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संत पापा फ्राँसिस कैदियों से मुलाकात करते हुए संत पापा फ्राँसिस कैदियों से मुलाकात करते हुए 

धर्मविधि ईश्वर के साथ मुलाकात है जो हृदय परिवर्तन लाता है

संत पापा फ्राँसिस ने 14 फरवरी को दिव्य उपासना एवं संस्कारों के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ की आमसभा के प्रतिभागियों से मुलाकात की। सभा में ईश प्रजा के धर्मविधिक प्रशिक्षण पर विचार- विमर्श किया जा रहा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर ईशप्रजा के धर्मविधिक प्रशिक्षण हेतु आग्रह किया ताकि वे रहस्यों को मनाते हुए, प्रभु के साथ मुलाकात की सुन्दरता को पहचान सकें तथा अपने हृदय में परिवर्तन लाने के द्वारा उनके नाम पर जीवन प्राप्त कर सकें।   

संत पापा ने कहा, "हम जानते हैं कि धर्मविधि की किताबों में परिवर्तन करना काफी नहीं है क्योंकि जीवन को उनकी महिमा के योग्य बनाने के लिए हृदय के परिवर्तन की आवश्यकता है।"

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय समारोह मन-परिवर्तन की ओर अग्रसर करता है जो जीवित ईश्वर के साथ हमारी मुलाकात है।

ईश प्रजा के लिए धर्मविधिक प्रशिक्षण हेतु विचार-विमर्श करने के लिए 12-15 फरवरी तक एक आमसभा का आयोजन किया गया है।

सच्चाई अथवा विचार, हम अथवा मैं

प्रशिक्षण की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कहा कि व्यक्ति को मन में यह विचार रखना चाहिए कि धर्मविधि एक जीवन है जिसे गढ़ा जाता है, यह कोई विचारधारा नहीं है कि इसे सीखा जाए।

धर्मविधिक प्रशिक्षण में संत पापा ने कहा कि दिमाग में इस बात को रखना आवश्यक है कि सच्चाई, विचारधाराओं से बढ़कर है। सबसे पहले, व्यक्ति को धर्मविधि की सच्चाई को समझने की आवश्यकता है, जिसे स्वाद, व्यंजनों और धाराओं तक सीमित नहीं रखा जा सकता बल्कि ईश्वर के लोगों के आध्यात्मिक विकास हेतु एक अपूरणीय पोषण के रूप में विनम्रता के साथ स्वीकार किया जाना एवं प्रेम से बढ़ाया जाना है।   

धर्मविधि एक मन-परिवर्तन का अवसर

संत पापा ने कहा कि ईश प्रजा के धर्मविधिक प्रशिक्षण के लिए हमें कलीसिया में धर्मविधि की अचल भूमिका को याद करना चाहिए, ताकि लोग कलीसिया की प्रार्थनाओं को अधिक अच्छी तरह से आत्मसात् कर सकेंगे एवं प्रभु के साथ और भाई बहनों के साथ मुलाकात करने के अनुभव से प्रेम करेंगे।

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14 February 2019, 16:23