पनामा के सरकारी अधिकारियों को सम्बोधित करते संत पापा पनामा के सरकारी अधिकारियों को सम्बोधित करते संत पापा 

संत पापा ने कहा पनामा को "सपने की धरती"

विश्व युवा दिवस में भाग लेने हेतु पनामा पहुँचे, संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को पनामा के राष्ट्रपति जुवन कार्लो बारेला रोड्रिगेज़ तथा वहाँ के राजनायिकों एवं सरकारी अधिकारियों को सम्बोधित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने कहा, "इस ऐतिहासिक क्षेत्र में अपनी तीर्थयात्रा शुरू कर रहा हूँ जैसा कि राष्ट्रपति महोदय ने सिमोन बोलिवर का याद दिलाया है जिन्होंने कहा था कि यदि विश्व को अपनी राजधानी का चुनाव करना हो तो पनामा का इस्थमुस एक उत्तम जगह होगी तथा अपने समय के नेताओं को महान पितृभूमि के एकीकरण के सपने को साकार करने हेतु आश्वस्त किया। एक दृढ़ विश्वास जो यह एहसास करने में मदद देता है कि हमारे लोगों में रचनात्मकता है किसी चीज की रचना करने और सबसे बढ़कर एक महान पितृभूमि का सपना देखने के लिए, जिसमें सभी लोगों एवं उनकी संस्कृति के प्रति सम्मान है। इस प्रेरणा के द्वारा हम पनामा को एक समाह्वान की भूमि और एक सपने की भूमि की तरह देख सकते हैं।"     

पनामा एक समाह्वान की भूमि

समाह्वान की भूमि की तरह इसे पनामा के कॉन्ग्रेस में तथा आज हजारों युवाओं के एक साथ जमा होने में देखा जा सकता है जो अपने साथ आशा एवं एक-दूसरे से मुलाकात करने और मनाने की इच्छा से जमा हुए हैं।  

संत पापा ने पनामा के भौगोलिक स्थिति पर गौर करते हुए कहा कि यह महासागरों एवं भूमि के बीच एक सेतु के रूप में अमरीका महाद्वीप का सबसे पतला देश है जो संबंध और मैत्री स्थापित करने के उत्पन्न स्थिरता का प्रतीक है। इसी क्षमता ने पनामा के लोगों के हृदय को गढ़ा।  

सभी नेताओं को उनकी जिम्मेदारियों का स्मरण दिलाते हुए संत पापा ने कहा कि देश के निर्माण में सभी का अपना खास स्थान है तथा सभी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जाता है कि यह भूमि समाह्वान और मुलाकात की भूमि बने। इसके लिए निर्णय, प्रतिबद्धता और दैनिक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी को यह महसूस करने का अवसर मिले कि वे अपने भाग्य और अपने परिवार एवं पूरे राष्ट्र के एजेंट हैं।

संत पापा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिष्ठा को श्रेष्ठ शिक्षा तथा प्रतिष्ठित नौकरी प्राप्त करने के द्वारा पहचाना जा सकेगा तो इस बात का एहसास करने में मदद देगा कि प्रतिभाशाली और उन लोगों की रचनात्मक गतिशीलता को पहचानना और उसकी सराहना करना संभव है। यह एक ऐसी औषधि है जो उस प्रकार के संरक्षक बनने की आजादी से बचायेगा जो नागरिकों की प्रतिष्ठा को कम आंकता, खासकर, जो सबसे गरीब हैं।

समाह्वान की भूमि होने का अर्थ है, मनाना, स्वीकार करना तथा हर प्रकार के लोगों की खासियत को सुनना तथा भविष्य की आशा के लिए एक साथ काम करना क्योंकि सार्वजनिक वस्तुओं को कुछ लोगों के लाभ से तभी बचाया जा सकता है जब व्यक्ति के सामान को न्याय के साथ साझा करने का एक दृढ़ निश्चय हो।   

संत पापा ने कहा कि युवा पीढ़ी, जो अपनी आनन्द और उत्साह के साथ, अपनी स्वतंत्रता  संवेदनशीलता और अपनी क्षमता के साथ आगे बढ़ रही है वह वयस्कों और विशेष रूप से नेतृत्व की भूमिका निभाने वाले लोगों से उम्मीद करते हैं कि वे सम्मान तथा अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए करें। युवा आशा करते हैं कि देश के नेता अन्य नागरिकों तथा हमारे विश्व के प्रति जिम्मेदारी की भावना के साथ सादगी और पारदर्शिता का जीवन जीयें। यह एक ऐसा जीवन जीने का आह्वान है जो दर्शाता है कि सार्वजनिक सेवा ईमानदारी और न्याय का पर्याय है तथा हर प्रकार के भ्रष्टाचार का विरोध करता है। युवा समर्पण की मांग करते हैं जिसकी शुरूआत हम ख्रीस्तीय कर सकते हैं ताकि व्यक्ति ही सबकुछ का केंद्र बन सके।    

पनामा एक सपना की भूमि

संत पापा ने कहा कि पनामा को न केवल व्यापार का केंद्र अथवा व्यक्तियों का पारगमन करने वाला स्थान कहा जा सकता है बल्कि यह आशा का केंद्र भी है। यह एक मिलन स्थान है जहाँ युवा पाँच महादेशों से आशा तथा स्वप्न से भर कर आ सकते हैं, उत्सव मना सकते, एक-दूसरे से मिल सकते, प्रार्थना कर सकते, अपनी चाह को प्रज्वलित कर सकते तथा अधिक मानवीय विश्व के निर्माण हेतु समर्पित हो सकते हैं। दूसरी दुनिया संभव है और हम जानते हैं कि युवा इसके निर्माण में हमारे सहयोग का आग्रह करते हैं ताकि हमारा सपना अल्पकालिक अथवा हवाई बनकर न रहे बल्कि सामाजिक अनुबंध को बढ़ावा दे जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को कल के लिए सपने देखने का अवसर मिले। भविष्य का अधिकार भी मानव अधिकार है।

संत पापा ने रिकार्डो मिरो के शब्दों की याद करते हुए पनामा के बारे कहा, "जब मैं तुझे देखता हूँ, मेरी मातृभूमि तो लगता है कि ईश्वर ने तुझे अपनी इच्छा के अनुसार बनाया ताकि सूर्य के नीचे, तुझपर सारी मानव जाति एक साथ आ सकती है।"

संत पापा ने पनामा यात्रा की सफलता हेतु नेताओं के सहयोग के लिए पुनः आभार प्रकट किया तथा सार्वजनिक भलाई के कार्य में आशा एवं आनन्द की कामना की।

अंत में उन्होंने समस्त पनामा को अंतिग्वा की संत मरियम को समर्पित किया।   

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25 January 2019, 16:01