संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

चालीसा काल को पश्चाताप एवं मन-परिवर्तन की भावना से जीयें

6 मार्च को बुधवारीय आमदर्शन समारोह के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने धर्मशिक्षा देने के उपरांत, चालीसा काल की यात्रा का स्मरण दिलाते हुए, मन-परिवर्तन करने हेतु प्रेरित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने कहा, "आज राखबुध के साथ चालीसा काल शुरू हो रहा है। मैं आप सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ कि इस समय को सच्चे पश्चाताप एवं मन-परिवर्तन की भावना के साथ जीये, पिता के पास लौटने वाले के समान, जिसका इंतजार पिता अपनी खुली बाहों से करते हैं, ताकि उनके साथ संयुक्त हो सकें।"

संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया, खासकर उन्होंने स्कूलों के मरिस्ट धर्मबंधुओं, कलीसिया की पुत्रियों तथा अर्क्वा पेत्रार्का पल्ली के ख्रीस्तीय पहल के युवाओं का अभिवादन किया।

उन्होंने बीसिन्यानो के विश्वासियों का अभिवादन किया जो संत इमिल का विशेष सम्मान करते हैं।

संत पापा ने मतेरा के "सीमा रहित स्वागत" संगठन एवं स्कूल संस्थाओं के सदस्यों का अभिवादन किया।  

अंत में उन्होंने विशेष रूप से वयोवृद्धों, बीमारों एवं नव वर-वधूओं का अभिवादन किया।

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06 March 2019, 14:46