फ्रांस के युवाओं संग संत पापा फ्रांस के युवाओं संग संत पापा  

आप मेरी आशा हैं, संत पापा

संत पापा फ्रांसिस ने आएरे और डैक्स (फ्रांस) धर्माप्रांत के युवाओं से मुलाकात करते हुए उन्हें ख्रीस्त के प्रेम में बने रहने हेतु आहृवान किया।

वाटिकन सिटी, गुरुवार, 25 अप्रैल 2019 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने रोम की तीर्थ में आये हुए फ्रांस के आएरे और डैक्स धर्माप्रांत के युवाओं से वाटिकन के कार्डिनलमंडल भवन में मुलाकात की और उन्हें अपना संदेश दिया।

संत पापा ने युवाओं के लिए प्रेरिताई कार्य के तहत ली गई इस पहल के लिए धर्माध्यक्ष सोऊचु के प्रति धन्यवाद के भाव अर्पित करते हुए युवाओं से कहा कि रोम का यह तीर्थ आपको संत पेत्रुस औऱ संत पौलुस के अलावे कुछ युवाओं के विश्वास का साक्ष्य प्रस्तुत करता है जिन्होंने येसु ख्रीस्त पर अपने विश्वास के कारण अपनी शहादत को प्राप्त की। यह आप सभों को अपने विश्वास में पुख्ता होने हेतु एक सुन्दर अवसर प्रदान करता है। यह आप के लिए इसलिए भी अति महत्वपूर्ण है क्योंकि बहुत से लोग यह सोचते हैं कि वर्तमान परिस्थिति में अपने को ख्रीस्तीय कहना और येसु ख्रीस्त में अपने विश्वास को जीना अधिक कठिन है। आप इसे अपने जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में अनुभव करते हैं जो आपके लिए परीक्षा का कारण बनती है। संत पापा ने युवाओं से कहा कि कलीसिया की वर्तमान परिस्थिति दुर्व्यवाहर के कारण हमारे लिए दुःखदायी और जटिल है। यद्यपि मैं आप सबों से कहूँगा कि यह दूसरी सदियों की तरह अति मुश्किल नहीं, वरन् इसमें केवल अंतर है। अतः आप इस तीर्थ के दौरान कलीसिया की खोज करें जिसके आप अंग हैं जो विगत दो हजार सालों से जीवन की खुशी और आशा, दुःख और दर्द में हमारे साथ चलती आ रही है। “आपको देखते हुए मैं इस बात का अनुभव करता हूँ की येसु ख्रीस्त अपनी कलीसिया का परित्याग नहीं करते हैं। आपके गुणों और क्षमताओं के द्वारा वे कलीसिया को नवीन करने की चाह रखते हैं।”

ईश्वर के प्रेम में बने रहें

संत पापा ने कहा, “प्रिय मित्रों आप अपने पुरोहितों और बड़े जनों तथा संतों के उदहारणों द्वारा धर्मग्रंथ के वचनों, संस्कारों, भ्रातृत्व और सेवा के माध्यम येसु ख्रीस्त से संयुक्त रहें। आप इस बात का अनुभव करें कि येसु ख्रीस्त आपके माध्यम से दुनिया को क्या संदेश देना चाहते हैं। संत पापा ने लुन्द के पाईन वृक्ष को उद्धृत करते हुए कहा जो दलदली भूमि को बचाये रखती है कि आप ईश्वर के प्रेम में सुदृढ़ बने रहें, जहां आप रहते हैं वहाँ कलीसिया प्रेम का एहसास करती है। आप अपने को पवित्र आत्मा से परिवर्तिन होने दें जिससे आप सुसमाचार की खुशी का साक्ष्य सर्वत्र प्रस्तुत कर सकें। आप संत भिन्सेट दे पौल की भांति “अपनी बाहों की शक्ति और भौंह के पसीने” द्वारा ईश्वरीय प्रेम को साक्ष्य दे सकें। संत पापा ने युवाओं का आहृवान करते हुए कहा कि आप सेतु के निर्माता बनें जहाँ मिलन और वार्ता स्थापित हो, सच्ची भ्रातृत्व की भावना को बढ़ावा मिले। गरीबों और निःसहायों की सेवा द्वारा आप उनके अंधकारमय जीवन में जगमगाते तारे बन सकते हैं। अपने कार्य और वचनों के द्वारा आप मानवता की घायल अवस्था में “ईश्वर को सदैव नये रुप में” प्रकट कर सकते हैं। संत पापा ने कहा, “मेरी आशाएँ आप पर टिकी हैं।” कलीसिया को आपकी प्रेरणा, आपके अंतर्ज्ञान और आपके विश्वास की आवश्यकता है।

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25 April 2019, 15:51