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बुधवार को आम दर्शन समारोह के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस बुधवार को आम दर्शन समारोह के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस 

पनामा यात्रा पर सन्त पापा फ्राँसिस ने किया चिन्तन

वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में देश-विदेश से एकत्र तीर्थयात्रियों को सन्त पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर सम्बोधित कर पनामा में अपनी हाल की प्रेरितिक यात्रा पर चिन्तन प्रस्तुत किया। 34 वें विश्व युवा दिवस के उपलक्ष्य में 23 से 28 जनवरी तक सन्त पापा फ्राँसिस ने केन्द्रीय अमरीकी राष्ट्र पनामा की प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न की थी।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार, 30 जनवरी 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में देश-विदेश से एकत्र तीर्थयात्रियों को सन्त पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर सम्बोधित कर पनामा में अपनी हाल की प्रेरितिक यात्रा पर चिन्तन प्रस्तुत किया. 34 वें शिश्व युवा दिवस के उपलक्ष्य में 23 से 28 जनवरी तक सन्त पापा फ्राँसिस ने केन्द्रीय अमरीकी राष्ट्र पनामा की प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न की थी.

“अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात!”, शब्दों से अपना चिन्तन शुरु करते हुए सन्त पापा ने कहा, “आज मैं आप लोगों के साथ मिलकर पनामा में विगत दिनों सम्पन्न प्रेरितिक यात्रा पर चिन्तन कर रहा हूँ. प्रिय राष्ट्र पनामा तथा कलीसिया को मिली कृपा हेतु ईश्वर के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करने के लिये मैं आप सबको मैं आमंत्रित करता हूँ. पनामा के राष्ट्रपति तथा वहाँ के अन्य अधिकारियों तथा स्वयंसेवकों के प्रति उनके मर्मस्पर्शी एवं रार्दिक स्वागत-सत्कार के लिये मैं आभार व्यक्त करता हूँ. इसी भाव को हमने पनामा के लोगों में देखा जो महान विश्वास और उत्साह के साथ रास्तों में और सर्वत्र दौड़े चले आये थे. लोग बच्चों को अपनी बाहों में लिये ऊपर उठा रहे थे, मानों, कह रहे हों,: “देखो यह है मेरा गौरव, यह है मेरा भविष्य” इस कृत्य कितनी गरिमा निहित है तथा यूरोप के लिये यह कितना अर्थगर्भित है जो जनसांख्यिकी के शीत से गुज़र रहा है! "

युवाओं की आनंदमय उपस्थिति

सन्त पापा ने कहा, "मेरी इस यात्रा का लक्ष्य विश्व युवा दिवस रहा है तथापि, युवाओं के साथ-साथ मैं उन लोगों से भी मिल सका जो उस राष्ट्र में व्याप्त वास्तविकताओं का सामना कर रहे है, इनमें धर्माध्यक्ष, युवा क़ैदी, धर्मसमाजी और धर्मसंघी तथा एक आश्रम भी शामिल था. सब कुछ युवाओं की आनंदमय उपस्थिति से "संक्रमित" और "समामेलित" रहा: एक आनन्दमय उत्सव  था, पनामा के लिये और साथ ही अनेकानेक संकटपूर्ण स्थितियों एवं आशा की ज़रूरत चिन्हित सम्पूर्ण केन्द्रीय अमरीका के लिये भी.

34 वें विश्व युवा दिवस से पहले पनामा के देशज एवं अफ्रीकी-अमरीकी युवाओं का सम्मेलन सम्पन्न हुआ: यह एक महत्वपूर्ण पहल थी जिसने लातीनी अमरीका की कलीसिया के मुखमण्डल के बहुप्रकारों की बेहतर प्रकाशना की. फिर, समस्त विश्व से पहुँचे युवा समूहों द्वारा वहाँ एक महान स्वर-समता की रचना हुई जो विश्व युवा दिवसों की विशिष्टता रही है. क साथ सभी ध्वज को फहराते, हर्षोल्लास से नाचते, गाते युवाओं का सहमिलन एक नबूवती चिन्ह है, यह एक परस्पर विरोधी संकेत है जो वर्तमान की दुखद राष्ट्रवादी प्रवृत्तियों के बिल्कुल खिलाफ है. एक संकेत है कि युवा ख्रीस्तीय विश्व में शान्ति का ख़मीर हैं. "

विश्व युवा दिवस का विषय

उन्होंने आगे कहा, "विश्व युवा दिवस का विषय पवित्र कुँवारी मरियम देवदूत से कहे शब्द थे अस्तु सभी समारोहों पर मरियम की गहन छाप रही: सन्त लूकस के अनुसार " मैं प्रभु की दासी हूँ तेरा वचन मुझमें पूरा हो" पाँचों महाद्वीपों के युवा प्रतिनिधियों द्वारा उच्चरित इन शब्दों को सुनना तथा सबसे अधिक उन्हें उनके चेहरों द्वारा प्रसारित होते देखना अर्थगर्भित था. " सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "जब तक ईश्वर के सामने प्रस्तुत होने के लिये हाँ कहने में सक्षम नई पीढ़ी का अस्तित्व बना रहेगा तब तक विश्व का भविष्य सुरक्षित रहेगा."

उन्होंने कहा "विश्व युवा दिवसों के विभिन्न चरणों में क्रूस यात्रा सदैव शामिल रहा करती है. मरियम के साथ मिलकर क्रूस ढोते येसु के पीछे चलना ख्रीस्तीय जीवन की पाठशाला है. वहाँ हम प्रेम, धैर्य तथा ठोस मौन की शिक्षा पाते हैं. पनामा में युवाओं ने येसु और मरियम के साथ केन्द्रीय अमरीका एवं सम्पूर्ण विश्व के अनेकानेक भाइयों एवं बहनों की दयनीय परिस्थितियों का बोझ उठाया. इनमें कई युवा व्यक ति हैं जो गुलामी एवं निर्धनता से पीड़ित हैं. ऐसी स्थिति में पुनर्मिलन और पापस्वीकार संस्कार की धर्मविधि बहुत ही अर्थगर्भित सिद्ध हुई जिसे मैंने नाबालिगों के सुधार केन्द्र एवं एड्स रोगियों के लिये संचालित "भले समारी" आश्रम में सम्पादित किया."

मरियम युवाओं का आदर्श

सन्त पापा ने कहा, "युवाओं के साथ रात्रि जागरण एवं ख्रीस्तयाग समारोह विश्व युवा दिवस का चरमोत्कर्ष था. जागरण के अवसर पर उत्साह से परिपूर्ण तथापि, मौन एवं श्रवण में सक्षम सभी युवा-युवतियों के साथ वार्तालाप को नवीकृत किया जा सका. उनके समक्ष मैंने मरियम का आदर्श प्रस्तुत किया जिन्होंने अपनी अकिंचनता में किसी भी अन्य व्यक्ति से अधिक विश्व के इतिहास को प्रभावित किया है: हमने उन्हें ईश् वर को प्रभावित करनेवाली की संज्ञा प्रदान की. उनके विश्वास में कुछेक युवाओं के सुन्दर एवं शक्तिशाली साक्ष्य प्रतिबिम्बित हुए. रविवार की सुबह, समापन के अवसर पर अर्पित ख्रीस्तयाग समारोह में, पुनर्जीवित ख्रीस्त पवित्रआत्मा के सामर्थ्य से पुनः युवाओं से बोले और उनसे आज सुसमाचार के वरण का आग्रह किया क्योंकि युवा लोग कल कयुव युवा हैं. मैंने वयस्कों को भी उनकी ज़िम्मेदारी का स्मरण कराया जिससे नवीन पीढ़ियों को कभी भी शिक्षा, रोज़गार,

अन्त में सन्त पापा ने कहा, पनामा स्थित सान्ता मरिया आन्तिग्वा महागिरजाघर की वेदी का अनुष्ठान एक शक्तिशाली प्रतीकात्मक मूल्य सिद्ध हुआ. प्रभु की महिमा, विश्वास और ईश प्रजा के सौन्दर्य का महोत्सव. जिस तेल से वेदी पर विलेपन किया गया वह वही था जो बपतिस्मा, दृढ़ीकरण, पुरोहिताभिषेक एवं मर्माध्यक्षीय अभिषेकों के दौरान प्रयुक्त किया जाता है. मेरी मंगलयाचना है कि पनामा और सम्पूर्ण विश्व का कलीसियाई परिवार पवित्रआत्मा से अनवरत नवीन उर्वरकता सिंचित करता रहे, ताकि, धरती के अन्तिम छोर तक येसु ख्रीस्त के युवा मिशनरियों की तीर्थयात्रा का प्रसार हो सके.       

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30 January 2019, 12:19