दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी
संत पापा ने कहा कि हम इस नारे को न भूलें। यह हमें एक साथ मिलकर इस चुनौती का सामना करने हेतु प्रेरित करता है। मैं विशेषकर, उन धर्मसमाजियों का धन्यवाद करता हूँ जो प्रत्यक्ष रुप से इसके विरूद्ध अपना संघर्ष जारी रखे हुए हैं। मैं सरकारों से निवेदन करता हूँ कि वे इस महामारी का समाधान निकालें और इसके शिकार लोगों की सुरक्षा करें। हमें अपनी ओर से चाहिए कि हम पुरूषों, महिलाओं और बच्चों की गुलामी और अत्याचार का परित्याग करते हुए इस ओर अपना सहयोग दें। प्रार्थना हमारे लिए वह शक्ति है जो हमें अपने इस समर्पण में बने रहने हेतु मदद करती है। इस तरह संत पापा ने सभी के साथ मिलकर संत जोसेफिना बाकीता की प्रार्थना का पाठ किया।
हे संत बाकीता, एक बालिका के रुप में तू गुलाम की तरह बेची गई और अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों और दुःखों का सामना किया।
एक बार शारीरिक गुलामी से छुटकारा पाने के बाद तूने येसु ख्रीस्त और उसकी कलीसिया में सच्ची मुक्ति का अनुभव किया।
संत जोसेफिना बाकीता उन सबों की सहायता कर जो गुलामी के जाल में फंसे हुए हैं। उनके नाम में ईश्वरीय करुणा की विचवाई कर, जिससे उनकी गुलामी की बेड़ियाँ टूट सकें।
ईश्वर स्वयं उन लोगों को स्वतंत्र करें जो अपने में भय, घायल या देह व्यापार के शिकार हैं। इस गुलामी से मुक्त किये गये लोगों के लिए वे सांत्वना का कारण बनें। वे उन्हें येसु को विश्वास और आशा के आदर्श स्वरुप देने में मदद करें, जिससे उनके घावों को चंगाई प्राप्त हो सके।
तू हमारे लिए प्रार्थना कर जिससे हम उदासीनता के शिकार न हों, वरन् अपने अंसख्य भाई-बहनों के दुःखों और घावों की ओर नजरे फेरते हुए उनकी सहायता कर सकें जो मानव सम्मान और अपनी स्वतंत्रता से वंचित हैं। आमेन।
इतना कहने के बाद संत पापा ने सभी तीर्थयात्रियों और विश्वास का अभिवादन किया। उन्होंने रोम के तीर्थयात्रियों और विशेषकर वेरोना और स्कीओ के भिक्षु धर्मसमाजियों का अभिवादन किया।
अंततः उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आहृवान करते हुए सभी को रविवार की मंगलकामनाएं अर्पित की।