अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों को संत पापा का संदेश अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों को संत पापा का संदेश  

देह व्यापार मानव का बाजारीकरण, संत पापा

संत पापा फ्रांसिस ने धर्मसभागार में प्रावसियों और शारणर्थियों से संबंधित कार्यरत अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों को संबोधित कर अपना संदेश दिया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 11 अप्रैल 2019 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने धर्मसभा गृह में प्रावसियों और शारणर्थियों हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के तत्वाधान आयोजित अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात की और उन्हें अपना संदेश दिया।

“मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन प्राप्त करें- बल्कि परिपूर्ण जीवन प्राप्त करें।” (यो.10.10) संत पापा ने कहा कि येसु के इन वचनों में हम उनके प्रेरितिक कार्य के सार को पाते हैं जहाँ वे हममे से प्रत्येक को अपने पिता की इच्छा अनुसार सम्पूर्ण जीवन प्रदान करते हैं। येसु का मानव बनना हमें इस बात का एहसास दिलाता है कि हम अपनी मानवता को पूर्णरुपेण एहसास कर सकें।

मानव व्यापार मानव स्वार्थ

लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि वर्तमान समय की दुनिया ईश्वर के इस प्रेरितिक कार्य में बाधा उत्पन्न करती है जैसे कि हम मानव व्यापार के शिकार लोगों हेतु प्रेरितिक कार्य के दिशा-निर्देश में देख सकते हैं। “वर्तमान समय ने व्यक्तिवाद और अंहकारवाद को बढ़ावा दिया है जहाँ हम दूसरों को व्यक्तिगत लाभ की दृष्टिकोण से देखते हैं...।”

मानव व्यापार जिसका विरोध मैंने कई अवसरों पर किया है व्यक्ति को वस्तु के रुप में हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है। यह हमारे समकालीन परिवेश में मानवता के शरीर में घाव के समान है जो इसमें संलग्न है और जो इसके शिकार हैं वे मानवता रुपी शरीर को विकृत कर देते हैं क्योंकि इसके द्वारा हम मानव स्वतंत्रता और सम्मान का हनन होता हुआ पाते हैं। मानव व्यापार सारी मानवता को गम्भीर रुप में नष्ट करता है जहाँ हम मनाव और येसु ख्रीस्त के शरीर को टूटता हुआ पाते हैं।

मावन स्वतंत्रता, सम्मान का हनन

संत पापा ने कहा मानव व्यापार, मानव की स्वतंत्रता और सम्मान का हनन है और यही कारण है कि यह मानवता के विरूद्ध किया जाने वाला अपराध है। इस अपराध के भागीदार न केवल दूसरों के सम्मान वरन स्वयं के सम्मान के आहत पहुँचाते हैं क्योंकि हम सभी ईश्वर के रुप में बनाये गये हैं जहाँ हम एक दूसरे को प्रेम में सेवा करने हेतु बुलाये जाते हैं। “इसे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण अर्पित कर दे।” (यो.15.13) अतः ईश्वरीय योजना के विपरीत किया गया कार्य मानवता को धोखा देना है जहाँ हम येसु के “परिपूर्ण जीवन” को नकारते हैं।

मानवता की सुरक्षा येसु के कार्य

संत पापा ने कहा कि हमारे वे सभी कार्य जहाँ हम मानवता सुरक्षा हेतु अपने को देते येसु ख्रीस्त के प्रेरिताई में हाथ बंटाना है। इस संदर्भ में आपकी उपस्थिति कलीसिया के कार्यों को मूर्त रुप में प्रस्तुत करती है जहाँ आप देह व्यापार की रोकथाम और इसके शिकार लोगों की सुरक्षा तथा इस अपराध में संलग्न व्यक्तियों को सजा दिलाने की पहल करते हैं। संत पापा ने कलीसिया के उन संस्थानों और धर्मसंघों के प्रति अपनी कृतज्ञता और उद्गार के भाव प्रकट किये जो मानव व्यापार के विरूद्ध प्रेरिताई कार्य में अपना हाथ बंटा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बहुत से कार्य किये गये हैं लेकिन हमें स्थानीय और अन्तरराष्ट्रीय रुप में और भी बहुत से कार्य करने हैं। इस संदर्भ में और भी प्रभावकारी होने हेतु कलीसिया को इस बात से अवगत होने की जरुरत है कि राजनीति और सामाजिक संगठन किस रुप में हमारी मदद कर सकते हैं। संस्थानों और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ संरचित सहयोग का निर्धारण इस क्षेत्र में हमारे कार्यों को और अधिक निर्णायक और प्रभावकारी बनायेगा। 

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11 April 2019, 15:53