र, अपने में शुद्ध और उत्तम पूरे वातावरण को सुंगधित बना देती है।

येसु का ख्रीस्तयाग वह रहस्य है जो सारी मानवता हेतु नये जीवन का बीज है। स्कोपे के प्रांगण में अर्पित किया गया यूखारीस्तीय बलिदान में थोड़ी रोटियों और मछलियों का दृष्टांत द्वारा हमनें अपने को पुनः नवीन बनाया जिसके द्वारा ईश्वर हजारों की संख्या में लोगों को खिलाते हैं। संत पापा ने उत्तरी मकेदूनिया के लोगों, उनके वर्तमान और भविष्य को ईश्वर के हाथों में सुपुर्द करते हुए प्रणाम मरियम प्रार्थना का पाठ किया।

अपनी बुल्गारिया और उत्तरी मकेदूनिया की प्रेरितिक यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करने के बाद संत पापा से सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों के संग हे पिता हमारे प्रार्थना का पाठ किया और सभों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।

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08 May 2019, 17:02