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सारदेनिया के स्वयंसेवकों के साथ सन्त पापा फ्राँसिस सारदेनिया के स्वयंसेवकों के साथ सन्त पापा फ्राँसिस 

बुलाहट पर सन्त पापा की भेंटवार्ता, नई पुस्तक होगी प्रकाशित

सन्त पापा फ्राँसिस के साथ बुलाहटों पर बातचीत सम्बन्धी एक नई पुस्तक का विमोचन, विश्व के विभिन्न राष्ट्रों में एक साथ तीन दिसम्बर को किया जा रहा है। इस नई पुस्तक का शीर्षक है, "बुलाहट की शक्ति"।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी


वाटिकन सिटी, शनिवार, 1 दिसम्बर 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस के साथ बुलाहटों पर बातचीत सम्बन्धी एक नई पुस्तक का विमोचन, विश्व के विभिन्न राष्ट्रों में एक साथ तीन दिसम्बर को किया जा रहा है. स नई पुस्तक का शीर्षक है, "बुलाहट की शक्ति".

समर्पित जीवन के मिशन पर केन्द्रित

120 पृष्ठों वाली यह पुस्तक स्पेन के पत्रकार और मिशनरी फेरनानदो प्रादो के साथ लगभग चार घण्टों तक हुई सन्त पापा फ्राँसिस की बातचीत पर रची गई है तथा इसका अनुवाद, चीनी सहित, दस भाषाओं में किया गया है. दन दिसम्बर को सभी भाषाओं में एक साथ इसका विमोचन किया जा रहा है. पुस्तक बुलाहटों तथा समर्पित जीवन के मिशन एवं उसके विभिन्न आयामों पर केन्द्रित है. इसके अतिरिक्त, उक्त भेंटवार्ता कलीसियाई जीवन के समसामयिक विषयों पर भी प्रकाश डालती है.

याजकवाद समर्पित जीवन की महान चुनौती

पत्रकार एवं मिशनरी फेरनानदो प्रादो की मुलाकात सन्त पापा फ्राँसिस के साथ वाटिकन के सन्त मर्था भवन में विगत 09 अगस्त को हुई थी. इस पुस्तक में सन्त पापा फ्राँसिस समर्पित जीवन में आनेवाली कठिनाइयों एवं चुनौतियों पर चर्चा करते हैं तथा कहते हैं कि समर्पित जीवन यापन के इच्छुक लोगों के समक्ष सर्वाधिक महान चुनौती है याजकवाद अथवा वैचारिकी में पड़ना. उन्होंने कहा, "जैसा कि हम देख रहे हैं, याजकवाद बहुत सी समस्याओं की जड़ है. यौन दुराचार के मामलों के पीछे भी याजकवाद ही छिपा है इसलिये प्रशिक्षण काल ​​के दौरान इस तथ्य पर विशेष ध्यान देने की नितान्त आवश्यकता है."

इस नई पुस्तक के तीन अध्याय, अतीत के लिये धन्यावाद ज्ञापन, वर्तमान को उत्साहपूर्वक जीना तथा भविष्य को आशा के साथ निहारना, द्वितीय वाटिकन द्वारा इंगित, कलीसिया के परमाध्यक्ष के मार्गदर्शन में नवीनीकरण की प्रक्रिया है जिसकी अनुभूति समस्त समर्पित लोगों को होनी चाहिये. सन्त पापा कहते हैं कि हमें अतीत पर इस क़दर दृष्टि नहीं डालनी चाहिये मानों वह किसी संग्रहालय का टुकड़ा हो बल्कि वर्तमान तथा भविष्य के लिये अपनी जड़ों से प्रेरणा पाने के लिये अतीत का इतिहास महत्वपूर्ण है. 

निष्कपट हृदय से निर्धनों की मदद का आह्वान

पत्रकार एवं मिशनरी प्रादो के साथ बातचीत में सन्त पापा निर्धनता के कलंक तथा लाखों निर्धनों की व्यथा पर भी ध्यान आकर्षित कराते हैं और कहते हैं कि निर्धनों और हाशिये पर जीवन यापन करनेवालों के प्रति केवल सहानुभूति दर्शाना ही पर्याप्त नहीं है अपितु निष्कपट हृदय से उनकी मदद को आगे आना प्रत्येक ख्रीस्तीय धर्मानुयायी का परम दायित्व होना चाहिये.

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01 December 2018, 11:51