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संत पापा फ्रांसिस विशेष लोगों के संग संत पापा फ्रांसिस विशेष लोगों के संग 

बेल्जियम के रेनबो कैरोल को संत पापा फ्राँसिस का अभिवादन

संत पापा ने ‘रेनबो कैरोल’ के सदस्यों से मुलाकात की और उनके गाने की प्रशंसा की, जिससे उन्हें अपनी बीमारी के बोझ को सहन करने और आगे बढ़ने में मदद मिलती है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 3 अप्रैल 2019 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार 3 अप्रैल को आमदर्शन समारोह से पहले संत पापा पॉल छठे के शालागार में बोनहेडेन (बेल्जियम) से आये रेनबो कैरोल के सदस्यों से मुलाकात की।

संत पापा ने उनका सारे हृदय से वाटिकन में स्वागत करते हुए उनसे मिलने की खुशी व्यक्त की तथा रोम तीर्थयात्रा आने हेतु धन्यवाद दिया। संत पापा ने उनकी सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने देखा है कि वे अपने संस्थान में, जहाँ अल्जाइमर से पीड़ित लोगों को रखा जाता है, वहाँ उनका ‘रेनबो कैरोल’ भी है। संत पापा ने कहा, “मैं ईश्वर को धन्यवाद देता दूँ क्योंकि आपके गाने के द्वारा आपको सांत्वना और समर्थन मिलता है अपनी बीमारी के बोझ को सहन करने और आगे बढ़ने में मदद मिलती है। मुझे लगता है कि आपके गाने आपकी कमजोरी, नजाकत से अधिक मूल्यवान है। वास्तव में, मुझे लगता है कि हमारी कमजोरियों को साझा करने और उन्हें पारस्परिक रूप से स्वीकार करने का तथ्य, यह सबसे सुंदर "गीत" है, ईश्वर के लिए सबसे सुखदायक सद्भाव, "रेनबो" की पूर्णता नहीं, बल्कि खामियों की है!”

कोमलता

संत पापा ने कहा, “जब मैंने कैरोल मास्टर को देखा, तो मैंने सोचा कि वे अपनी छड़ी भूल गये हैं! लेकिन फिर मैंने देखा कि उनकी छड़ी कोमलता है। संत पापा ने उन्हें उनकी कोमलता के इशारे के लिए धन्यवाद दिया जो सभी को और अधिक मानवीय बनाती है। उनकी कोमलता और आपकी कोमलता के साथ, आज हमने चौथी आज्ञा को पूरा किया है: उन बुजुर्गों को सम्मानित करना जो हमारी स्मृति में हैं। शायद उनमें से कुछ ने अपनी स्मृति खो दी है, लेकिन वे लोगों की स्मृति के प्रतीक हैं, वे आपकी मातृभूमि और मानवता की जड़ें हैं। ये सभ्यता की वे जड़ें हैं जिसे युवाओं को वहन करना है और आगे ले जाने के लिए इन जड़ों से रस लेने हेतु वहाँ आने की आवश्यकता है।”  

अंत में संत पापा ने उन्हें अपनी प्रार्थना में याद करने का आश्वासन देते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद संत पापा फ्राँसिस आमदर्शन समारोह हेतु संत पेत्रुस महागिरजाधर के प्राँगण की ओर प्रस्थान किये।

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03 April 2019, 16:16