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ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा 

शरणार्थियों एवं प्रवासियों से नहीं डरें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने प्रवासियों के स्वागत के लिए निरंतर ध्यान आकर्षित करने हेतु 15 फरवरी को, रोम के निकट साक्रोफनो के भाईचारा आवास केंद्र (फ्रातेरना दोमुस केंद्र) में ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

इताली कारितास के शरणार्थी फाऊँडेशन एवं जेस्विट धर्मसंघ द्वारा संचालित अस्ताली शरणार्थी केंद्र ने शऱणार्थियों के स्वागत की रूप रेखा पर विचार-विमर्श करने के लिए  तीन दिवसीय सभा का आयोजन किया गया है जिसकी विषयवस्तु है, "भय से मुक्त"।

सभा का आयोजन फ्रातेरना दोमुस में किया गया है जिसका उद्घाटन संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को ख्रीस्तयाग द्वारा किया।

डरो मत

अपने उपदेश में संत पापा ने पाठ पर चिंतन करते हुए नहीं डरने हेतु प्रेरित किया। संत पापा ने निर्गमन ग्रंथ में लाल समुद्र पार करते हुए इस्राएलियों के चित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमें इस समय की प्रतिकूलताओं से परे देखने का निमंत्रण देता है ताकि हम भय से मुक्त हो सकें तथा प्रभु की मुक्ति एवं रहस्यात्मक कार्य पर भरोसा रख सकें।

भय से मुक्त

संत मती रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा कि येसु के शिष्य येसु को पानी पर चलते देख डर गये किन्तु येसु ने उनसे कहा, "ढाढ़स रखो डरो मत, मैं ही हूँ।" संत पापा ने प्रतिभागियों को स्मरण दिलाया कि उनकी सभा की विषयवस्तु है भय से मुक्त। उन्होंने कहा कि बाईबिल की इन घटनाओं के द्वारा प्रभु हमसे बातें करते हैं तथा हमें भय से मुक्त होने के लिए कहते हैं।

दूसरों के लिए भय

संत पापा ने कहा, "इस समय की दुष्टता एवं कुरूपता का सामना करते हुए हम भी स्वतंत्रता की आशा को छोड़ देने के भुकाव की ओर बहक जाते हैं। हम अपने आपमें, हमारे दुर्बल मानव समाज में...आश्वस्त करने वाली दिनचर्या में बंद हो जाने के प्रलोभन में पड़ जाते हैं।"

संत पापा ने पराजय के इस चिन्ह पर चिंतन करने हेतु प्रेरित किया जो परदेशी, अजनबी और अनजान लोगों के प्रति हमारे अंदर भय भर देता है। शऱणार्थियों के आगमन के साथ आज यह डर स्पष्ट दिखाई देता है जो सुरक्षा एवं बेहतर भविष्य की तलाश में हमारे द्वार पर दस्तक देते हैं।

डरना वैध 

डरने को वैध मानते हुए संत पापा ने कहा कि यह हमें दूसरों के साथ मुलाकात करने से रोकता है तथा अपनी सुरक्षा के लिए घेरों का निर्माण करने हेतु प्रेरित करता है। किन्तु उन्होंने कहा कि हम भय से मुक्त होने के लिए बुलाये गये हैं यह जानते हुए कि प्रभु हमें नहीं छोड़ते हैं। संत पापा ने कहा कि जब हम दूसरों के साथ मुलाकात करते हैं तब प्रभु के साथ मुलाकात करते हैं चाहे उन्हें देखने में हमें कठिनाई क्यों न हो। फटे कपड़े, गंदे पैर, तड़पते चेहरे, दुःखती हुई देह, हमारी भाषा बोलने में असमर्थ व्यक्ति के रूप में प्रभु ही हमारे पास आते हैं।

भय पर जीत पाना

संत पापा ने अपने प्रवचन के अंत में उन लोगों का स्मरण दिलाया, जिन्होंने इस सभा में भाग लेने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि ये वे लोग हैं जो हमारे द्वार पर दस्तक देते तथा भय से मुक्त होने, येसु से मुलाकात करने, उनका स्वागत एवं उनकी सहायता करने का अवसर प्रदान करते हैं।  

संत पापा ने दूसरों को भी भय से मुक्त होने में मदद देने की सलाह देते हुए कहा कि जिन लोगों को भय से मुक्त होने की शक्ति है वे दूसरों को भी इसके लिए मदद करें ताकि वे भी प्रभु से मुलाकात करने हेतु अपने आपको तैयार कर सकें।

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16 February 2019, 15:04