लातीनी अमरीका के भविष्य का चेहरा एक नारी का
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 5 मार्च 2019 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को लातीनी अमरीका के लिए गठित परमधर्मपीठीय आयोग के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने "राजनीति में लातीनी अमेरिकी काथलिकों की नई पीढ़ी के लिए कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत एवं लातीनी अमरीका में राजनीतिक प्रतिबद्धता" पर एक गहन प्रशिक्षण संगोष्ठी में भाग लिया।
संत पापा ने वाटिकन में उन्हें सम्बोधित कर कहा कि राजनीति सार्वजनिक भलाई के लिए एक बुलाहट है। ख्रीस्तीय बुलाहट और राजनीति की बुलाहट समुदाय के लिए एक धड़ है। समुदाय का पहला चिन्ह है मित्रता जो सदस्यों के बीच बढ़ता है। वे ख्रीस्त के कारण एक-दूसरे को मित्र के रूप में पाते हैं जो डरावनी तथा स्वार्थी "मैं" की भावना को "हम" में बदल देता है।
संत पापा ने इस बात को स्पष्ट किया कि एक काथलिक होकर राजनीति में भाग लेने का अर्थ है, दल अथवा संस्था का हिस्सा होना, यानी समुदाय का हिस्सा बनना।
सार्वजनिक भलाई के लिए राजनीति
संत पापा ने कहा कि एक ख्रीस्तीय का राजनीति में शामिल होना, सार्वजनिक भलाई के निर्माण की चाह से प्रेरित होता है। संत ऑस्कर रोमेरो का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय जो राजनीति में शामिल होते हैं वे राजनीति को ख्रीस्त के प्रकाश में लाते हैं, अतः यह अच्छी तरह जान लें कि ये वे लोग हैं जो अपनी कहानियों के मुख्य नायक के रूप में काम कर रहे हैं।"
परिवर्तन
संत पापा ने आज की परिस्थिति पर गौर करते हुए कहा कि समस्त विश्व एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है जो भाषा, संकेत और तौर तरीकों में भी परिवर्तन की मांग कर रहा है। परिवर्तन का अर्थ एक "सामान्य बाजार उपकरण" नहीं है बल्कि उस तरीके को अपनाना है जिसको स्वयं ईश्वर ने हमारे लिए अपनाया और वह तरीका है शरीरधारण।
संत पापा ने लातीनी अमरीका के भविष्य एवं उसकी पहचान बनाये रखने के लिए तीन प्रमुख कारकों को प्रस्तुत किया- महिलाएँ, युवा और गरीब।
कलीसिया ख्रीस्त की दुल्हिन
संत पापा ने कहा कि महिलाओं पर ध्यान देना है क्योंकि लातीनी अमरीका के भविष्य का चेहरा एक नारी का है। युवाओं पर ध्यान देना है क्योंकि उनमें वास्तविक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक क्रांति और विद्रोह निहित है। गरीब पर क्योंकि उनमें ख्रीस्त की दुल्हिन कलीसिया को देखा जाता है।
अंततः संत पापा ने राजनीति में भाग लेने वाले सभी ख्रीस्तियों से अपील की कि वे अपने सबसे प्रमाणिक संघर्ष को व्यक्त करें ताकि राजनीतिक क्षेत्र में बने रह सकें तथा राजनीति द्वारा हर तरह से सार्वजनिक भलाई के लिए संघर्ष करना कभी न छोड़ें।
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