रेजिना चेली के अधिकारियों से मुलाकात करते संत पापा रेजिना चेली के अधिकारियों से मुलाकात करते संत पापा 

कैदखाने को मुक्ति का स्थल बनाया जा सकता है, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 7 फऱवरी को रोम स्थित रेजिना चेली कैदखाने के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मुलाकात की तथा उन्हें बतलाया कि एक कैदखाना अपने कर्मचारियों की मदद से एक मुक्ति का स्थान बन सकता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पिछले साल संत पापा फ्राँसिस ने रेजिना चेली कैदखाने में पुण्य बृहस्पतिवार की धर्मविधि सम्पन्न की थी। 600 कर्मचारियों को वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जेल जो दण्ड का स्थान है, इसपर ध्यान दिये जाने एवं मानवता की भावना रखे जाने की आवश्यकता है।

घावों को चंगा करना

संत पापा ने कहा, "बंदीगृह में प्रत्येक कर्मचारी, पुलिस, आध्यात्मिक संचालक पुरोहित, शिक्षक तथा स्वयंसेवक का काम कठिन होता है। उनका कार्य है उन लोगों के घावों को चंगा करना जिन्होंने गलती की है तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता की कमी के कारण निराशा महसूस करते हैं।"

संत पापा ने गौर किया कि बंदीगृह को अधिक मानवीय बनाने की आवश्यकता है। यह दुःखद प्रतीत होता है जब इसे हिंसा और अवैधता का स्थान समझा जाता है जहाँ मानव की दुष्टता व्याप्त होती है।  

उन्होंने यह भी कहा कि कई कैदी जो जेल में हैं वे दुर्भाग्य पूर्ण हैं, उनकी कोई सुरक्षा नहीं है, न परिवार है, न ही उनके अधिकारों की रक्षा का कोई साधन। वे परित्यक्त हैं तथा हाशिये पर जीवन यापन करते हैं। समाज के लिए वे असहज, बेकार और एक बोझ के समान हैं।”

काम का भार

जेल के कर्मचारियों की ओर ध्यान देते हुए संत पापा ने कहा कि उनका कार्य दबावपूर्ण हो सकता है तथा कर्मचारियों की कमी के कारण थकान भरा भी। यही कारण है कि उन्हें अपने आप में संतुलन रखने की आवश्यकता है तथा अच्छी प्रेरणाओं को लगातार नवीनीकृत करने की जरूरत हैं।

बंदीगृह एक मुक्ति का स्थान

संत पापा ने इस बात को रेखांकित किया कि अनुभव से प्रतीत होता है कि कर्मचारियों की सहायता से बंदीगृह सचमुच एक मुक्ति, पुनरूत्थान एवं जीवन परिवर्तन का स्थान बन सकता है और यह तभी संभव है जब विश्वास, काम एवं प्रशिक्षण के रास्ते को अपनाया जाए, खासकर, आध्यात्मिक सामीप्य एवं सहानुभूति को। भले समारी का अनुसरण करते हुए वे सामीप्य की भावना, ख्रीस्त के प्रेम से जुड़ा, विश्वास को बढ़ावा तथा जागरूकता एवं प्रेम किये जाने की भावना जगा सकते हैं।  

संत पापा ने उन्हें उनके कर्तव्यों को एकता एवं सौहार्द की भावना से करने की सलाह दी।

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07 February 2019, 17:32