खोज

पोंटिफिकल अकाडमी फॉर लाइफ के सदस्यों के साथ संत पापा 25 जून 2018 पोंटिफिकल अकाडमी फॉर लाइफ के सदस्यों के साथ संत पापा 25 जून 2018 

जीवन के लिए अकादमी:बंधुता की मानवतावाद को बढ़ावा देना

पोंटिफिकल अकाडमी फॉर लाइफ की नींव की 25 वीं वर्षगांठ पर, संत पापा फ्राँसिस ने सदस्यों से मानव भाईचारे और जीवन के मानवतावाद को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 16 जनवरी (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने संत पापा जॉन पॉल द्वितीय द्वारा शुरु की गई पोंटिफिकल अकाडमी फॉर लाइफ की 25 वीं वर्षगांठ पर "मानव समुदाय" को केंद्रित करते हुए अध्यक्ष महोदय को एक पत्र लिखा।

ईश्वर का सपना     

संत पापा ने कहा," दुनिया को बनाने से पहले ही मानव समुदाय ईश्वर का सपना है," हमें "ईश्वर के प्यार और रचनात्मक कार्यों के प्रति अपनी जागरूकता को बढ़ानी चाहिए।" "हमारे समय में, कलीसिया एक बार पुनः जीवन के मानवतावाद को आगे बढ़ाने के लिए बुलाई जाती है क्योंकि ईश्वर का जुनून मनुष्य है।”

आपातकाल की स्थिति

पोंटिफिकल अकाडमी फॉर लाइफ के इतिहास की संक्षिप्त समीक्षा के बाद, संत पापा फ्राँसिस ने मानवता की वर्तमान "गंभीर समस्याओं" को रेखांकित किया। विशेष रूप से, उन्होंने "पृथ्वी के इतिहास और लोगों के साथ हमारे संबंधों में मौजूद आपातकाल की स्थिति" पर ध्यान दिया। आम भलाई की कीमत पर खुद के लिए चिंता में निहित इस आपातकाल ने विरोधाभास पैदा किया है: आर्थिक लाभ और तकनीकी प्रगति के बावजूद, मानवता खुद को "सबसे कड़वे विभाजन की शुरुआत करने और बुरे सपनों" में पाती है।

कलीसिया के लिए एक मुश्किल काम

संत पापा ने कहा कि कलीसिया “विभाजन, उदासीनता और शत्रुता" आदि नकारात्मकता के खिलाफ प्रतिक्रिया करने के लिए बुलायी गई है यह कलीसिया के लिए एक मुश्किल काम है। इसे समकालीन आपातकाल के गुरुत्वाकर्षण को पहचानने में विफल होने का खतरा है। उन्होंने कहा, "यही समय है,एक नई दृष्टि का, जिसका उद्देश्य लोगों के बीच भाईचारे और एकजुटता के मानवतावाद को बढ़ावा देना है।"

अकाडमी के भविष्य के बारे में बात करते हुए,संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "हमें आज पुरुषों और महिलाओं की भावनाओं में प्रवेश करने की आवश्यकता है, जिससे सुसमाचार का संदेश उनके ठोस अनुभव में अवतरित हो।" उन्होंने उम्मीद जताई कि पोंटिफ़िकल अकाडमी फ़ॉर लाइफ सामान्य भलाई की सेवा में साहसी संवाद के लिए एक जगह हो सकती है।” संत पापा ने विशेष रूप से, सार्वभौमिक मानदंड प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने, साथ ही अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संबंधों की समझ को गहरा करने के बारे में बातें कीं। उन्होंने, विशेष रूप से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, नानोटेक्नोलोजी और रोबोटिक्स का उल्लेख करते हुए, "उद्भव" और "अभिसारी" प्रौद्योगिकियों का लगातार अध्ययन करने को कहा।

आधुनिकता का अप्राप्य वादा

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "आधुनिक शहर के भीतर विकसित होने वाली दवा, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और राजनीति को भी उपनगरों  और दूरवर्ती इलाकों द्वारा दिए गए फैसले के अधीन रहना चाहिए।" "वह भाईचारा आधुनिकता का अप्राप्य वादा है।"

"भाईचारे को मजबूत करने के बारे", उन्होंने निष्कर्ष में कहा कि "आत्मा और सत्य में ईश्वर की आराधना द्वारा मानव परिवार की रचना करना, ख्रीस्तियता का नया मोर्चा है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

16 January 2019, 16:07