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संत पापा फ्राँसिस के साथ जिसोत्ती संत पापा फ्राँसिस के साथ जिसोत्ती 

प्रेम, दया और साहस का परमाध्यक्षीय काल

वाटिकन प्रेस कार्यालय के अद अंतरिम निदेशक अलेसांद्रो जिसोत्ती ने संत पेत्रुस के उतराधिकारी संत पापा फ्राँसिस की 6वीं सालगिराह पर उनके कार्यकाल पर प्रकाश डाला।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

छः वर्षों पूर्व 13 मार्च 2019 को संत पापा फ्राँसिस "पृथ्वी के दूसरे छोर से" संत पेत्रुस महागिरजाघर की बालकॉनी पर प्रकट हुए तथा प्राँगण में उत्सुकता से नये संत पापा का इंतजार करने वाले हजारों विश्वासियों का अभिवादन किया।    

छटवीं सालगिराह के अवसर पर विगत छः वर्षों पर नजर डालते हुए उन्होंने कहा, "प्रेम, दया और साहस ही वे प्रमुख शब्द हैं जिनके माध्यम से इस कार्यावधि को समझा जा सकता है।"

संत पापा चुने जाने की रात की याद करते हुए उन्होंने कहा, "मेरे मन में जो पहली चीज आती है वह है विस्मय। जॉर्ज मारियो बेरगोलियो का चुनाव हम सभी के लिए एक विस्मय की बात थी। मैं विस्मित था जब वरिष्ठ कार्डिनल (कामेरलेंगो) ने बेरगोलियो के नाम की घोषणा की तथा उनका नाम संत पापा फ्राँसिस बलताया। विस्मय इसलिए क्योंकि वे ही प्रथम संत पापा हैं जिन्होंने संत पापा के रूप में अपना नाम फ्राँसिस चुना जो लातिनी अमरीका एवं येसु समाज के प्रथम संत पापा हैं।   

जिसोत्ती ने वाटिकन न्यूज को बतलाया कि संत पापा फ्राँसिस की कथनी और करनी के माध्यम से हम सचमुच ईश्वर के विस्मय को देख पा रहे हैं।

वाटिकन प्रेस कार्यालय के अद अंतरिम निदेशक ने अपने कार्य के दौरान गौर किया है कि संत पापा फ्राँसिस किस तरह लोगों के साथ मुलाकात करते हैं। उन्होंने पनामा में विश्व युवा दिवस के दौरान उनकी प्रेरितिक यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा, "जब लोग संत पापा से मुलाकात करते हैं तो वे भावुक हो जाते हैं क्योंकि संत पापा अधिक ध्यान गरीबों, बीमारों और कमजोर लोगों पर देते हैं। वे निश्चय ही ईश्वर के प्रेम और दया प्रकट करते हैं जिसको लोग महसूस कर सकते हैं।"

जिसोत्ती ने कहा कि उन्हें संत पापा फ्राँसिस द्वारा कठिन समस्याओं का सामना प्रेम, करुणा एवं साहस के साथ करना सबसे अधिक प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा कि शांति वार्ता हेतु उनकी प्रतिबद्धता और सबसे बढ़कर, बाल यौन दुराचार के महासंकट का सामना करने की प्रतिबद्धता सराहनीय है। उन्होंने कहा, "यह प्रतिबद्धता हम सभी के लिए एक उदाहरण है कि हमें भी बिना भय कठिनाइयों एवं चुनौतियों का सामना करना चाहिए।"

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14 March 2019, 16:24