व्यक्तिगत प्रार्थना की विशेषता
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 13 दिसम्बर 2018 (रेई)˸ लोग कई तरह से प्रार्थना करते और ईश्वर के साथ अपना संबंध जोड़ते हैं। कलीसिया में दो तरह की प्रार्थनाओं को विशेष महत्व दिया जाता है, सामूहिक एवं व्यक्तिगत।
सामूहिक प्रार्थना वह है जिसमें कलीसिया के कई सदस्य एक साथ प्रार्थना करते हैं जिसको प्रोत्साहन देते हुए येसु ने भी कहा है कि जहाँ दो या दो से अधिक मेरे नाम पर प्रार्थना करते हैं, मैं वहाँ उपस्थित रहता हूँ। व्यक्तिगत प्रार्थना में व्यक्ति अकेला, एकान्त में और कहीं पर भी मन ही मन प्रभु से प्रार्थना कर सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह समुदाय से अलग होकर प्रार्थना करता है।
संत पापा फ्राँसिस ने व्यक्तिगत प्रार्थना को प्रोत्साहन देते हुए 13 दिसम्बर के ट्वीट संदेश में कहा, "जब हम अकेले प्रार्थना करते हैं तब भी हम ईश्वर की सारी प्रजा के साथ मिलकर प्रार्थना करते हैं।"
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